मकेर जहरीली शराब कांड: पीड़ितों से पप्पू यादव ने की मुलाकात, बोले- बिहार में शराबबंदी का क्या मतलब है?

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Published : Aug 6, 2022, 9:53 PM IST

pappu yadav on maker liquor case

बिहार के छपरा में जहरीली शराब कांड के पीड़ित परिवारों से जाप प्रमुख पप्पू यादव (Pappu Yadav JAP) ने मुलाकात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया. इस दौरान उन्होंने शराबबंदी को लेकर सवाले उठाए. पढ़ें पूरी खबर..

छपरा: शराबबंदी ( Liquor Ban In Bihar) वाले बिहार में जहरीली शराब (Poisionous Liquor In Chapra) से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मकेर प्रखंड के फुलवरिया पंचायत के भाथा नोनिया टोली में जहरीली शराब से अबतक 11 लोग अपनी जान गवां चुके हैं जबकि 16 लोगों का छपरा और पटना के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. ऐसे में मृतकों के परिजनों से मिलने जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ( pappu yadav on maker liquor case) पहुंचे. इस दौरान पप्पू यादव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.

पढ़ें- मकेर कांड में 11 मरे 17 की हालत गंभीर, जहरीली शराब से अब तक हो चुकी है सैकड़ों की मौत

पप्पू यादव का सरकार पर हमला: पप्पू यादव ने कहा कि शराबबंदी का कोई मतलब नहीं रह गया है, जब लोग शराब पीकर लगातार मर रहे हैं. पिछले 6 महीने के अंदर सारण जिले में लगभग 2 दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत शराब से हो गई है. ऐसे शराबबंदी का क्या फायदा? शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है. माफियाओं का संबंध सरकार के नेताओं से है.

"सब भाजपाइयों के द्वारा कराया जा रहा है. दोषियों के खिलाफ एफआईआर नहीं किया गया है. ये सब नेता से मिले हुए हैं. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट बदल दी जाती है."- पप्पू यादव, जाप प्रमुख

जहरीली शराब से मौत पर उठाए सवाल: पप्पू यादव ने कहा कि हमें जब जानकारी मिली कि जहरीली शराब से लोगों की मौत हो गई है. लोगों के पास खाने के लिए पैसे नहीं थे. कफन तक का पैसा मैंने भेजा. लोगों के पास दवाई खरीदने तक के पैसे नहीं थे. गाड़ी नहीं मिलने पर एक मां ठेले से अपने बेटे को लेकर जाने को विवश थी. इसके लिए भी हमें लड़ना पड़ा. मोबाइल पर कभी रूढ़ी लिखिए और देखिये क्या रिजल्ट आता है. बालू का धंधा करते हैं, शराब और एंबुलेंस का धंधा करते हैं और एमपी भी बनते हैं.

पहले भी जा चुकी है जान: बता दें कि सारण जिले में इससे पहले भी जहरीली शराब का दंश लोगों को झेलना पड़ा था. एक बार फिर इसके कारण कई घरों के चिराग बुझ गए. अब तक 11 लोगों की मौत हो गई है वहीं दर्जनों लोग बीमार हैं. यहां कई लोगों की आंखों की रोशनी भी धुंधली हो गई है. परिजनों व ग्रामीणों के अनुसार, सभी की मौत संदिग्ध पेय पदार्थ पीने से हुई है. पिछले सोमवार की रात को पानापुर थाना क्षेत्र के रामदासपुर गांव में संदिग्ध हालात में दो लोगों की मौत हो गयी थी और चार बीमार हो गये थे.

पिछले साल हुई थी 90 लोगों की मौत : बिहार में जहरीली शराब से अब तक करीब सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है सिर्फ साल 2021 की बात करें तो 13 अलग-अलग घटनओं में बिहार के विभिन्न जिले में 90 लोगों की मौत हुई थी. हालांकि जहरीली शराब से मौत के आंकड़े भी कहीं न कहीं बिहार पुलिस की ओर से छुपाए गए हैं. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद यह कोई पहली मौत नहीं है इससे पहले भी बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है.14 मई 2022 औरंगाबाद और गया में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हुई थी. मरने वाले में औरंगाबाद जिले और गया के 3 लोग शामिल थे. प्रशासन ने दोनों जगहों पर तीन- तीन लोगों की मौत से पुष्टि की थी. 14 मार्च 2022 को गोपालगंज जिले में जहरीली शराब से 4 लोगों की मौत हो गई थी. जिनमें तीन कुचायकोट थाने के शिवराजपुर गांव के और 11 पेंडुला राम सिंह गांव के रहने वाले थे.

3 नवंबर 2021 को बिहार के गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हुई थी. पश्चिम चंपारण के नौतन प्रखंड के बेलवा गांव में दीपावली की पूर्व रात्रि के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में 15 लोगों की मौत हुई थी.साल 2021 में जहरीली शराब का खाता मुजफ्फरपुर में 17 और 18 फरवरी 2021 को कटरा थाने के इलाके में 5 लोगों की मौत से खुला था.यही नहीं 26 फरवरी को भी मुजफ्फरपुर के मनियार स्थित विशनपुर गिद्दा में दो ग्रामीणों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी. फिर 28 अक्टूबर 2021 को भी मुजफ्फरपुर केसरिया थान क्षेत्र के रुपौली और विसापुर पट्टी गांव में जहरीली शराब से 8 लोगों की मौत हुई थी.वही जहरीली शराब से मौत की बड़ी घटन नवादा में होली के दौरान भी हुई थी जब टाउन थान क्षेत्र के गांव में 16 से अधिक लोगों की जान गई थी. होली के बाद जलइली शराब से बेगूसराय के बखरी में दो लोगों की मौत हुई थी.

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