छपरा के सैंड आर्टिस्ट अशोक ने दी बापू को श्रद्धांजलि, सरयू नदी के किनारे बालू पर उकेरी तस्वीर

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Published : Oct 2, 2022, 9:49 PM IST

महात्मा गांधी

देशभर में 2 अक्टूबर (2nd October) का दिन गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के तौर पर मनाया जाता है. गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था. बिहार के सुदर्शन पटनायक रूप में मशहूर छपरा के अशोक ने आज सरयूनदी के किनारे बालू से महात्मा गांधी की प्रतिमा उकेरी और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की (Gandhi Jayanti 2022).

छपरा(सारण): गांधी जयंती (Gandhi Jayanti 2022)के मौके पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित कर बापू को याद किया जा रहा है. महात्मा गांधी की जयंती पर बिहार के सुदर्शन पटनायक (Sudarshan Patnaik of Bihar) रूप में मशहूर छपरा के अशोक ने आज सरयूनदी के किनारे बालू से महात्मा गांधी की प्रतिमा उकेरी और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है. भारतीय स्वतंत्रता इतिहास में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सर्वोच्च स्थान है उन्होंने भारत की आजादी के लिए काफी संघर्ष किया. अहिंसक आंदोलन चलाकर अंग्रेजाें को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया.

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बालू पर आकर्षक प्रतिमाः बिहार के सुदर्शन पटनायक के रूप में चर्चित अशोक अपने हाथों से बनी कलाकृतियों के लिए जाने जाते हैं. बालू पर कई आकर्षक प्रतिमा बनाकर लोगों का दिल जीत चुके हैं. इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया है. कई राजनेताओं और ज्वलंत विषय पर बालू से अपने हाथों से प्रतिमाएं बनायी हैं. अशोक एक अच्छे तैराक और गोताखोर भी माने जाते हैं. इसके साथ ही यह कला पंक्ति नाम का एक आर्ट स्कूल भी चलाते हैं. जिसमें डांसिंग औरआर्ट की शिक्षा दी जाती है. अशोक के नाम एक और रिकॉर्ड है अशोक हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को सरयू नदी के गहरे पानी में 50 फीट का लंबा तिरंगा ध्वज फहराते हैं.

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अहिंसा बापू की सबसे बड़ी ताकत थीः देशभर में 2 अक्टूबर (2nd October) का दिन गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के तौर पर मनाया जाता है. गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था. सत्य और अहिंसा के सिद्धांत बापू की सबसे बड़ी ताकत थी. सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए उन्होंने देश को आजाद कराने को लेकर कई आंदोलन किए और अंग्रेजो को फिर भारत छोड़कर जाने पर मजबूर होना पड़ा.

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