सारण: जिले में इन दिनों आई बाढ़ से हर कोई परेशान है. तरैया, मशरक, अमनौर, मकेर और परसा सहित दरियापुर प्रखंड के लोगों की परेशानी काफी बढ़ी हुई है. लोग बाढ़ के कारण सड़कों और नहरों के बांध पर शरण लिए हुए हैं. इन लोगों को अपने परिवार के साथ मवेशियों के लिए चारा जुटाने में भी काफी परेशानी हो रही है.
लोगों ने बताया कि किसी तरह की सरकारी सहायता नहीं मिलने के कारण जुगाड़ कर आशियाना बनाए हुए हैं. प्लास्टिक का तंबू बनाकर रह रहे हैं. अपने और परिवार के लोग ही उस तंबू में बड़ी मुश्किल से रह पाते हैं. ऐसे में जानवरों को बाहर खुले में रखना पड़ता है. वहीं, कभी-कभी तेज हवा और बारिश होने पर परेशानी बढ़ जाती है. सभी भींगने पर मजबूर हो जाते हैं. लेकिन स्थानीय प्रशासन या कोई भी नेता हम सबों की हाल-चाल जानने के लिए नहीं पहुंचते हैं.
सरकार की ओर से नहीं मिल रही कोई मदद
इसके साथ ही बाढ़ पीड़ित लालू राय और हरेश्वर राय ने बताया कि सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है. हम सब किसी तरह से गुजर बसर कर रहे हैं, पर मवेशियों के लिए चारे की समस्या हो रही है. सारा भुसा तो बाढ़ के पानी में बह गया या फिर पानी में भींग गया. साथ ही इन लोगों ने बताया कि यहां के लोगों का व्यवसाय ही दुध बेचना है. इसी से उनका घर चलता है. लेकिन चारा नहीं मिलने के कारण मवेशियों ने दूध देना कम कर दिया है. इससे व्यवसाय ठप है.
पशुपालकों तक पहुंचाया जा रहा चारा
वहीं, मढौरा के अनुमंडल पदाधिकारी विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि सूचना के आधार पर पशुपालकों के पास चारा पहुंचाया जा रहा है. चारे की उपलब्धता को लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी को लेटर लिखा गया है. कई जगहों पर चारे का वितरण किया गया है. बांकी जगहों पर चारे की उपलब्धता होने पर वितरण किया जाएगा.
दावे की खुल रही पोल
बता दें कि जिला प्रशासन बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर लाख दावे करे वो सभी बाढ़ के समय में फिसड्डी साबित होती है. बाढ़ से परेशान लोग सरकार के दावे की पोल खोल रहे हैं. किसी तरह की मदद नहीं मिलने के कारण लोगों में काफी गुस्सा है.