तटबंधों पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों के सामने मवेशियों के लिए चारे की समस्या

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Published : Aug 11, 2020, 8:31 AM IST

Cattle feed problem due to flood in Rohtas

बाढ़ के कारण ऊंचे जगहों और तटबंधों पर शरण लिए हुए लोगों के सामने रहने के साथ खाने की भी समस्या है. इसके साथ ही मवेशियों के लिए भी चारे की उपलब्धता नहीं होने के कारण काफी परेशानी हो रही है. ये सभी बाढ़ पीड़ित जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल रहे हैं.

सारण: जिले में इन दिनों आई बाढ़ से हर कोई परेशान है. तरैया, मशरक, अमनौर, मकेर और परसा सहित दरियापुर प्रखंड के लोगों की परेशानी काफी बढ़ी हुई है. लोग बाढ़ के कारण सड़कों और नहरों के बांध पर शरण लिए हुए हैं. इन लोगों को अपने परिवार के साथ मवेशियों के लिए चारा जुटाने में भी काफी परेशानी हो रही है.

लोगों ने बताया कि किसी तरह की सरकारी सहायता नहीं मिलने के कारण जुगाड़ कर आशियाना बनाए हुए हैं. प्लास्टिक का तंबू बनाकर रह रहे हैं. अपने और परिवार के लोग ही उस तंबू में बड़ी मुश्किल से रह पाते हैं. ऐसे में जानवरों को बाहर खुले में रखना पड़ता है. वहीं, कभी-कभी तेज हवा और बारिश होने पर परेशानी बढ़ जाती है. सभी भींगने पर मजबूर हो जाते हैं. लेकिन स्थानीय प्रशासन या कोई भी नेता हम सबों की हाल-चाल जानने के लिए नहीं पहुंचते हैं.

Cattle feed problem due to flood in saran
मवेशियों के लिए चारे की समस्या

सरकार की ओर से नहीं मिल रही कोई मदद
इसके साथ ही बाढ़ पीड़ित लालू राय और हरेश्वर राय ने बताया कि सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है. हम सब किसी तरह से गुजर बसर कर रहे हैं, पर मवेशियों के लिए चारे की समस्या हो रही है. सारा भुसा तो बाढ़ के पानी में बह गया या फिर पानी में भींग गया. साथ ही इन लोगों ने बताया कि यहां के लोगों का व्यवसाय ही दुध बेचना है. इसी से उनका घर चलता है. लेकिन चारा नहीं मिलने के कारण मवेशियों ने दूध देना कम कर दिया है. इससे व्यवसाय ठप है.

Cattle feed problem due to flood in saran
किसी तरह बाढ़ के पानी से बचाए हुए चारे को सुखाते किसान

पशुपालकों तक पहुंचाया जा रहा चारा
वहीं, मढौरा के अनुमंडल पदाधिकारी विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि सूचना के आधार पर पशुपालकों के पास चारा पहुंचाया जा रहा है. चारे की उपलब्धता को लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी को लेटर लिखा गया है. कई जगहों पर चारे का वितरण किया गया है. बांकी जगहों पर चारे की उपलब्धता होने पर वितरण किया जाएगा.

पेश है रिपोर्ट

दावे की खुल रही पोल
बता दें कि जिला प्रशासन बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर लाख दावे करे वो सभी बाढ़ के समय में फिसड्डी साबित होती है. बाढ़ से परेशान लोग सरकार के दावे की पोल खोल रहे हैं. किसी तरह की मदद नहीं मिलने के कारण लोगों में काफी गुस्सा है.

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