NGT के आदेश पर जिला प्रशासन ने तोड़ी 2 दर्जन से अधिक दुकानें, दुकानदारों को सता रहा बेरोजगारी का डर

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Published : Sep 4, 2021, 6:12 PM IST

दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर

सारण के खनुआ नाले पर बनी दुकानों को जिला प्रशासन ने एनजीटी के आदेश पर तोड़ा है. जिसका दुकानदार विरोध कर रहे हैं और मुआवजे के साथ दूसरी जगह स्थापित करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि स्थानीय लोग इसका स्वागत कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

सारण: बिहार के सारण में एनजीटी (NGT) के आदेश पर जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाओ अभियान (Anti Encroachment Campaign) चला रहा है. इस अभियान के तहत खनुआ नाले पर बनी 286 दुकानदारों में से 20 को प्रशासन ने शॉर्ट नोटिस (short notice) दिया और उनकी दुकान को तोड़ दिया. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा. इन दुकानों के हटाये जाने से दुकादारों और उनके परिजनों को रोजी-रोजगार की चिन्ता सता रही है. हांलाकि स्थानीय लोगों ने इस का स्वागत करते हुए कहा कि अतिक्रमण हटाए जाने से यहां के लोगों जलजमाव से छुटकारा मिलेगा.

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गौरतलब है कि एनजीटी के आदेश के आदेश पर जिला प्रशासन ने खनुआ नाले पर बनी दुकानों पर कार्रवाई की है और शाम तक तकरीबन 25 दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चल चुका है. दुकानों के तोड़े जाने से दुकानदारों में रोष है. दरअसल 1995 में जिला प्रशासन ने खनुआ नाला के ऊपर 286 दुकानें बनाकर स्थानीय दुकानदारों को आवटिंत किया था. लेकिन नाले के ऊपर दुकान बनाए जाने से नाले का प्रवाह अवरुद्ध हो गया और शहर में जल जमाव की स्थिति ने विकराल रूप धारण कर लिया. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. तब जाकर इन दुकानों को तोड़े जाने का आदेश मिला.

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एनजीटी का आदेश है कि खनुआ नाले पर बनी 286 दुकानों को तोड़कर नाले को वास्तविक स्वरूप प्रदान किया जाए. जिसको लेकर जिला प्रशासन ने आज कार्रवाई शुरू की है और दुकानदारों को नोटिस थमाया जा रहा है. नोटिस में यह कहा जा रहा है कि आप की अनुज्ञप्ति रद्द की जाती है और आप दुकानों को खाली कर दें.

प्रशासन की इस कार्रवाई का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है. लेकिन दुकानदारों ने कहा इससे वे बेरोजगार हो जाएंगे उनको कहीं स्थापित करने बंदोबस्त जिला प्रशासन को करना चाहिए. लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें न तो मुआवजा दिया जा रहा है और न ही उनको कहीं स्थापित किया जा रहा है. इससे उनके सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

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