सहरसा पुलिस की दबंगई, किक बॉक्सिंग खिलाड़ी को स्टेडियम से भगाया, विरोध करने पर की पिटाई

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Published : Oct 1, 2022, 9:10 AM IST

सहरसा में पुलिस पर छात्र की पिटाई का आरोप

सहरसा में जिला स्कूल के 12वीं के छात्र और किक बाॅक्सिंग खिलाड़ी के (kick boxing player was beaten) साथ सदर थाने में पदस्थापित दो पुलिस अधिकारियों ने मारपीट की है. मारपीट में छात्र घायल हो गया है और सदर अस्पताल में भर्ती है. छात्र ने एसपी से शिकायत की है.

सहरसा: बिहार के सहरसा में किक बॉक्सिंग खिलाड़ी व जिला स्कूल के 12वीं के छात्र ने सदर थाना में पदस्थापित दो पुलिस अधिकारियों (Police Accused of Beating Student in Saharsa) पर मारपीट का आरोप लगाया है. सदर अस्पातल में भर्ती घायल छात्र ने एसपी से शिकायत की है. जिला स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र एवं किक बॉक्सिंग खिलाड़ी, गांधी पथ निवासी स्व चंद्रिका राम के पुत्र सुशांत कुमार ने सदर थाना में पदस्थापित दो पुलिस पदाधिकारियों एसआई श्वेत कमल और एसआई विक्की रविदास के खिलाफ मारपीट की शिकायत की है.

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सदर अस्पताल में भर्ती है खिलाड़ीः सदर अस्पताल में भर्ती घायल छात्र के शरीर के कई हिस्से पर चोट के निशान दिख रहा हैं. उसके चेहरे, हाथ-पैर, कमर और अन्य हिस्से पर लाठी-डंडे और लप्पड़-थप्पड़ से जख्म बन गया है. सुशांत कुमार ने बताया कि पुलिस पदाधिकारियों ने उनके इंडोर स्टेडियम में आने-जाने और महंगे खेल में रुचि रखने की बात पर पिटाई की. खिलाड़ी ने बताया कि पुलिस पदाधिकारी कहने लगे यहां क्यों खेलने आते हो, यहां नेट कितना महंगा है पता है, इतना महंगा खेल खेलने के लिए कौन बोला तुमको, स्टेडियम में आने की कोई जरूरत नहीं है. इसके बाद उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट करने लगे. वहीं छात्र का आरोप काफी गंभीर है. छात्र ने एसपी से पुलिस पदाधिकारियों की शिकायत कही है. इस मामले पर वरीय पुलिस पदाधिकारी (हेड क्वाटर डीएसपी) जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि दोनों पुलिस अधिकारी के द्वारा छात्र के साथ किए गए दुर्व्यवहार की जांच की जाएगी.

क्या है पीड़ित छात्र का आरोपः छात्र सुशांत कुमार ने बताया कि वे बीते 28 सितंबर की शाम करीब 5 बजे स्थानीय इंडोर स्टेडियम घूमने गए थे. चूंकि वे खुद एक किक बॉक्सिंग के खिलाड़ी है. इसीलिए खेल के प्रति उन्हें काफी अभिरुचि रहती है. साथ ही वे जिला स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र भी और स्कूल की तरफ से खेल प्रतियोगिता में भाग भी लेते हैं. ऐसे में वे इंडोर स्टेडियम आते-जाते रहते है. साथ ही वहां खेलते भी हैं. उस दिन भी वे खेलने के लिए इंडोर स्टेडियम गए थे. जहां उन्हें सादे लिबास में मौजूद सदर थाना में पदस्थापित एसआई श्वेत कमल और विक्की रविदास के साथ इंडोर स्टेडियम आने और महंगे खेल खेलने की बात पर कहासुनी हो गई. उन्हें कहा गया कि यह महंगा खेल है. इस खेल में तुम क्यों आ रहे हो. यह इंडोर स्टेडियम है. यहां आप नहीं आ सकते. छात्र ने इसका विरोध किया तो दोनों पुलिसकर्मी ने उनका कॉलर पकड़कर लाठियों से पीटना शुरू कर दिया. छात्र ने बताया कि पिटाई का विरोध किए जाने पर, वे लोग उसे पकड़कर सदर थाना भी ले गए. जहां वे लोग सीसीटीवी कैमरा को घुमा कर फिर बेरहमी से पिटाई कर दी. साथ ही मुकदमे में फंसा देने की भी धमकी दी गई. इतना ही नहीं उन्हें सदर थाना में ही रोक रखा गया.

"स्टेडियम आने और किक बाॅक्सिंग जैसे महंगे खेल खेलने से पुलिस पदाधिकारियों ने मना किया. उसके बाद गाली गलौज करने लगे. फिर स्टेडियम आने से मना किया और बाहर जाने बोल दिया. इसका विरोध करने पर पीटने लगे" -सुशांत कुमार, पीड़ित खिलाड़ी

एसपी और डीआईजी से की शिकायतः छात्र ने आगे बताया कि उसे थाना में रोक लेने की जानकारी परिजन को मिली. इसके बाद उनके परिजन इलाके के कुछ प्रतिष्ठित लोगों को लेकर सदर थाना पहुंचे. वहां थानाध्यक्ष और दोनों पुलिस पदाधिकारी से अनुनय-विनय कर किसी तरह उनको थाना से बाहर लाया गया. लेकिन उसे काफी चोट लगी थी. इस कारण उसे सदर अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां वह अभी इलाजरत है. इसके बाद पीड़ित खिलाड़ी ने एसपी और कोसी रेंज के डीआईजी शिवदीप वामन लांडे को आवेदन सुपुर्द करते हुए खुद को अनुसूचित जाति का छात्र बताया है. साथ ही आरोपी दोनों पुलिस पदाधिकारियों पर उचित कानूनी कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाया है. इस मामले में हेडक्वार्टर डीएसपी एजाज हाशमी मणि ने बताया कि मामला फिलहाल उनके संज्ञान में नहीं है. अगर शिकायत दी गई है तो उनके शिकायत की जांच की जाएगी. दोषी पाए जाने पर पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी.

"खिलाड़ी के साथ मारपीट का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. अगर शिकायत दी गई है तो उनके शिकायत की जांच की जाएगी. दोषी पाए जाने पर पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी. यह भी देखना होगा कि क्या पुलिस पदाधिकारी ऑन ड्यूटी थे या फिर ऑफ ड्यूटी झगड़ा हुआ है. जो भी हो मामला में जांच के बाद ही कुछ किया जा सकता है" -एजाज हाशमी मणि, हेडक्वार्टर डीएसपी

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