VIDEO : 'संज्ञा की क्या परिभाषा है'.. बिहार के शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती तस्वीर

author img

By

Published : May 27, 2022, 10:10 PM IST

Updated : May 27, 2022, 10:41 PM IST

सहरसा में बिहार शिक्षा विभाग की पोल खुली

सहरसा में बिहार शिक्षा विभाग की पोल खुल (Bad Condition of Education Department in Saharsa) गई. जहां सहरसा डीएम आनंद शर्मा मैना मध्य विद्यालय निरीक्षण करने पहुंचे थे. वहीं पर लगे हाथ उन्होंने वहां मौजूद शिक्षिका से कुछ सवान पूछने लगे. जिलाधिकारी के एक भी सवाल का दोनों में से कोई एक भी नहीं दे पाई. जिसके बाद जिलाधिकारी को झिड़कते हुए डीएम ने कहा कि जब इन्हें ही पढ़ाने नहीं आता है तो बच्चों को क्या पढ़ाएंगी. पढ़ें पूरी खबर...

सहरसा: बिहार में शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education in Bihar) का दावा करती है. अच्छी शिक्षा का सूबे में विभाग लाख दावा कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. अभी हाल में ही नालंदा के वायलर बॉय सोनू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के सामने सरकारी शिक्षा व्यवस्था को पोल खोल चुका है. वहीं, अब शिक्षा विभाग के दावों का सच सहरसा में खुला है. जहां शिक्षिका को संख्या और पर्यवाची शब्द के बारे में पता ही नहीं था. सहरसा जिलाधिकारी आनंद शर्मा जिले के सोनवर्षाराज प्रखंड के मैना मध्य विद्यालय निरीक्षण करने पहुंचे थे. विद्यालय पहुंचते ही डीएम आनंद शर्मा शिक्षक की भूमिका में आ गए और मध्य विद्यालय मैना की शिक्षिका से सवाल करने लगे, जिसका एक भी जवाब वहां उपस्थित दोनों शिक्षिकाओं में सो कोई एक भी जवाब नहीं दे पाया.

ये भी पढ़ें- नालंदा बॉय सोनू कुमार ने पीएम को बताया अपना आदर्श, कहा-मिलना चाहता हूं नरेंद्र मोदी से

सरकारी शिक्षकों का हला बेहाल: गुरु जिसे छात्रों को पढ़ा-लिखा कर शिक्षित बनाना होता है, वो छात्र की भूमिका में खड़ा था. और टीचर डीएम साहेब थे. लेकिन शिक्षिका जिलाधिकारी के एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाई. इस दौरान डीएम ने क्लास रूम में मौजूद दोनों शिक्षिका से उनके सब्जेक्ट के बारे में पूछा और उन्होंने अपना सब्जेक्ट हिंदी बताई फिर क्या था, जिलाधिकारी ने क्लास रूम में मौजूद दोनों शिक्षिका से हिंदी विषय में ही पहला सवाल संख्या का परिभाषा पूछें जिसका जबाब वहां मौजूद दोनों शिक्षिका नहीं दे पाई. फिर जिलाधिकारी ने दूसरा सवाल कमल फूल का तीन पर्यावाची शब्द क्या होता है, पूछा. इसका भी जबाब दोनों शिक्षिका नहीं दे पाई. उसके बाद जिलाधिकारी ने पर्यावाची शब्द क्या होता है पूछे. लेकिन तीनों ही सवाल में दोनों शिक्षिका बंगला झांकने लगी.

DM के एक भी सवाल का जबाव नहीं दे पाई शिक्षिका: दोनों शिक्षिकाओं में से किसी एक ने भी जिलाधिकारी आनंद शर्मा के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाई. इस दौरान जिलाधिकारी के साथ वहां मौजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी को जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने कहा कि इन्हें खुद पता नहीं तो बच्चों को क्या पढायेंगी. अब सवाल उठता है की जिस शिक्षक और शिक्षिकाओं को पढ़ा-लिखा कर बच्चों को देश का जिम्मेदार नागरिक बनाना होता है. वो ही शिक्षित नहीं हैं तो बच्चों को क्या पढ़ाएंगी. शिक्षक और शिक्षिका को खुद अपनी जिम्मेदारी की जानकारी नहीं हो और खुद शिक्षा की उन्हें पहले जरूरत हो तो ऐसे में बच्चों को पढ़ा-लिखाकर देश का भविष्य कैसे सवांरेंगी, बच्चों को देश का जिम्मेदार नागरिक कैसे बना पायेंगी. ऐसे शिक्षक ही शिक्षा विभाग के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावों का पोल खोलकर रख देते हैं.

वायरल हुआ था सोनू का वीडियो: कहते हैं कि बच्चों में भगवान बसते हैं. बच्चे कभी झूठ नहीं बोलते. नालंदा के एक बच्चे ने इसी कहावत को चरितार्थ कर दिखाया था. नालंदा का हरनौत प्रखंड (Harnaut Block of Nalanda) के अंतर्गत नीमा कौल गांव के क्लास 6 में पढ़ने वाले छोटे से बच्चे सोनू कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हाथ जोड़कर सरकारी स्कूल की जगह प्राइवेट स्कूल में नामांकन कराने की गुहार लगाई थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल (Nalanda Sonu Viral Video) हुआ था.

शिक्षा और शराबबंदी की खोली पोल: छोटे से बच्चे ने नीतीश कुमार के सामने शिक्षा की बदहाली और शराबबंदी से सीएम नीतीश कुमार को अवगत कराया. सोनू ने बताया कि उसके पिता दही की दुकान से जो भी कमाते हैं. उसका उपयोग शराब पीने में लगा देते हैं. सोनू कुमार गरीब परिवार से होने के कारण मध्य विद्यालय नीमा कौल के सरकारी स्कूल में पढ़ता है, जहां शिक्षकों को भी अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा देना नहीं आती है, इसका खुलासा छोटे से बच्चे ने किया था.

ये भी पढ़ें- सोनू की सोनू ने सुन ली: अभिनेता ने 'नालंदा ब्वॉय' का पटना के इस स्कूल में कराया एडमिशन

ये भी पढ़ें- CM नीतीश से गुहार लगाने वाले 11 साल के सोनू की मदद के लिए अभिनेत्री गौहर खान ने की पेशकश, कहा- सपंर्क कराइये

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated :May 27, 2022, 10:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.