आचार संहिता के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह समेत 4 कोर्ट से बरी

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Published : Aug 22, 2022, 9:40 PM IST

आचार संहिता मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह बरी

सासाराम एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कांति सिंह को आचार संहिता के एक मामले में बरी कर दिया. कोर्ट से बरी होने के बाद पूर्व मंत्री ने खुशी जताते हुए कहा कि चुनावी रंजिश के तरह उन्हें फंसाया गया था. इसी मामले में चार और नेता बरी हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

रोहतास: बिहार में सासाराम एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कांति सिंह (Former Union Minister Kanti Singh) तथा काराकाट के पूर्व विधायक संजय यादव (Former MLA Sanjay Yadav) को आचार संहिता के एक पुराने मामले में बरी कर दिया. कोर्ट से दोषमुक्त किए जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राजद नेता कांति सिंह ने न्यायालय के प्रति आस्था जताते हुए धन्यवाद किया है.

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2009 लोकसभा चुनाव का मामला: दरअसल, वर्ष 2009 में बिक्रमगंज थाना क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन करने का एक मामला प्रकाश में आया था. इस मामले में 5 लोगों को आरोपित किया गया था। जिसमें एक व्यक्ति विजय यादव की पहले ही मृत्यु हो चुकी है. जबकि 4 आरोपियों को आज कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया.


'चुनावी रंजिश में फंसाया गया मुझे': कोर्ट से बरी होने के बाद राजद नेता डॉ. कांति सिंह (RJD Leader Kanti Singh) ने कहा कि उन्हें पहले से ही न्यायालय पर भरोसा था. उस वक्त के प्रशासन ने बेवजह उनको तथा अन्य कार्यकर्ताओं को चुनावी रंजिश में फंसा दिया था. आज दूध का दूध पानी का पानी हो गया और माननीय न्यायालय ने उन्हें बाइज्जत बरी किया है. इसके लिए कोर्ट को धन्यवाद करती हूं.

'न्यायालय पर मुझे पूरा भरोसा': वहीं पूर्व राजद विधायक संजय यादव ने कहा कि मुझे पहले से ही न्यायालय पर भरोसा रहा है. आचार संहिता के मामले में नाहक ही हमलोगों को फंसाया गया था. बेहद खुशी हुई कि आज हम लोग आरोप मुक्त हो गए. माननीय न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है. मुझे माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा था. जिसके फलस्वरूप आज हमें न्याय मिला है.

"मुझे बेहद खुशी है कि आज हमलोग आरोपमुक्त हो गए. बाइज्जत बरी हुए हैं, हमलोग निर्दोष थे. आचार संहिता के जो हमारे पदाधिकारी थे, उन्होंने हमलोगों को नाहक ही फंसाने का काम किया था. न्यायालय ने इस मामले में निष्पक्ष जांच किया और उसमें तमाम लोगों को बरी किया. इसलिए कहा जाता है कि न्यायालय पर भरोसा होना चाहिए. हमे भरोसा था कि न्याय मिलेगा और हमें न्याय मिला" - कांति सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री

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