शराबबंदी वाले बिहार में 'ड्रग्स मंडली', नेक्स्ट लेवल का नशा कर रहे पटना के युवा

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Published : Jan 10, 2022, 7:55 PM IST

पटना में युवा नशे की जद में

पटना में युवा नशे की जद में (Youth Addicted to Drugs in Patna) तेजी से आ रहे हैं. शराब भले ही आसानी से इन्हें नहीं मिलती हो, लेकिन गांजा और ब्राउन शुगर आसानी से मिल जा रहा है. ईटीवी भारत ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में दिखाने की कोशिश की है कि किस तरह से राजधानी में युवाओं को ब्राउन शुगर की लत (Brown Sugar Drugs Addiction) लगती जा रही है. देखें हमारी खास रिपोर्ट...

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2016 में बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) लागू किया था. इसके पीछे की यह सोच रही होगी कि आने वाले समय में युवाओं को शराब की लत ना लगे. साथ ही वे नशे की जद में न आ सके लेकिन ऐसा लगता है कि उनका नशामुक्त बिहार का सपना शायद ही पूरा हो सकेगा, क्योंकि आज हालात ऐसे हैं कि बिहार के 30 से 40 प्रतिशत युवा सूखे नशे की गिरफ्त में आ गए हैं. राजधानी पटना के लगभग हर इलाके में गांजा और ब्राउन शुगर का कारोबार (Hemp and Brown Sugar) फल-फूल रहा है.

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इस बाबत जब ईटीवी भारत की टीम ने जानकारी इकट्ठा शुरू किया तो सबसे पहले हमारे संवाददाता पटना के राजीव नगर थाना क्षेत्र में पड़ताल शुरू की. जहां कुछ युवाओं ने बताया कि इंद्रपुरी रोड नंबर 9 के यादव जी के खटाल में ब्राउन शुगर की पुड़िया 400 रुपए में मिलती है. इलाके के ही युवाओं ने खटाल पर ब्राउन शुगर लेकर आने के एवज में हमारे संवाददाता से 500 रुपए की डिमांड की. जब हमारे संवाददाता ने तस्वीरों में दिख रहे इन युवाओं को पैसे दिए तब इन्होंने इंद्रपुरी रोड नंबर 9 के यादव जी के खटाल से ब्राउन शुगर की पुड़िया खरीद लाया और उसके बाद सीधे हमारे संवाददाता को लेकर दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के राजीव नगर इलाके स्थित आवास के ठीक उसके बगल में मौजूद एक मकान में लेकर पहुंचे और वहां इन दोनों युवाओं ने बड़े आराम से इस ब्राउन शुगर की कश का आनंद उठाया. बिना किसी डर के हमारे संवाददाता को भी एक कश लेने का ऑफर दे डाला. जब हमारे संवाददाता ने उनसे पूछा यहां पुलिस का कोई डर तो नहीं तो उन्होंने कहा कि हुजूर पुलिस की तो छोड़िए, यहां परिंदा भी पर नहीं मारता.

देखें रिपोर्ट

वहीं, जब हमारे संवाददाता ने पटना के कंकड़बाग इलाके की छानबीन शुरू की तो हमें जानकारी मिली कि कंकड़बाग थाने से महज चंद कदम की दूरी पर जिस रास्ते से आप कंकड़बाग थाना की ओर प्रवेश करते हैं, ठीक उसी रास्ते में प्रवेश करते समय झुग्गी-झोपड़ी बनी हुई है. उसी झुग्गी-झोपड़ी में मौजूद कुछ युवतियां खुलेआम गांजे और ब्राउन शुगर की खेप को युवाओं में बेचा करती हैं. जब हमने कंकड़बाग थाना क्षेत्र में चल रहे इस सूखे नशे के खेल को अपने कैमरे में उतारना चाहा तो मौके पर ब्राउन शुगर का सौदा कर रही इन युवतियों को कुछ शक हुआ और उन्होंने पहले हमारे संवाददाता का मोबाइल और कैमरा अलग हटाकर बात करने को कह दिया.

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वहीं, इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पटना एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लो (Patna SSP Manav Jeet Singh Dhillon) ने कहा कि राजधानी पटना में जिस तरह से कि सूखे नशे की खेत की बिक्री खुलेआम हो रही है, इसकी जानकारी उन्हें अभी ही मिली है. उनका प्रयास होगा कि पूर्व में सूखे नशे की खेप को बेचने के आरोप में जो भी लोग जेल गए हैं, उनका डेटाबेस तैयार कर उनके वर्तमान गतिविधि पर नजर रखकर कार्रवाई की जाएगी.

दूसरी और एसएसपी ने बताया कि हर 3 महीने के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल कोआर्डिनेशन कमेटी के साथ पटना पुलिस की बैठक होती है. इसके साथ ही पटना पुलिस डीआरआई से संपर्क कर ऐसे सूखे नशे के कारोबार करने वाले लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की कवायद में जुट जाएगी. हालांकि एसएसपी पटना कहते हैं इस पूरे मामले में सबसे बड़ी समस्या यह सामने आती है कि नशे की खेप बाहर के राज्य या फिर पड़ोसी देशों से आती है. आने वाले दिनों में बॉर्डर से सटे सभी जिलों के पुलिस से कोआर्डिनेशन कर इस तरह की खेप बिहार और राजधानी पटना आने पर पूर्ण तरह से रोक लगाने की कवायद भी जल्द से जल्द शुरू की जाएगी.

"सबसे बड़ी समस्या यह सामने आती है कि नशे की खेप बाहर के राज्य या फिर पड़ोसी देशों से आती है. ऐसे में आने वाले दिनों में बॉर्डर से सटे सभी जिलों के पुलिस से कोआर्डिनेशन कर इस तरह की खेप पर पूर्ण रूप से रोक लगाने की कवायद जल्द शुरू की जाएगी"- मानव जीत सिंह ढिल्लो, एसएसपी, पटना

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आपको बताएं कि ब्राउन शुगर एक ऐसा नशा है, जिसका सेवन करने वाला इसे शुरुआत में दिन में दो बार ही लेता है. इसके बाद 10 से 15 दिनों में वह इस नशे का इतना आदी हो चुका होता है कि 24 घंटे में नशे में रहना चाहता है. कुछ वक्त के बाद तो ऐसे हालात हो जाते हैं कि नशा करने वाला व्यक्ति ब्राउन शुगर को पानी में मिला कर इंजेक्शन के जरिये अपने नस में इंजेक्ट करने लगता है. कई बार इजेक्शन शेयरिंग भी होती है, इससे एचआईवी का जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा भी बना रहता है. 100 से पांच रुपए तक इसकी कीमत होती है. इसके कारण युवा आसानी से इस नशे की चपेट में आ जाते हैं. इतना ही नहीं युवतियों में भी शराब, गांजा और सिगरेट का नशा करने की लत बढ़ रही है.

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