Year Ender 2022: जीरो टॉलरेंस नीति को बिहार सरकार ने सख्ती से किया लागू, कई अधिकारी नपे

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Published : Dec 29, 2022, 12:04 PM IST

Updated : Dec 30, 2022, 6:01 AM IST

2022 Bihar government action

साल 2022 में बिहार सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर जमकर कार्रवाई की. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग पूरे साल एक्शन मोड में दिखा. एक के बाद एक कई अंचलाधिकारियों को निलंबित किया गया. जानिए बिहार में कितने सीओ को विभाग ने रडार पर लिया और क्यों.. (year ender 2022)

पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लिए साल 2022 यादगार रहेगा. इस साल अगस्त माह से लेकर अब तक पूरे राज्य में वैसे सर्किल ऑफिसर का निलंबन हुआ जो किसी न किसी कारण से विभागीय कार्यों में शिथिलता बरत रहे थे या उनके ऊपर विभिन्न प्रकार के कर्तव्य हिंसा का आरोप लगा. अगस्त महीने में आलोक कुमार मेहता (Land Reforms and Revenue Minister Alok Mehta) द्वारा विभाग के मंत्री पद को संभालने के बाद विभाग की सख्ती का आलम यह है कि अब तक 16 सीओ को निलंबित किया जा चुका है और उन्हें मुख्यालय में अटैच किया जा चुका है. ( 2022 Bihar government action) (Many CO suspended in Bihar)

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एक के बाद एक हुए निलंबित: विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अगस्त माह में पहला निलंबन औरंगाबाद के दाउदनगर के अंचलाधिकारी विजय कुमार का हुआ. उनके ऊपर अवैध जमाबंदी कायम करने, बिना सक्षम प्राधिकार के आदेश के बिना ही जमाबंदी कायम करने, अवैध जमाबंदी कायम कराकर दोहरी लगान रसीद जारी कराने का आरोप लगा था. इसके बाद निलंबित होने वाले सीओ की जैसे झड़ी ही लग गई.

विभागीय स्तर पर निलंबित होने वाले सीओ में बिहार शरीफ के तत्कालीन अंचल अधिकारी सुनील कुमार वर्मा फुलवारी शरीफ पटना की तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी चंदन कुमार, गढ़नी, भोजपुर के तत्कालीन अंचल अधिकारी कुमार कुंदन लाल, ओबरा औरंगाबाद के अंचल अधिकारी अमित कुमार, कुचायकोट गोपालगंज के अंचल अधिकारी उज्जवल कुमार चौबे, काको जहानाबाद के तत्कालीन अंचलाधिकारी दिनेश कुमार, खिजरसराय गया के तत्कालीन अंचल अधिकारी विनोद कुमार चौधरी, करगहर रोहतास के तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी सूर्जेश्वर श्रीवास्तव, राजगीर नालंदा के तत्कालीन अंचल अधिकारी संतोष कुमार चौधरी और लखनौर मधुबनी के तत्कालीन अंचल अधिकारी रोहित कुमार के भी नाम शामिल हैं.

इसी प्रकार विभागीय स्तर पर जांच के घेरे में आने के बाद निलंबित होने वाले अंचल अधिकारियों में वैशाली के हाजीपुर के तत्कालीन अंचल अधकारी मुकुल कुमार झा, संपतचक पटना के तत्कालीन अंचल अधिकारी नंदकिशोर प्रसाद निराला, फुलवरिया गोपालगंज के अंचल अधिकारी श्यामसुंदर राय, बरौली गोपालगंज के अंचल अधिकारी कृष्णकांत चौबे और बिहार शरीफ नालंदा के तत्कालीन अंचल अधिकारी अरुण कुमार सिंह के भी नाम शामिल हैं.

कई तरह के हैं आरोप: विभागीय जानकारी के अनुसार इन सभी सीओ पर अलग-अलग प्रकार के आरोप लगे थे. जांच क्रम में प्रारंभिक स्तर पर उन्हें दोषी मानते हुए विभागीय स्तर पर यह कार्रवाई की गई. इन सीओ पर अवैध जमाबंदी कायम करने, अवैध कार्यालय खोलने, अतिक्रमण वाद में लापरवाही बरतने, गलत प्रपत्र में नोटिस निर्गत करने, राजस्व कार्यो/बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित विवादों में पारित आदेशों के अनुपालन में दिलचस्पी नहीं लेने, लापरवाही बरतने, रिश्वत लेते वक्त निगरानी के द्वारा गिरफ्तार होने, वरीय अधिकारियों के निर्देश के बावजूद वक्त पर कार्य का संपादन नहीं करने जैसे कई आरोप लगे थे। जिसकी जांच की गई. जांच में रिपोर्ट सही पाए जाने के बाद इन सभी पर विभागीय गाज गिर गई.

मंत्री कर चुके हैं आगाह: इस मामले पर टेलीफोन पर हुई बातचीत में राजस्व और भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि हमारा विभाग जनता से सीधे सरोकार रखता है. विभागीय स्तर पर कई बार सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट सूचना दी गई है कि कार्यों में लापरवाही या शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विभाग अपनी कार्यकुशलता को लेकर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा.

"विभाग की पहली कोशिश जनता को उसकी परेशानियों से निजात दिलाने की है. अगर अधिकारी सचेत नहीं होंगे और बेहतर तरीके से काम नहीं करेंगे, तो विभाग का चाबुक चलता रहेगा."- आलोक कुमार मेहता, राजस्व और भूमि सुधार मंत्री, बिहार

Last Updated :Dec 30, 2022, 6:01 AM IST
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