Bahubali Ritlal Yadav : रीतलाल यादव.. ऐसा बाहुबली जो जेल में रहकर बना MLC, अब ये है ख्वाहिश
Updated on: Jan 23, 2023, 7:05 PM IST

Bahubali Ritlal Yadav : रीतलाल यादव.. ऐसा बाहुबली जो जेल में रहकर बना MLC, अब ये है ख्वाहिश
Updated on: Jan 23, 2023, 7:05 PM IST
Bihar Politics बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर में एक नाम हमेशा से सुर्खियों में रहता है और वो नाम है रीतलाल यादव. आरजेडी विधायक रीतलाल यादव ने कहा कि वह कल भी बाहुबली थे, आज भी हैं और उम्मीद है कि आगे भी रहेंगे. वो हर तबके के लोगों के लिए काम करते हैं. इसी की साथ, उन्होंने कहा है कि अगर लालू यादव की बेटी मीसा भारती का आशीर्वाद उन्हें मिलता है तो पाटलीपुत्र सीट से 2024 लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी को हराएंगे.
पटना: दानापुर से आरजेडी विधायक रीतलाल यादव, बिहार के इस बाहुबली (Danapur Bahubali Ritlal Yadav) का नाम तो आपने जरूर सुना होगा. बिहार की राजधानी पटना और दानापुर के लोग तो इस नाम परिचित होंगे. लोग बताते है कि सालों जेल में बंद रहने के बाद भी इलाके में इस बाहुबली का वर्चस्व कायम है. लेकिन इस बाहुबली ने बड़ा बयान देकर बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है. रीतलाल यादव ने कहा है कि अगर महागठबंधन हमें पाटलीपुत्र सीट से टिकट देती है तो हम चुनाव लड़ेंगे.
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पाटलीपुत्र सीट से चुनाव लड़ेंगे रीतलाल यादव? : : अब आइये जानते कि आखिर कौन है रीतलाल यादव और इनकी चर्चा क्यों हो रही है. रीतलाल यादव को मुखिया के नाम से जाना जाता है. 1990 के दशक से ही रीतलाल यादव की दानापुर के इलाके में तूती बोलती है. इस बाहुबली की मर्जी के बगैर क्षेत्र में कोई काम नहीं होता है. एक वक्त था जब गंगा बालू से लेकर सोन बालू तक रीतलाल यादव की मर्जी चलती थी. पटना के कोथवां गांव के रहने वाले रीत लाल यादव कुछ सालों में ही अपराध की दुनिया में इतने चर्चित हो गए की पूरा पटना उनके नाम से कांपने लगा था.
रीत लाल यादव.. डॉन से बाहुबली तक का सफर : रीत लाल यादव ने पटना से सटे दानापुर रेलवे स्टेशन में अपना पैर जमाया और वहां के हर टेंडर पर अपना कब्जा कर लिया. कहा जाता है कि अगर किसी ने भी रीत लाल यादव के रेलवे पर अवैध कब्जे को लेकर आवाज उठाई तो वो खुद उठ गया. रीत लाल की पहचान बिहार के डॉन के रुप में में होने लगी. अब डॉन से बाहुबली बनने की तैयारी थी. दिनदहाड़े बीजेपी नेता सत्य नारायण सिंह की हत्या कर दी गई. आरोप रीत लाल यादव पर लगा, जिसके बाद डॉन अब बाहुबली बन गया. काफी दिनों तक रीत लाल यादव का खौफ पूरे इलाके में देखा गया. आखिरकार रीत लाल यादव को पुलिस ने कई मामलों में गिरफ्तार कर लिया.
लालू के खास रहे हैं रीतलाल यादव: रीतलाल यादव को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के खास रहे हैं. 2015 विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने उन्हें दानापुर से उम्मीवार बनाया था. लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद जेल में रहते ही रीतलाल ने निर्दलीय एमएलसी बन गए और अब विधायक हैं.
लिफाफे में कारतूस भेजकर मांगी थी रंगदारी : बाहुबली पर अपराधिक वारदातों की लंबी फेहरिस्त है, जिस वजह से वो कई सालों तक जेल में बंद रहें. रीतलाल यादव पर जेल में रहकर गैरकानूनी काम को अंजाम देने का आरोप भई लगता रहा. कुछ सालों पहले एक कोचिंग संस्थान के मालिक से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगा. रंगदारी नहीं देने पर संस्थान के मालिक को अंजाम भुगतने की धमकी दी गई थी. कुछ सालों पहले एक डॉक्टर को बंद लिफाफे में जिंदा कारतूस भेजकर 50 लाख की रंगदारी मांगने का आरोप लगा था.
हत्या, धमकी, डकैती, और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप : बता दें कि बाहुबली रीतलाल यादव सालों तक जेल में बंद रहे थे. हत्या, डकैती, मनी लॉन्ड्रिंग और धमकी जैसे मामलों में कई बार नाम आया. साल 2012 में ईडी ने रीत लाल यादव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था. रीतलाल कई सालों तक पटना की बेऊर जेल में बंद थे. लगभाग 10 साल बाद 29 अगस्त, 2020 को मनी लॉड्रिंग केस में रीतलाल यादव बेऊर जेल से बाहर आए और दानापुर जेल से उपनी उम्मीदवारी ठोक दी.
जेल से बाहर निकलते ही तोड़ा कानून: जमानत पर बाहर आते ही रीतलाल यादव ने एक बार फिर अपना शक्ति प्रदर्शन किया. लॉकडाउन के दौरान ही रीतलाल यादव गाड़ियों का काफिला लेकर अपने समर्थकों के साथ अपने क्षेत्र में जुट गए. जिसके बाद सरकारी आदेश का अल्लंघन करने के आरोप में रीतलाल यादव समेत 100 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. आखिरकार 2020 के विधानसभा चुनाव में रीतलाल यादव ने बीजेपी की आशा देवी को 16 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया.
