हाल-ए-पीएमसीएच! मरीजों के परिजनों को वॉशरूम के लिए जाना पड़ता है बाहर

author img

By

Published : Aug 31, 2021, 8:50 PM IST

पीएमसीएच

पीएमसीएच को बिहार के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में जाना जाता है. लेकिन वर्तमान में टाटा वार्ड में शिफ्ट किये गये इमरजेंसी अस्पताल में और उसके बाहर तमाम अव्यवस्था फैली है. जिससे मरीजों के साथ उनके परिजन भी परेशान हो रहे हैं.

पटना: राजधानी पटना में स्थित पीएमसीएच (PMCH) को सरकार प्रदेश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल (Hospital) होने का दावा करती है. पीएमसीएच के प्रशासनिक भवन के पास स्थित टाटा वार्ड (Tata Ward) में पिछले साल अस्पताल का इमरजेंसी भवन (Hospital Emergency Building) शिफ्ट किया गया था. जहां पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. इमरजेंसी में आने वाले मरीज भगवान भरोसे ही यहां रहते हैं. वहीं, मरीजों के परिजनों के लिए वार्डों में और अस्पताल परिसर में कोई सुविधा नहीं है. जिससे बारिश और धूप में इधर-उधर भटकते रहते हैं. परिसर में बनाये गये वाशरूम जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं. जिससे यहां आये लोगों को वाशरूम के लिए भी बाहर जाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- फर्जी डिग्री पर बन गए PMCH अधीक्षक! अब आरोपों की जांच करेगा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो

बिहारशरीफ के बिंद से पत्नी का इलाज कराने जितेंद्र कुमार ने बताया कि टाटा वार्ड में 3 दिनों से उनकी पत्नी एडमिट है. वे बाहर खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर दिन और रात का समय गुजारते हैं. रात में सोना होता है तो यहीं जमीन पर पेपर और पॉलिथीन बिछाकर सो जाते हैं. उन्होंने बताया कि बाथरूम की भी कोई सुविधा नहीं है. टाटा वार्ड के ठीक सामने टॉयलेट है. मगर वह बहुत ही बदहाल हालत में है. पीएमसीएच का बहुत बड़ा नाम सुने थे. मगर नाम के अनुसार यहां कुछ भी नहीं है.

देखें वीडियो

खगड़िया से आए धीरेंद्र कुमार ने बताया कि उनके परिजन टाटा वार्ड में एडमिट हैं. 3 दिनों से वह अस्पताल के बाहर खुले में समय काट रहे हैं. रात को खुले आसमान के नीचे ही सोते हैं. बारिश आती है तो तकलीफ बढ़ जाती है. यहां परिजनों के लिए कोई सुविधा नहीं है.

ये भी पढ़ें- PMCH में चिकित्सकों की कमी की मार झेल रहा ART सेंटर, HIV मरीजों को होती है परेशानी

पूर्वी चंपारण से पहुंचे सत्य प्रकाश झा ने कहा कि उनकी चाची टाटा वार्ड में पिछले 3 दिनों से एडमिट हैं. वे दिन-रात का समय खुले में व्यतीत कर रहे हैं. अस्पताल में अंदर स्थिति बदहाल है और वहां बहुत ज्यादा गंदगी है. अंदर गंभीर स्थिति में मरीज रहते हैं और इलाज के लिए उनका अंदर रहना जरूरी और मजबूरी भी है. लेकिन परिजन वार्ड के अंदर अधिक समय तक नहीं रह सकते क्योंकि गंदगी और बदबू बहुत ज्यादा रहती है.

उन्होंने कहा कि पीएमसीएच का बहुत बड़ा नाम प्रदेश में अभी भी है. मगर यहां पहुंचने पर पता चला कि नाम के अनुरूप यहां कुछ भी नहीं है और सुविधाओं के नाम पर सब कुछ नदारद है. यहां मरीज को न बेहतर माहौल में इलाज किया जाता है न ही परिजनों के ठहरने के लिए अस्पताल की तरफ से कोई व्यवस्था है. टाटा वार्ड के बाहर टॉयलेट टूटा है और अंदर गंदगी बहुत ज्यादा है. टॉयलेट भी अस्पताल से बाहर सार्वजनिक सुलभ शौचालय में पैसे देकर जाना पड़ता है. पीएमसीएच में सिर्फ कुव्यवस्था है.

ये भी पढ़ें- PMCH में ड्रेसर की भारी कमी, बाहर से भी बुलाकर करानी पड़ती है मरीजों की ड्रेसिंग

वहीं, इस मामले में ईटीवी भारत के संवाददाता ने पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर का पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया और कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.