बिहार की राजनीति के केन्द्र में युवा, RJD और BJP ने बनाया मास्टर प्लान!

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Published : Jun 20, 2022, 10:17 PM IST

राजद की नजर पर युवा मतदाता राजद की नजर पर युवा मतदाता

अग्निपथ स्कीम योजना (Agnipath Scheme Protest) को लेकर युवाओं के बीच काफी आक्रोश है. आरजेडी इस मौके को भुनाने में लगी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुलकर छात्रों को समर्थन दे रहे हैं. बिहार के सियासी गलियारों में युवा मतदाताओं को साधने के लिए सभी पार्टियां जोर लगा रही हैं. वहीं बीजेपी का कहना है कि राजद ए टू जेड की बात कहकर के लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजप्रताप तेजस्वी और मीसा भारती तक ही सीमित रहता है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: बिहार की राजनीति में अपने आक्रामक रवैया से सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन को परेशान करने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Oposition Leader Tejashwi Yadav) एक के बाद एक कई नए मुद्दों के साथ लोगों के बीच में आ रहे हैं. हाल के दिनों में देखें तो वह तेजस्वी ने अग्निपथ स्कीम को लेकर जिस तरीके से अपना आक्रामक रवैया अपनाया और युवाओं के बीच में अपनी बातों को पहुंचाने की पूरी कोशिश की, इससे अब राजद को यह लग रहा है कि उनकी पार्टी ए टू जेड के साथ युवाओं को भी अपने साथ लेकर बिहार में सफलता की नई इबारत को लिख सकती है.

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राजद की नजर युवा मतदाताओं पर: सूत्रों की मानें तो राजद पार्टी की नजर राज्य के युवा मतदाताओं (Politics on Youth Voters) पर है. पार्टी युवाओं के दम पर अपने बेहतर भविष्य की तरफ देख रही है. दरअसल बिहार देश का सबसे युवा राज्य है. करीब डेढ़ साल पहले सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के एक सर्वे में यह खुलासा हुआ था कि बिहार की करीब 60% की आबादी 25 साल से कम आयु वर्ग की है. इतनी बड़ी संख्या में युवाओं का होना अपने आप में बहुत मायने रखता है और युवा किसी पार्टी विशेष के साथ अपना झुकाव दिखाते हैं तो यह उस पार्टी के लिए एक प्लस पॉइंट भी साबित हो सकता है. राजद सूत्रों के अनुसार तेजस्वी की नजर ए टू जेड के साथ अब युवाओं के ऊपर है.

'यूथ आईकॉन के तौर तेजस्वी की पहचान': पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता भी इस बात से इत्तफाक रखते हैं. उन्होंने कहा कि जनता का रिस्पांस तो आपको जरूर पता होगा कि तेजस्वी यादव में कितना स्ट्रगल किया. अभी बिहार की 60% की आबादी 25 वर्ष के नीचे है तो 18 और 25 वर्ष की बड़ी जमात है. यह निश्चित रूप से तेजस्वी प्रसाद यादव को अपना यूथ आईकॉन मानती है. जिनकी उम्र मत डालने लायक नहीं हुई है, वह भी तेजस्वी को अपना आइकॉन मानते हैं. आरजेडी का एक पुराना बेस रहा है उसमें बुजुर्ग से लेकर हर वर्ग के लोग शामिल है. सभी ने तेजस्वी के 2020 के विधानसभा चुनाव में उनके कौशल को देखा है.

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी यादव ने बेहतरीन काम किया है. इससे बड़ा प्रमाण नहीं हो सकता है. वे जनता के मन में भी पूरी तरह से घर कर चुके हैं. तेजस्वी प्रसाद का विस्तार राज्य के बाहर भी होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस देश के चंद इक्के दुक्के यूथ आईकॉन मे तेजस्वी प्रसाद का नाम है. वे युवाओं की समस्याओं को एड्रेस करते हैं और उनके समाधान का रास्ता भी बताते हैं.

"युवा निश्चित रूप से तेजस्वी प्रसाद यादव को अपना यूथ आईकॉन मानती है, सभी मानते हैं. जिनकी उम्र मत डालने लायक नहीं हुई है, वह भी तेजस्वी को अपना आइकॉन मानते हैं और कौन कहता है कि बुजुर्ग लोग नहीं मानते हैं. आरजेडी का एक पुराना बेस रहा है उसमें बुजुर्ग, मैच्योर हर तरह के लोगों ने यह देख लिया है कि तेजस्वी के 2020 के विधानसभा चुनाव में उनके कौशल को और उसके बाद उनकी भूमिका को जो विधानसभा में उन्होंने अदा की है" -आलोक कुमार मेहता, प्रधान महासचिव, आरजेडी

बीजेपी ने किया आरजेडी पर पलटवार: वहीं इस मामले पर बीजेपी ने राजद पर पलटवार किया है. पार्टी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल (BJP Spokesperson Prem Ranjan Patel) का कहना है कि राजद की कथनी और करनी में अंतर होता है. राजद ए टू जेड की बात कह कर के लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजप्रताप तेजस्वी और मीसा भारती तक ही सीमित रहता है. इसे बाहर वह नहीं निकलते है और अगर इससे बाहर निकलेंगे तो उनका समीकरण एमवाई का होगा. राज्यसभा से लेकर विधानपरिषद तक टिकटों के बंटवारे में यह साबित किया है. युवाओं ने उनके ऊपर कभी भरोसा नहीं किया है.

"राजद की कथनी और करनी में अंतर होता है. राजद ए टू जेड की बात कह कर के लालू प्रसाद राबड़ी देवी तेजप्रताप तेजस्वी और मीसा भारती तक ही सीमित रहता है. इसे बाहर वह नहीं निकलते और अगर इससे बाहर निकलेंगे तो उनका समीकरण एमवाई का होगा. राज्यसभा से लेकर विधानपरिषद तक टिकटों के बंटवारे में यह साबित किया है" -प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

'तेजस्वी बताएं कि कैसे बने करोड़पति': उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव से तो युवा सवाल कर रहे हैं कि बिना पढ़े लिखे और बिना नौकरी बिना काम किए हुए इतनी संपत्तियों के मालिक कहां और कैसे हो गए? आपके पास वह कौन सा टिप्स है वह टिप्स युवाओं को दीजिए. लेकिन वह इसका जवाब दे नहीं पाते हैं और युवाओं को बरगलाते हैं. युवाओं को सब्जबाग सपना दिखाते हैं. युवाओं को अपना भविष्य नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नजर आता है. जिस प्रकार से नरेंद्र मोदी ने युवाओं के लिए काम किया है. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर कोई विरोध हुआ है. उसमें छात्रों के नाम पर असामाजिक तत्व और विरोधी लोग सक्रिय हो गए हैं.

मसले पर राजनीतिक विश्लेषक का कहना: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रवि उपाध्याय कहते हैं सबसे बड़ी बात है कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव कि किसी कारणों से पार्टी से दूरी थी तो तेजस्वी प्रसाद यादव पार्टी में पूरी तरीके से ए टू जेड की नीति रही है. राजद का फोकस एमवाई समीकरण पर रहता है लेकिन वह ए टू जेड की बात कहता है. ए टू जेड में तेजस्वी ने युवाओं पर ज्यादा फोकस किया है. वह चाहते हैं कि ए टू जेड की बात कर के युवाओं को अपने फोल्ड में शामिल करें.

उन्होंने आगे कहा कि 2024 में लोकसभा व 2025 में विधानसभा चुनाव होना है तो उसमें राजद का स्ट्राइक रेट बेहतर हो. स्ट्राइक रेट को बेहतर करने का बोचहां विधानसभा उपचुनाव में तथा स्थानीय कोटे के विधान परिषद चुनाव में भी उन्होंने इस बात को सिद्ध कर दिया है. 2024-2025 में भी उनकी यही रणनीति रहेगी. जिसे लेकर के वह युवाओं पर फोकस कर रहे हैं. ए टू जेड की जो बात कर रहे हैं उसमें मैक्सिमम प्रतिनिधित्व युवाओं को ही दिया गया है. एमएलसी चुनाव में भी कई युवा चेहरे निकलकर कर सामने आए हैं.

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