दावत-ए-इफ्तार पर सियासत! बोली BJP- वोट बैंक को लुभाने के लिए होता है आयोजन, JDU ने दिया ये जवाब

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Published : Apr 28, 2022, 5:32 PM IST

वोट बैंक को लुभाना इफ्तार का मकसद

कोरोना के कारण पिछले 2 सालों से बिहार में बड़े स्तर पर दावत-ए-इफ्तार का आयोजन नहीं हो रहा था लेकिन इस बार तमाम सियासी दलों की ओर से इसका आयोजन हो रहा है. हालांकि इसको लेकर सियासत (Politics on Iftar Party) भी शुरू हो गई है. बीजेपी का कहना है कि यदि कोई पार्टी इफ्तार करती है तो उन्हें होली मिलन और दशहरा जैसे पर्व पर भी आयोजन करना चाहिए. पढ़ें खास रिपोर्ट...

पटना: बिहार में राजनीतिक दलों की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी पर सियासत (Politics on Iftar Party) शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के आरजेडी की इफ्तार पार्टी में अचानक पहुंचने के कारण कई तरह के कयास लगने लगे थे. वैसे तो सभी दलों के नेता एक-दूसरे की इफ्तार पार्टी में पहुंच रहे हैं लेकिन बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है यदि पार्टियां इफ्तार करती हैं तो उन्हें होली और दशहरा पर्व का भी आयोजन करना चाहिए. वो कहते हैं कि दरअसल इफ्तार का मकसद सियासी दलों के लिए खास वोट बैंक को लुभाना (Iftar party organized for vote bank) होता है.

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वोट बैंक को लुभाना इफ्तार का मकसद: बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है अलग-अलग पार्टियां इफ्तार कर रही हैं. मुझे लगता है जो लोग इफ्तार कर रहे हैं, उनका उद्देश्य वोट बैंक बनाना है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अगर एक धर्म के लिए धार्मिक आयोजन होता है तो दूसरे धर्म के प्रति भी आदर और सम्मान रखना चाहिए. होली और दशहरा पर भी लोगों को बुलाकर विशेष आयोजन करना चाहिए. प्रेम रंजन पटेल ने कहा बीजेपी की तरफ से सुशील मोदी और अरुण सिन्हा तो होली भी करते हैं और इफ्तार भी करते हैं. हमारी पार्टी में समान रूप से सभी धर्मों का आदर होता है लेकिन बाकी लोग दूसरे धर्म का आदर नहीं करते हैं.

"मुझे लगता है कि जो लोग इफ्तार कर रहे हैं, उनका उद्देश्य एक ही होगा वोट बैंक बनाना. बीजेपी की तरफ से सुशील मोदी और अरुण सिन्हा होली भी करते हैं और इफ्तार भी करते हैं. हमारी पार्टी में समान रूप से सभी धर्मों का आदर होता है लेकिन बाकी लोग दूसरे धर्म का आदर नहीं करते हैं. वैसे लोगों से मेरा निवेदन है कि दूसरे धर्मों का भी आदर करें. जैसे इफ्तार करते हैं, उसी तरह होली और दशहरा में भी लोगों को बुलाकर मिलन और सम्मान करें"- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बिहार बीजेपी

बीजेपी और जेडीयू की विचारधारा अलग: हालांकि बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ऐसा नहीं मानता है. मंत्री विजेंद्र यादव का कहना है जिनको करना है करें, नहीं करना है ना करें. उन्होंने कहा कि हम लोग गठबंधन में हैं लेकिन आईडियोलॉजी अलग-अलग है. हमारी विचारधारा और उनकी विचारधारा काफी अलग है लेकिन सरकार में हम लोग साथ हैं. होली और दशहरा पर बीजेपी के विशेष आयोजन को लेकर विजेंद्र यादव कुछ भी बोलने से बचते दिखे.


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इफ्तार का सियासी मकसद नहीं: वहीं, आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी का कहना है कि सियासी पार्टियों को इफ्तार का आयोजन करना चाहिए लेकिन कभी भी सियासी मकसद से नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक अपने मुल्क का सवाल है तो अपने मुल्क की यह खूबसूरती है. दुनिया में ऐसा कहीं नहीं मिलेगा कि विभिन्न धर्मों का देश कैसे एकजुट रहता है और कैसे एक-दूसरे के पर्व-त्योहार में शामिल होता है. कैसे एक-दूसरे का आदर और सम्मान करता है, यह कोई भी हिंदुस्तान आकर सीख सकता है.

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