महंगाई में आटा गीला: GST की नई दरों से पटनावासी परेशान, बोले- 'कैसे जिएगा आम आदमी'

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Published : Jul 19, 2022, 1:59 PM IST

Patnaites upset due to new gst rate

पैकेटबंद और लेबल वाले वस्तुओं की कीमतें (New GST Rate) बढ़ गईं हैं. इन्हें जीएसटी के दायरे में लाया गया है. इनमें दही, लस्सी, आटा, दाल और अनाज शामिल हैं. 25 किलो से कम वाले पैकेट पर जीएसटी लागू किया गया है. इसपर पटना के उपभोक्ताओं ने कहा कि महंगाई से परेशान थे अब तो सरकार ने कमर ही तोड़ दी.

पटना: आजादी के बाद पहली बार अनाज पर जीएसटी लगाया गया है. साथ ही दूध से बने कई पदार्थ पर जीएसटी लगाया गया है. राजधानी पटना में भी सुधा ने दही लस्सी छाछ की कीमत बढ़ा दी है. खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमतों से लोगों में खासा रोष है. पटनावासियों (Patnaites Upset Due To New GST Rate) का कहना है कि देश में महंगाई बढ़ रही है और उसी समय में अनाज सहित अन्य सामानों को GST (GST Rate hike) के अंतर्गत लाना उचित नहीं है.

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नई जीएसटी दर से पटनावासी परेशान

अनाज-दाल-आटे के पैक हुए महंगे: बता दें कि पैकेटबंद और लेबल वाले खाद्य पदार्थ मसलन आटा, दालें और अनाज सोमवार से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ गए हैं. इनके 25 किलोग्राम से कम वजन के पैक पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा, जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. हालांकि, इन पैकेटबंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. दही और लस्सी जैसे पदार्थों के लिए यह सीमा 25 लीटर है.

नई जीएसटी दर से पटनावासी परेशान: सुधा दूध बूथ चलाने वाले मुन्ना कुमार का कहना है कि जो दही 10 रुपया में बेचते थे आज से ₹12 में बेच रहे हैं. वहीं उपभोक्ताओं ने कहा कि इस तरह जीएसटी लगाना उचित नहीं है काफी प्रभाव पड़ रहा है. खासकर गरीबों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. उनपर दोहरी मार पड़ी है.

"लस्सी के दाम भी बढ़ गए हैं. ₹10 का प्रोडक्ट ₹12 हो गया है. छाछ का भी दाम बढ़ा दिया गया है. अभी तक दूध का दाम नहीं बढ़ा है लेकिन जिस तरह से 5% जीएसटी की बात कही जा रही है. अनुमान किया जा रहा है कि दूध और घी की भी कीमत बढ़ायी जा सकती है."-मुन्ना कुमार, सुधा बूथ संचालक



"इस तरह जीएसटी लगाना उचित नहीं है काफी प्रभाव पड़ रहा है. हम लोग महंगाई से परेशान थे फिर से एक बार महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी. हम लोग कभी अनुमान ही नहीं लगा पाए कि सरकार जनता के हित को नहीं देखेगी. पहले भी सरकार ने कहा था कि खाने-पीने की वस्तुओं को जीएसटी से दूर रखा जाएगा बावजूद इसके किस आधार पर जीएसटी लगाया गया है यह पता नहीं चल रहा है."- मनोज कुमार, स्थानीय निवासी

"इससे महंगाई बढ़ेगी. सरकार के फैसले पर अब क्या किया जा सकता है. हम लोग क्या करेंगे लेकिन गरीब लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना होगा. सरकार को समझना चाहिए कि गरीबों को भी खाने पीने की जरूरत होती है."- नवीन कुमार, स्थानीय

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