बिहार शिक्षा और समाज कल्याण विभाग के निदेशक को हाईकोर्ट ने किया तलब, ये है मामला

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Published : Oct 11, 2022, 7:34 PM IST

Patna High Court News

बिहार शिक्षा विभाग के निदेशक और समाज कल्याण विभाग के निदेशक को पटना हाईकोर्ट ने तलब किया है. पटना हाईकोर्ट इन अफसरों से जानना चाहती है कि केंद्र सरकार जब पैसे भेज रही है तो उस फंड को पश्चिमी चंपारण के हरनाटांड अनुसूचित जनजाति के स्कूल को क्यों नहीं दिया जाता? फंड के अभाव में स्कूल की हालत दयनीय हो गई है.

पटना: बिहार में पश्चिम चम्पारण के हरनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था को पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने गम्भीरता से लिया. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के निदेशक और समाज कल्याण विभाग के निदेशक को अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करने के लिए तलब किया है.

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण का हरनाटांड एकमात्र स्कूल है. पहले यहाँ पर कक्षा एक से ले कर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी. लेकिन, जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया, इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई है. कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया है. साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया. यहाँ पर सौ बिस्तर वाला हॉस्टल छात्राओं के लिए था, जिसे बंद कर दिया गया है.

इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है. इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. कोर्ट ने जानना चाहा कि इतनी बड़ी तादाद में छात्राएं स्कूल जाना क्यों बंद कर दे रहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि जब इस स्कूल के लिए केंद्र सरकार पूरा फंड देती है, तो सारा पैसा स्कूल को क्यों नहीं दिया जाता है. इस मामले पर आगे की सुनवाई 14 नवंबर 2022 को होगी.

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