मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड: NHRC ने बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर मांगा जवाब

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Published : Dec 1, 2021, 7:00 PM IST

मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड

मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा (NHRC Sends Notice to Bihar Chief Secretary) है. 4 सप्ताह के भीतर मामले में जवाब मांगा है. मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद वहां अबतक 26 लोगों की आंखों की रोशनी (Many people Lost Eyes in Muzaffarpur) जा चुकी है.

पटना/मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 26 लोगों की आंखों की रोशनी (Many people Lost Eyes in Muzaffarpur) जा चुकी है. अब इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान (NHRC Takes Cognizance of Muzaffarpur Cataract Incident) लिया है. आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है. जिसमें बताया गया है कि 22 नवंबर 2021 को बिहार के मुजफ्फरपुर में श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में मोतियाबिंद सर्जरी के कारण 6 रोगियों की आंखें निकालनी पड़ीं है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले में बिहार सरकार के मुख्य सचिव को एक नोटिस जारी किया है. नोटिस में मामले को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. एनएचआरसी ने बिहार के मुख्य सचिव से 4 सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.

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आपको बताएं कि मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन असफल होने के कारण अबतक 26 लोगों की आंखें खराब (Many People Lost Eyes in Muzaffarpur) हो गईं. अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही का नतीजा ये हुआ कि अब तक 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी हैं. बाकी लोगों की आंखों में भी दर्द, जलन और दिखाई नहीं देने की समस्या अभी बरकरार है. ऐसे में SKMCH के नेत्र विभाग के डॉ. मनोज मिश्रा ने बताया कि आज आधा दर्जन और मरीजों की आंखें निकाली जाएंगी. आंख निकालने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 13 हो जाएगी.

यह पूरा मामला जिले के जुरण छपरा स्थित आई हॉस्पिटल का है. बीते 22 नवंबर को अस्पताल में विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था. इस दौरान दर्जनों महिला-पुरुषों ने अपनी आंखों का ऑपरेशन कराया था. लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही (Negligence of Eye Hospital in Muzaffarpur) ने उन्हें हमेशा के लिए अंधा बना दिया.

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