महात्मा गांधी सेतु नए रूप में बनकर तैयार, जून में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे उद्घाटन

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Published : May 14, 2022, 11:57 AM IST

महात्मा गांधी सेतु नए रूप में बनकर तैयार

महात्मा गांधी सेतु का निर्माण 1982 में हुआ था. तब इसे बनाने पर 87 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. अब सिर्फ सुपर स्ट्रक्चर बदलने के लिए 1750 सौ करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई है, इसे लगातार चालू रखने के लिए भी 102 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. उद्घाटन (Gandhi Setu Inauguration In June) के बाद अब पटना से उत्तर बिहार आना-जाना और भी आसान हो जाएगा.

पटनाः बिहार पथ निर्माण विभाग (Bihar Road Construction Department) के कई बड़े प्रोजेक्ट बनकर तैयार हैं, जिनका उद्घाटन जून में होने जा रहा है. महात्मा गांधी सेतु का सुपर स्ट्रक्चर पूरी तरह से बदला गया है और अब सिर्फ उद्घाटन का इंतजार है. वहीं, गंगा पथ का पहले फेज का काम पूरा हो चुका है. दोनों बड़े प्रोजेक्ट हैं, जिन्हें जून में जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इसके साथ ही बिहार के पहले एक्सप्रेस-वे आमस दरभंगा के निर्माण कार्य का भी शिलान्यास भी जून में ही होगा. ईटीवी भारत से बात करते हुए बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Naveen on Path Nirman Yojana) ने बताया कि 15 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट का उद्घाटन और शिलान्यास की तैयारी चल रही है.


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पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि महात्मा गांधी सेतु को सुपरस्ट्रक्चर में बदलने का काम पूरा हो गया है. राजधानी पटना से उत्तर बिहार जाना अब बेहद आसान हो जाएगा, क्योंकि दोनों लेन चालू होने वाला है. महात्मा गांधी सेतु सुपरस्ट्रक्चर को बदलने में 1750 सौ करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई है. दोनों लेन के निर्माण में 66000 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. पश्चिमी लेन का उद्घाटन 2020 में ही हो गया था और अब पूर्वी लेन का उद्घाटन होने जा रहा है. इसकी लंबाई 5.5 किलोमीटर है. यह देश में पहला पुल है, जिसका बेस नहीं बदला गया है, केवल सुपर स्ट्रक्चर बदला गया है.

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'महात्मा गांधी सेतु में कुल 47 पाए हैं. 2017 में ही इसके सुपरस्ट्रक्चर बदलने का काम शुरू हुआ था, दोनों लेन को 2019 में ही बदल देना था. लेकिन 3 साल विलंब से दोनों लेन पर आवागमन अब शुरू होगा. जिससे उत्तर बिहार जाना और उत्तर बिहार से राजधानी पटना आना काफी आसान हो जाएगा. इसी तरह गंगा पथ के पहले फेज का निर्माण पूरा हो चुका है. दीघा से एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट तक शुरुआत हो रही है, जल्द ही पीएमसीएच तक का काम भी पूरा हो जाएगा. इसे बख्तियारपुर तक ले जाने की योजना है'- नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री, बिहार

महत्वपूर्ण परियोजनाएं, जिनका होना है उद्घाटन और शिलान्यास-

  • मुंगेर मिर्जाचौकी पथ- 1000 करोड़ की योजना
  • भागलपुर ग्रीन फील्ड योजना- 3000 करोड़ की योजना
  • आमस दरभंगा बिहार का पहला एक्सप्रेस वे- 5000 करोड़ की योजना
  • दीघा से दीदारगंज गंगा एक्सप्रेस वे- 5000 करोड़ की योजना (पहले फेज का उद्घाटन)
  • जेपी गंगा पथ से अटल पथ को जोड़ने की योजना का उद्घाटन

7 जून को होगा सुपर स्ट्रक्चर उद्घाटनः वहीं, वीर कुंवर सिंह कोइलवर सिक्स लेन पुल के दूसरे भाग का भी उद्घाटन होना है. इस पर 1000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई है. कुल 15000 करोड़ की योजना का उद्घाटन और शिलान्यास की तैयारी की जा रही है. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन का कहना है कि 7 जून को हम लोगों ने उद्घाटन का समय तय किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसका उद्घाटन करेंगे. आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे है जिस पर 5000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होनी है. चार पैकेज में इसका निर्माण होगा आमस शिवरामपुर, शिवरामपुर से रामनगर, कल्याणपुर से पाल दशहरा और पाल दशहरा से बेला दरभंगा तक लगभग 189 किलोमीटर की लंबाई में एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा.

22 किलोमीटर लंबा होगा गंगा एक्सप्रेस वेः इसी तरह पटना से दीदारगंज तक बनने वाले जीपी गंगा पथ जिसे गंगा एक्सप्रेसवे का भी नाम दिया जा रहा है, 22 किलोमीटर लंबा होगा और इसका विस्तार बख्तियारपुर तक किए जाने की भी योजना है. दोनों योजना लंबे समय से चर्चा में रही है. हालांकि बिहार में पथ निर्माण विभाग और एनएचएआई के कई बड़े प्रोजेक्ट का अभी और इंतजार करना पड़ेगा. वहीं, पटना गया डोभी भी इस साल दिसंबर तक बनकर पूरा होगा. इस पर भी 5000 करोड़ की राशि खर्च हो रही है. वहीं, बिदुपुर कच्ची दरगाह सिक्स लेन 2024 में पूरा होगा.

जेपी सेतु के समानांतर सिक्स लेन का पुलः इंडो नेपाल बॉर्डर पर पथ इस साल दिसंबर तक बन जाने की संभावना है. यह प्रोजेक्ट 54 सौ करोड़ का है. महात्मा गांधी सेतु के समानांतर चार लेन पुल का निर्माण होना है. 3000 करोड़ की राशि खर्च होगी. वहीं, जेपी सेतु के समानांतर सिक्स लेन का पुल बनना है, उसकी भी मंजूरी मिल गई है. हालांकि इन सब प्रोजेक्ट को तैयार होने में अभी काफी समय लगने वाला है. फिलहाल बिहार के लोगों के लिए 15 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट जल्द ही तोहफे के रुप में मिलेगा. इसमें से कई पर आवागमन शुरू हो जाएगा तो ही कई का निर्माण शुरू होगा.

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