महागठबंधन में वापसी के बाद पहली बार JDU के सभी प्रकोष्ठों की बैठक, 2 दिनों तक चलेगा मंथन

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Published : Sep 20, 2022, 3:17 PM IST

जेडीयू के सभी प्रकोष्ठों की बैठक

ललन सिंह की मौजूदगी में आज जेडीयू की बैठक (JDU meeting in Patna) हो रही है. महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद पहली बार पार्टी ने सभी प्रकोष्ठों के साथ कोई मीटिंग कर रही है. इस दौरान 27 सितंबर के मार्च को लेकर रणनीति बनाई जाएगी.

पटना: राजधानी पटना में जेडीयू के सभी प्रकोष्ठों की बैठक (Meeting of all cells of JDU) बुलाई गई है. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) की अध्यक्षता में ये अहम बैठक 2 दिनों तक चलेगी. महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद पहली बार सभी प्रकोष्ठ की बैठक हो रही है. बैठक में सदस्यता अभियान को तेज करने के साथ-साथ संगठन को मजबूत करने पर चर्चा होगी.

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सदस्यता अभियान पर गहन मंथन: 70 लाख नए सदस्य बनाने के लक्ष्य को पूरा करने पर बैठक में चर्चा की जा रही है. साथ ही पार्टी ने केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ और बीजेपी के प्रचार के खिलाफ 27 सितंबर को प्रखंड स्तर पर मार्च निकालने का फैसला लिया है, उसे भी सफल बनाने पर चर्चा होगी. प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को इसके लिए टास्क भी दिया जाएगा.

जेडीयू की नजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सीमांचल में 23 और 24 सितंबर को होने वाली रैली पर है. इसके साथ ही पार्टी कई तरह के संवाद और संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम चला रही है तो उसे भी और मजबूती से चलाने पर रणनीति तैयार करेगी. महागठबंधन के घटक दलों के साथ निचले स्तर पर बेहतर तालमेल हो, इस पर भी राष्ट्रीय अध्यक्ष चर्चा करेंगे. महागठबंधन की तरफ से पूरे बिहार में सम्मेलन की भी तैयारी हो रही है तो उसको लेकर भी सभी प्रकोष्ठ को जिम्मेवारी दी जाएगी.

अमित शाह के सीमांचल दौरे से जदयू चौकन्नाः दरअसल, जेडीयू नेताओं को लग रहा है कि अमित शाह के सीमांचल दौरे से बीजेपी की सियासत को धार मिलने वाली है. ऐसे में डैमेज कंट्रोल के लिए नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक और पिछड़ों अति पिछड़ों को संदेश देने की कोशिश की है कि हम पूरी तरह आपके साथ हैं, आपको डरने की जरूरत नहीं है. पिछले कुछ साल से बीजेपी की नजर अति पिछड़ा वोट बैंक पर है. रणनीति के तहत बीजेपी ने अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले दो नेताओं को उप मुख्यमंत्री बनाया था. साथ ही धानुक जाति से आने वाले अति पिछड़ा समुदाय के नेता को राज्यसभा भी भेजा था.

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