जनता दरबार के बाहर फरियादी का आरोप- CM के आदेश को नहीं मानते अफसर, 14 साल से लगा रहे हैं गुहार

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Published : Sep 20, 2021, 3:18 PM IST

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार आज फिर जनता दरबार में लोगों की फरियाद सुन रहे हैं. जहां गया जिले से पहुंचे एक फरियादी ने अधिकारियों पर बात न सुनने और घूसखोरी का आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janta Darbar) में कई लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं. अब तक कई फरियादियों की समस्याओं को सुनकर निवारण के लिए निर्देश दिया गया है. वहीं, जनता दरबार के बाहर गया जिले से एक फरियादी अपनी फरियाद लेकर पहुंचे. जहां वे मुख्यमंत्री से अपनी समस्या का समाधान करने की गुहार लगा रहे हैं.

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गया के रहने वाले फरियादी रमाकांत का कहना है कि अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं. बिना घूस के कोई काम ही नहीं हो रहा है. अभी तक उन्हें न तो इंदिरा आवास मिला, न ही शौचालय और न ही साइकिल वितरण योजना का लाभ मिल सका है.

देखें रिपोर्ट.

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रमाकांत महतो ने कहा कि हमने घूस नहीं दिया है, तो मुझे सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. उनका कहना है कि 2007 में भी जनता दरबार में पहुंचे थे. उस समय भी समस्या का समाधान नहीं हुआ था. उस दिन से लेकर अब तक लगातार दौड़ रहे हैं. यदि बात नहीं सुनी गई, तो हम मुख्यमंत्री से लड़ेंगे.

बता दें कि इस वर्ष जनता दरबार की नई व्यवस्था में रजिस्ट्रेशन कराना है. लेकिन गया से पहुंचे फरियादी रामाकांत ने रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया है. रमाकांत को पता ही नहीं है कि जनता दरबार में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे कराया जाता है.

'मेरी समस्या जमीन विवाद की है. मेरे 4-5 कट्ठा जमीन पर घर बनाकर कब्जा कर लिया गया है. मुझे किसी प्रकार की कोई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है. क्योंकि 35 हजार रुपये मुखिया को घूस नहीं देते है. शौचालय निर्माण के लिए 1500 नहीं देते है. लड़की को साइकिल इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि हम 500 रुपये घूस नहीं दिए. हम बिहार राज्य से निष्कासित है. मुख्यमंत्री का आदेश कौन मान रहा है? यदि अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेश को मानते, तो हम 14 साल दौड़ते नहीं. 2007 से अपनी समस्याओं को लेकर दौड़ रहे हैं.' -रमाकांत महतो, फरियादी, गया

बता दें कि मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के बगल में बनाए गए विशेष हॉल में ये कार्यक्रम हो रहा है. जिसमें संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी मौजूद हैं. मुख्यमंत्री ऑन द स्पॉट लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं. जनता दरबार में इस बार कोरोना गाइडलाइन का खास ध्यान रखा गया है.

हॉल के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए चेयर लगाए गए हैं. हॉल के बाहर मेडिकल टीम की भी व्यवस्था है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था.

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