Makar Sankranti 2022: जानें आज के दिन क्यों उड़ाई जाती है पतंग, क्या है इसके पीछे कहानी..

author img

By

Published : Jan 14, 2022, 7:58 AM IST

Updated : Jan 14, 2022, 8:29 AM IST

etv bharat

आज यानी मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी और दही चूड़ा खाने के साथ-साथ पतंग उड़ाने की भी प्रथा है. आज के दिन आसमान सिर्फ आसमानी या सफेद ही नहीं बल्कि रंग-बिरंगा देखने को मिलता है. तो आइये जानते हैं आज के दिन पतंग उड़ाने की प्रता कब से शुरू हुई...

पटना: हर साल की तरह इस साल 2022 में भी मकर संक्रांति का त्योहार 14 और 15 जनवरी को (Makar sankranti 2022) अलग-अलग राज्यों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है. मकर संक्रांति के पर्व को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. आज के दिन पतंग उड़ाने की प्रथा भी बहुत प्रचलित है. देश के विभिन्न राज्यों में लोग पतंग उड़ाते हुए देखे जाते हैं. आज के दिन आसमान का रंग कुछ अलग ही देखने को मिलता है. पतंग उड़ाने की परंपरा (Kites Flying On Makar Sankranti) आज से नहीं बल्कि कई सालों से चलती चली आ रही है.

इसे भी पढ़ें: Makar Sankarnti 2022: मकर संक्रांति पर दान करने से मिलता है पुण्य, जानें किस राशि के लिए क्या दान करना रहेगा शुभ

मकर संक्रांति जिसे यूपी और बिहार की तरफ खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है. आज के दिन पतंग उड़ाना मकर संक्रांति के त्योहार का एक रस्म माना जाता है. बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक संक्रांति के दिन का इतंजार करते हैं और अपने छतों से पतंग उड़ाते हुए देखे जाते हैं. सुबह से ही आसमान में रंग-बिरंगी अलग-अलग आकृति ही पतंगें दिखायी देती हैं. कई राज्यों में तो पतंगोत्सव भी मनाया जाता है अर्थात पतंग उड़ाने को लेकर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. आइये जानते हैं आज के दिन आखिर क्यों उड़ायी जाती है पतंगे...

etv bharat
खिचड़ी के दिन पतंग उड़ाते हुई महिलाएं.

ये भी पढ़ें: पटना: मकर संक्रांति को लेकर बाजारों में तिलकुट की भरमार, लेकिन ग्राहक नहीं होने से दुकानदार निराश

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के पीछे एक कथा मिलती है कि तमिल के तंदनान रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम ने मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू की थी. मान्यता है कि जिस पतंग को श्रीराम ने उड़ायी थी, वे पतंग सीधे स्वर्ग लोक में पहुंच गयी थी. स्वर्ग में पतंग इंद्र के पुत्र जयंत की पत्नी को मिला था. उन्हें पतंग बहुंत पसंद आयी थी और उन्होंने अपने पास रख लिया था.

etv bharat
श्री रीम ने उड़ायी थी पतंग.

स्वर्ग में जयंत की पत्नी ने सोचा की जिसकी पतंग है, वह इसे लेने के लिए जरूर आएगा. उधर भगवान राम ने हनुमान जी को पतंग लाने के लिए भेज दिया था. जब हनुमान जी ने जयंत की पत्नी से पतंग वापस करने के लिए कहा, तो उन्होंने भगवान राम के दर्शन की इच्छा जताई. उन्होंने कहा था कि भगवान राम के दर्शन के बाद ही वह पतंग वापस करेंगी.

हनुमान जी ने वापस श्री राम के पास आकर पूरी बात बतायी. जिसके बाद भगवान राम ने कहा था कि वह मेरे दर्शन चित्रकूट में कर सकती हैं और यह आदेश देने के लिए हनुमान जी को पुन: भेज दिया. हनुमान जी ने स्वर्ग लोक में जयंत की पत्नी को भगवान राम का आदेश दिया. जिसके बाद उन्होंने पतंग वापस कर दी थी. तब से लेकर आज तक मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की प्रथा चलती चली आ रही है.

etv bharat
हनुमान लेने गए थे पतंग.

मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की रिवाज केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी जुड़ा हुआ है. पतंग उड़ाने से हाथ-पैर की व्यायाम हो जाती है. मकर संक्रांति का पर्व ठंड में पड़ता है, तो पतंग उड़ाने से शरीर को ऊर्जा भी मिलती रहती है. सूर्य की रोशनी में रहने से विटामिन-डी भी मिल जाता है. साथ ही साथ खांसी, जुकाम से भी राहत मिलता है. संक्रांति के दिन लगभग सभी लोग अपने-अपने घरों के छतों पर देखे जाते हैं, जिससे इसी बहाने लोग सूर्य की रोशनी और ऊर्जा को ग्रहण कर पाते हैं. जिस कारण इसे वैज्ञानिक कारणों से भी जोड़कर देखा जाता है.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated :Jan 14, 2022, 8:29 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.