NDA के साथ UP चुनाव में विपक्ष पर नीतीश बरसाएंगे 'तीर'? 31 जुलाई को दिल्ली में होगा फैसला

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Published : Jul 20, 2021, 9:16 PM IST

Uttar Pradesh Assembly Election 2022

नीतीश मॉडल से योगी मॉडल को मात देने की तैयारी में जदयू है. 31 जुलाई को जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार और पार्टी के दिग्गज इसे लेकर रणनीति बनाएंगे. यूपी में जीत की योजना बनाने की जिम्मेवारी पार्टी के बड़े नेताओं को दी गई है. यूपी प्रभारी केसी त्यागी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह लगातार यूपी नेताओं के संपर्क में भी हैं.

पटना: 2022 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के लिए होने वाली सत्ता की जंग में जदयू भी दो दो हाथ आजमाने की तैयारी में है. यूपी चुनाव को लेकर जदयू ने पहले ही साफ कर दिया है कि 200 सीटों पर वो अपने उम्मीदवार उतारेगी. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की कोशिश है कि यूपी में बीजेपी का साथ मिले लेकिन बीजेपी की ओर से इसे तवज्जो नहीं दिया जा रहा है.

ऐसे में दिल्ली में होने वाली जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में क्या फैसला होता है इसका इंतजार किया जा रहा है. 31 जुलाई को होने वाली बैठक (JDU National Executive Meeting) को लेकर जोर शोर से तैयारी चल रही है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यूपी का किला फतह करने को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी.

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नीतीश कुमार के साथ पार्टी के दिग्गज यूपी चुनाव में अपनी दमदार उपस्थिति की रणनीति तय करेंगे. पार्टी की कोशिश है कि बीजेपी के साथ गठबंधन हो जाए लेकिन बीजेपी के तरफ से अभी तक कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है. ऐसे में जदयू 200 के करीब सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकता है लेकिन चुनाव को लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ही मुहर लगेगी. यूपी चुनाव को लेकर नीतीश कुमार ने बड़े नेताओं को टास्क भी दिया है. यूपी प्रभारी केसी त्यागी (K.C. Tyagi) और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) लगातार यूपी नेताओं के संपर्क में भी हैं.

देखें रिपोर्ट

'पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही दिल्ली में चुनाव लड़ने की घोषणा की है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस पर निश्चित रूप से चर्चा होगी और रणनीति तैयार होगी. पिछले बार जदयू चुनाव नहीं लड़ पाया था लेकिन इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी है.'- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता

बिहार से सटे यूपी के कई विधानसभा सीटों पर नीतीश की नजर है. 2022 में बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में चुनाव होना है. अभी बीजेपी की सरकार है और बीजेपी बिहार में जदयू की प्रमुख सहयोगी है. बंगाल चुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत लगाई थी लेकिन सरकार नहीं बनी. लेकिन यूपी किसी कीमत पर बीजेपी गंवाना नहीं चाहेगी. वहीं अब सहयोगी जदयू भी यूपी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में लगा है.

Uttar Pradesh Assembly Election 2022
यूपी में ताकत दिखाने की जदयू की रणनीति

'हर दल को चुनाव लड़ने का अधिकार है. जदयू भी अलग दल है. हम बिहार में एनडीए गठबंधन में एक हैं लेकिन अगल अलग राज्यों में अलग अलग गठबंधन होता है. हमारा उत्तर प्रदेश में जिनके साथ गठबंधन है उनके साथ चुनाव लड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में हमारा कई दलों के साथ गठबंधन है. हम उन्हीं के साथ वहां चुनाव में जाएंगे. ऐसे वहां बहुमत की सरकार है और अगले साल और अधिक सीटों के साथ हम लोग सरकार बनाएंगे.'- अरविंद सिंह, प्रवक्ता बीजेपी

जदयू ने 31 जुलाई को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है और दिल्ली से ही यूपी में दमदार उपस्थिति की रणनीति नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी के शीर्ष नेता तय करेंगे. यूपी प्रभारी केसी त्यागी ने पहले ही 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. ऐसे बीजेपी से गठबंधन हो जाए इसकी भी जदयू कोशिश कर रहा है. गठबंधन होने पर जदयू कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो जाएगा.

'हम लोग नीतीश मॉडल के सहारे यूपी चुनाव में उतरेंगे. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में 16 सालों में जो काम हुआ है हम लोग उसके सहारे चुनाव लड़ेंगे. नीतीश सरकार में बिहार में जो गुणात्मक परिवर्तन हुआ है हम यूपी में उसकी चर्चा करेंगे.'- अरविंद निषाद, प्रवक्ता जदयू

बिहार के बाहर जदयू का बीजेपी के साथ दिल्ली में गठबंधन हुआ था और केवल 2 सीट मिली थी, हालांकि सफलता नहीं मिली. बंगाल में भी जदयू चाह रहा था कि बीजेपी के साथ तालमेल हो जाए लेकिन बीजेपी ने कोई रिस्पॉन्स ही नहीं दिया. अब यूपी में भी बीजेपी की तरफ से जदयू को फिलहाल कोई तवज्जो नहीं दिया जा रहा है.

Uttar Pradesh Assembly Election 2022
नीतीश ने नेताओं को दिया टास्क

'इन लोगों का गठबंधन अवसरवादी गठबंधन है. सत्ता के लिए ये लोग एक साथ हैं. यूपी में अभी वह स्थिति पैदा नहीं हुई है इसलिए तय है कि इनका गठबंधन वहां नहीं होगा.'- समीर सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस

यूपी को नीतीश मॉडल के सहारे जदयू जीतने के इरादे से मैदान में उतरेगा. 31 जुलाई को दिल्ली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यूपी चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी. बैठक के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 75 सदस्यों के साथ सभी सांसदों और आमंत्रित सदस्यों को ही पत्र भेजा जा रहा है.

बिहार विधान सभा चुनाव 2020 में जदयू का परफॉर्मेंस बेहतर नहीं रहा. नीतीश कुमार जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे तो उन्होंने कहा था कि पार्टी संगठन का विस्तार दूसरे राज्यों में भी करेंगे. लेकिन पार्टी संगठन पर बहुत समय नहीं दे पाए. विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार ने दी है.

आरसीपी सिंह, यूपी नेताओं के संपर्क में हैं. पटना से लेकर दिल्ली तक में बैठक हुई है. पिछले दिनों आरसीपी सिंह ने कहा भी था कि हम अपने संगठन के अनुसार जो ताकत होगी उसी के आधार पर चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में तय है कि बीजेपी से तवज्जो नहीं मिलने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार सहित पार्टी के शीर्ष नेता जदयू की रणनीति पर मुहर लगाएंगे.

बता दें कि नीतीश कुमार की नजर उत्तर प्रदेश के कुर्मी वोट बैंक वाली सीटों पर है. उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में कुर्मी और पटेल वोट बैंक 6 से 12 फीसदी तक है. इनमें मिर्जापुर, सोनभद्र, बरेली, उन्नाव, जालौन, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और बस्ती जिले प्रमुख हैं. बिहार से सटे हुए पूर्वांचल पर नीतीश कुमार की विशेष नजर है. ऐसे में पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन की आस लगा रखी है. उसके लिए भी दबाव की राजनीति शुरू है.

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