जुलाई में विधान परिषद की 7 सीटें होंगी खाली, 3 सीटों का नुकसान होने के बाद भी JDU बनी रहेगी बड़ी पार्टी

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Published : Apr 15, 2022, 4:57 PM IST

JDU largest party in Bihar Legislative Council

भले ही बिहार विधान परिषद के चुनाव परिणाम (Bihar MLC Election Result) में भाजपा के खाते में सबसे ज्यादा सात सीटें गयी हैं. लेकिन जदयू अभी भी सदन की सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: बिहार विधान परिषद में अभी जदयू (JDU largest party in Bihar Legislative Council) सबसे बड़ा दल है. उसके बाद दूसरे स्थान पर बीजेपी है और तीसरे स्थान पर आरजेडी है. हाल ही में 24 विधान परिषद सीटों पर चुनाव हुआ है, जिसमें एनडीए को 13 सीटें मिली हैं तो वहीं आरजेडी को 6 सीट मिली है. लेकिन अब जुलाई में भी 7 विधान परिषद सदस्य का कार्यकाल पूरा हो रहा है. सबसे अधिक 5 सदस्य जदयू के हैं. एक सदस्य बीजेपी के और वीआईपी के मुकेश सहनी का एक सीट है.

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जदयू अब भी सदन की सबसे बड़ी पार्टी: जुलाई में जदयू का संख्या घटकर 25 हो जाएगी तो बीजेपी की संख्या बढ़कर 23 हो जाएगी. मुख्य विपक्षी दल आरजेडी की संख्या भी बढ़कर 11 से 13 हो जाएगी. इस तरह देखें तो सीट गंवाने के बाद भी जदयू सबसे बड़ी पार्टी विधान परिषद में बनी रहेगी. जुलाई में विधान परिषद के जिन 7 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उसमें जदयू के गुलाम रसूल बलियावी, सीपी सिंहा , रणविजय सिंह, रोजिना, कमरे आलम शामिल हैं. वहीं बीजेपी की तरफ से अर्जुन सहनी और वीआईपी के मुकेश सहनी का सीट भी शामिल है.

JDU largest party in Bihar Legislative Council
बिहार विधान परिषद में टॉप पर JDU

आरजेडी को मिलेगा लाभ: आरजेडी और महागठबंधन खेमे को 7 सीटों पर होने वाले चुनाव में 3 सीटों का लाभ मिलेगा. जुलाई में विधान परिषद के 7 सीटों पर विधानसभा के माध्यम से चुनाव होगा और जदयू 3 सीटों का नुकसान होने के बावजूद सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में अभी बीजेपी के 77 सीट हो गए हैं. वहीं जदयू के 45 सीट हैं, आरजेडी के 75 सीट, कांग्रेस के 19 सीट, माले के 12 सीट, सीपीआई और सीपीएम के 4-4 सीट, हम के चार सीट, एआईएमआईएम के पांच और निर्दलीय एक विधायक हैं, जो जदयू का समर्थन कर रहे हैं.

जुलाई में विधान परिषद की 7 सीटें हो रही खाली: मुकेश सहनी का फिर से एनडीए के तरफ से अब विधान परिषद में जाना असंभव है. विधानसभा के माध्यम से विधान परिषद के जुलाई में खाली होने वाली सीटों को भरा जाएगा और एक सीट के लिए 34 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. उस हिसाब से देखें तो बीजेपी को दोस्ती मिलना तय है 2 सीट सहयोगियों के माध्यम से जदयू भी लेने की कोशिश करेगी. वहीं आरजेडी को भी 2 सीट संख्या बल के हिसाब से मिलना तय है. 1 सीट महागठबंधन के अन्य सहयोगी मिलकर ले सकते हैं.

जदयू की चुनौती: जदयू के पांच सदस्यों का जिनका कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है जिसमें कमरे आलम, रोजीना नाजिश, रणविजय सिंह आरजेडी से जदयू में शामिल हुए थे. वहीं रोजीना नाजिश के पति तनवीर अख्तर कांग्रेस से शामिल हुए थे. उनके निधन के बाद ही रोजिना को जदयू ने विधान परिषद का सदस्य बनाया था. ऐसे में देखना है कि जदयू इनमें से किसे दोबारा मौका देती है. एनडीए में ऐसे तो कई दावेदार हैं लेकिन सीट संख्या घटने के कारण जदयू के लिए सब को खुश करना आसान नहीं है.

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