पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा शनिवार को जारी किए गए एक बयान में जानकारी दी गई है कि नियमावली में संशोधन के तहत शिक्षकों की मूल कोटि, स्नातक कोटि और प्रधानाध्यापक कोटि के शिक्षकों का भी अंतर जिला स्थानांतरण होगा. अंतर जिला स्थानांतरण के फलस्वरूप स्थानांतरित शिक्षक की वरीयता नए जिला संवर्ग में उनकी नियुक्ति वर्ष में नियुक्त शिक्षकों से नीचे होगी.
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शिक्षकों का होगा अंतर जिला ट्रांसफर: दरअसल पूर्व में नियमावली के तहत केवल मूल कोटि के शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा उपलब्ध थी. शिक्षक संगठनों और कई जनप्रतिनिधियों द्वारा शिक्षा मंत्री के संज्ञान में यह बात लाई गई थी. शिक्षा मंत्री के दिशा निर्देश के बाद इस मामले में कार्रवाई की गई है.
प्रधानाध्यापक कोटि के लिए भी सुविधा: शिक्षा मंत्री के आलोक में विभाग द्वारा इस नियमावली में संशोधन करके अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा प्रधानाध्यापक कोटि के शिक्षकों को भी देने पर सहमति दी गई है. जल्द ही नियमावली प्रवृत्त होने के बाद अंतर जिला स्थानांतरण से संबंधित आवेदन प्रधानाध्यापक कोटि के शिक्षकों के भी लिए जाएंगे.
डिप्लोमा के समतुल्य इंटरमीडिएट विज्ञान: वहीं मैट्रिक के बाद तीन वर्षीय अभियंत्रण डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्र अब इंटरमाडिएट विज्ञान संकाय के समकक्ष माने जाएंगे. यह निर्णय भी शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को जारी किए गए एक बयान में बताया गया है कि कई छात्रों ने शिक्षा मंत्री से मिलकर इस संबंध में अपनी समस्याएं रखी थी.
संयुक्त समिति के गठन का निर्देश: डिप्लोमा के समतुल्य इंटरमिडिएट विज्ञान को रखने का अनुरोध छात्रों ने किया था. शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से संपर्क स्थापित कर एक संयुक्त समिति के गठन का निर्देश दिया था. समिति ने दोनों को समतुल्य मानते हुए अपनी सिफारिशें समर्पित किया था. जिसके आधार पर शिक्षा मंत्री द्वारा सहमती देते हुए दोनों को समतुल्य मानने का पत्र जारी करने का निर्देश दिया है.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और शिक्षा विभाग द्वारा समेकित रूप से यह निर्णय लिया गया है, जिसे अधिसूचित किया जा रहा है. मैट्रिक उत्तीर्ण करने के पश्चात 3 वर्षीय अभियंत्रण डिप्लोमा के प्रमाण पत्र को इंटरमीडिएट विज्ञान के समकक्ष मान्यता दिए जाने की मांग छात्र संगठनों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी.