नीतीश कुमार सुधारें अपनी गलती..ताकी निर्वाचन की प्रक्रिया हो शुरू.. निकाय चुनाव पर RCP सिंह

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Published : Oct 7, 2022, 7:13 PM IST

RCP Singh On CM Nitish Kumar

बिहार में नगर निगम चुनाव पर रोक (Ban on Municipal Election in Bihar) के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश को जिम्मेदार ठहराया है. आरसीपी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि उससे जो गलती हुई है उसको सुधारते हुए निर्णय करें जिससे निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हो.

पटना: बिहार में नगर निगम चुनाव पर रोक को लेकर विपक्ष लगातार सीएम नीतीश कुमार ( RCP Singh On CM Nitish Kumar) पर निशाना साध रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने इसको लेकर नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि 2007 में जब यह लागू हुआ था उस समय भाजपा और जदयू की साझा सरकार थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की गई थी.

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आरसीपी सिंह का सीएम नीतीश पर हमला: नगर निकाय चुनाव के लिए 10 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को मतदान होना था लेकिन अब निर्वाचन स्थगित होने से प्रत्याशियों पर आर्थिक बोझ बहुत बढ़ गया है. इसके लिए पूरी तरह से नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. इस मामले पर ललन सिंह द्वारा कहे जाने पर की लोग कुछ नहीं जानते हैं सभी बातों को वह बताएंगे. इस पर आरसीपी सिंह ने कहा ललन सिंह कितना जानते हैं सबको पता है.

"सरकार को चाहिए कि उससे जो गलती हुई है उसको सुधारते हुए निर्णय करें जिससे निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हो. जेपी को जेल में किसने डाला. जेपी ने किसके खिलाफ संघर्ष किया. किसके खिलाफ आंदोलन में यह लोग नेता बने और आज यह लोग जो जेपी आंदोलन की उपज हैं किसके पाले में बैठे हुए हैं. सब लोग इस बात को जान रहे हैं."- आरसीपी सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री

नामांकन के बाद मिल गया था चुनाव चिह्नः प्रत्याशियों को नामांकन के बाद चुनाव चिह्न तक मिल गया था. लोगों ने पोस्टर-बैनर, पेंपफ्लेट आदि छपवा लिया था. ऐसे में चुनाव पर रोक लगने के बाद इन प्रत्याशियों का परेशान होना लाजमी है. गया में नगर निकाय चुनाव के तहत गया नगर निगम और नगर पंचायतों में चुनाव होने थे. दो फेज में वोटिंग की तारीख तय की गई थी. पहले फेज में 10 अक्टूबर को ही नगर पंचायत के लिए वोट डाले जाने थे. वहीं 20 अक्टूबर को गया नगर निगम के लिए वोटिंग की तारीख तय थी. किंतु ऐन वक्त पर बिहार में नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा दी गई.

'नागालैंड जानें से पहले सीएम नीतीश दें इस्तीफा': नीतीश कुमार अगर नागालैंड जाना चाहते हैं तो जेपी की तरह सीएम पद त्याग करके जाएं. क्योंकि जेपी ने नागालैंड में कई दिनों तक प्रवास किया था और वह कोई पद पर नहीं थे. जेपी ने 3 साल तक नागालैंड में प्रवास किया था तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद छोड़कर 13 साल के लिए नागालैंड चले जाएं. 2005 से 2010 तक कानून का राज था और उस समय एके-47 सिर्फ पुलिस चलाती थी. आज के समय में पटना जिले में ही बीते दिनों किस प्रकार से 47 से कई घंटों फायरिंग हुई है. कानून व्यवस्था की क्या स्थिति है सबको पता है

'नीतीश कुमार के सीएम बनते ही इस्तीफा होता है': मुख्यमंत्री कानून का राज की बात कहते हैं जबकि कोई कानून का राज नहीं है. सीएम पटना में सड़कों पर घूमते हैं जबकि बिहार के हर गांव में सड़क जर्जर हैं. नल जल योजना का बुरा हाल है. आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जब भी मुख्यमंत्री बनते हैं कुछ मंत्रियों का इस्तीफा होता है. पहली बार मुख्यमंत्री बने तो मांझी को मंत्री पद से हटाए थे.जनता में नीतीश कुमार को लेकर विश्वसनीयता कम हुई है क्योंकि जनता X के लिए वोट करती है और जीतने के बाद Y की तरफ चले जाते हैं.

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