तेजस्वी का विस्फोटक INTERVIEW: 'हम नीतीश के साथ हैं, लेकिन उनमें हिम्मत नहीं है'

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Published : Jan 7, 2022, 7:37 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 7:52 PM IST

exclusive interview of tejashwi yadav on etv bharat

खरमास बाद खेला होगा या नहीं, ये जनता तय करेगी, हमने तो नीतीश जी को बोला है कि, जातिगत जनगणना पर राजद आपके साथ है. लेकिन वो हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Exclusive Interview Of Tejashwi Yadav) ने ये बातें कही हैं. पढ़ें ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना (Tejashwi Yadav On Caste Census) पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, सर्वदलीय बैठक बुलाना तो एक नाटक है. जब दोनों सदनों में सभी पार्टी ने मिल कर इसे पास कर ही दिया तो सर्वदलीय बैठक का क्या मतलब है. नीतीश जी अपने मुंह में दही जमा कर बैठे हैं. तेजस्वी ने इसके अलावा भी और भी कई मुद्दों पर ईटीवी भारत (Tejashwi Yadav On ETV Bharat) से बातचीत की है.

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तेजस्वी यादव से सवाल: आपने शादी कर सबको चौंका दिया?

जवाब: शादी हुई पिछले साल, मतलब एक महीना होने को होगा. समय जो था कोरोना का इसलिए हमने सोचा शादी परिवार के बीच ही हो. दो परिवार मिले तो ज्यादा बेहतर होता है. परिवार एक दूसरे को समय दें तो अच्छा होता है. सारी शादियां धूम धड़ाके से हुई, हमलोग की भी हुई लेकिन लिमिटेड लोगों को, सिर्फ परिवार के लोगों को बुलाया गया था.

तेजस्वी यादव का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

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तेजस्वी यादव से सवाल: आपकी शादी लव मैरिज थी या अरेंज?

जवाब: हमारी शादी लव और अरेंज दोनों ही थी. बिना माता पिता के अनुमति के, बिना दोनों परिवार के सहमति से तो शादी संभव नहीं थी. और हम दोनों भी ऐसा नहीं चाहते थे. हमलोगों का था कि, परिवार मानती है तो अच्छी बात है. परिवार के सामने अपनी अपनी बात रखी. दोनों परिवार मिले, अच्छा लगा,हो गया.

तेजस्वी यादव से सवाल: आपके घर परिवार के कुछ लोग नाराज हैं ऐसे लोगों को क्या मैसेज देना चाहेंगे?

जवाब: कोई नाराजगी नहीं है. इस मामले में कोई नाराजगी नहीं है. नाराजगी होनी भी नहीं चाहिए. हम तो सभी का सम्मान करते हैं.

तेजस्वी यादव से सवाल: नए साल में आप बेरोजगारी यात्रा निकालने वाले हैं, कैसी तैयारी चल रही है?

जवाब: चुनाव से पहले हम बेरोजगारी यात्रा निकाले थे, पांच छह जिलों में. फिर कोरोना की पहली लहर आई थी. लॉकडाउन लग गया था. प्रशिक्षण शिविर भी राजगीर में रखे थे, वो भी कैंसिल हो गया था. अब चुनाव में ये मुद्दा था. भले ही चोर दरवाजे से आई हुई सरकार है लेकिन उन्होंने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था. अगर हमारी सरकार होती तो हम दस लाख रोजगार पहले ही कैबिनेट में दे दिए होते. जनता से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया. हमारा फर्ज बनता है जो मुद्दा हम साथ लेकर चले थे पढ़ाई, दवाई, कमाई, सुनवाई, कार्रवाई वाली सरकार होनी चाहिए, भले ही हम छल से विपक्ष में बैठे हें लेकिन, इन सब पर जनता के प्रति जवाबदेही की हमारी जिम्मेदारी है. हमें सरकार को आइना दिखाना है. भले ही विपक्ष में हैं लेकिन विधानसभा में विपक्ष की ताकत मजबूत है. हमलोग बातों को मजबूती के साथ सरकार के सामने रख रहे हैं.

तेजस्वी यादव से सवाल: सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हो एक मुद्दे को लेकर दिल मिल रहे हैं, चाहे वो जातिगत जनगणना हो या विशेष राज्य का दर्जा?

जवाब: सबको एक बात स्पष्ट जान लेना चाहिए, जातीय जनगणना की जहां तक बात है ये लालू जी का संघर्ष रहा. हमलोगों की मांग पर प्रस्ताव के बाद बिहार विधानसभा और परिषद में पास किया गया. पास करने में सभी दल बीजेपी भी थी. इफ एंड बट था ही नहीं. लेकिन जब पार्लियामेंट में मनाही हो गई तो हमारा कर्तव्य बनता था कि,जाकर पीएम के सामने अपनी बात रखें. भले ही किसी भी दल में हों, कोई हो. हमने नीतीश जी को सुझाव दिया. हमने ये भी कहा कि, नहीं मानते हैं तो कम से कम राज्य सरकार तो करा ले. हम तो चाहते थे कि, पूरे देश का हो, सही पिक्चर सामने आती. लेकिन अब जो भी नौटंकी..ऑल पार्टी मीटिंग बुलाइये पता चल जाएगा कि, कौन आ रहा है कौन नहीं. हम नीतीश की जगह होते तो घोषणा कर देते कि, जातिगत जनगणना राज्य सरकार अपने खर्चे पर करा रही है. सर्वदलीय बैठक बुलाने का क्या मतलब रह गया. जब दो बार विधानसभा परिषद से पारित हो गया. जहां कोई विरोध का माहौल नहीं था वहां ये विरोध का माहौल बना दिए क्यों?

तेजस्वी यादव से सवाल: नीतीश जी बीजेपी का साथ छोड़कर आते हैं तो आपकी क्या राय है?

जवाब: मानसिकता देखिए.. जातिगत जनगणना लालूजी के संघर्ष और हमारे प्रयास से सर्वसम्मति से पारित हुआ. नीतीश जी का तो यह एजेंडा था ही नहीं. इसमें तो समर्थन का कोई बात नहीं है. कथनी करनी में फर्क होता है. नीतीश जी जो बात बोल रहे हैं, वो तो हमारे ही पक्ष में बोल रहे हैं न. हमलोग क्या मदद करेंगे मुख्यमंत्री को. सीएम को किसी की मदद की कोई जरूरत नहीं होती है. 'बीजेपी इज द पार्ट ऑफ द गवर्नमेंट एंड ही इज द हेड ऑफ दे गवर्नमेंट'. फिर क्या नौटंकी है.

तेजस्वी यादव से सवाल: अगर बीजेपी नीतीश छोड़ते हैं तो क्या आपलोग स्वागत करेंगे ?

जवाब: किस चीज के लिए छोड़ेंगे. आप लिखकर ले लीजिए वो ऐसा कुछ नहीं करेंगे. कलेजा चाहिए,उनके पास कलेजा नहीं है. किस व्यक्ति के बारे में आप बात कर रहे हैं. पूरा देश जानता है उनके पास कलेजा नहीं है. हम 50 बार बोले हैं कि एंट्री-एक्जिट की कोई बात ही नहीं है.

तेजस्वी यादव से सवाल: खरमास के बाद बिहार की राजनीति में खेला होगा?

जवाब: खेला हो न हो, खेला जब होगा तो क्या पहले ही आदमी बोल देगा कि खेला होबे. कब क्या होता है नहीं होता है जनता के मन में जो है वो है सरकार के प्रति गुस्सा. जनता सरकार से नाराज है.

इन तमाम मुद्दों के साथ ही तेजसवी ने कहा कि, मुझे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मामले पर कुछ नहीं बोलना है. मुझे तो केवल किसानों की चिंता है. इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि, 'नीतीश के साथ जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. इतिहास गवाह है और उनके बारे में सब लोग जानते हैं. रोजगार देने में नीतीश सरकार फेल है.

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Last Updated :Jan 7, 2022, 7:52 PM IST
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