लोकसभा में बिहार के 'नल जल योजना' की गूंज, देखें कैसे आपस में ही भिड़ गए BJP-JDU के सांसद

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Published : Feb 3, 2022, 6:22 PM IST

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बिहार की नीतीश सरकार (CM Nitish Kumar) ने सितंबर 2016 में आधिकारिक तौर पर 'हर घर नल का जल' योजना की शुरुआत की थी. इस योजना से अब तक 152.16 लाख नल कनेक्शनों को पेयजल उपलब्ध कराया गया है. इसका मकसद बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाना है.

पटना: बिहार सरकार ने 2015 में 'हर घर नल से जल' योजना (Har Ghar Nal Jal Yogna) की शुरुआत की थी. जिसकी बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी तारीफ की थी और देश भर में इसे लागू करने की बात कही थी. इस बार के आम बजट में केंद्र सरकार ने अपनी 'नल से जल योजना' के लिए 60 हजार करोड़ रुपये आवंटित भी किए हैं. लेकिन इसी योजना को लेकर गुरुवार को लोकसभा में बिहार से आने वाले बीजेपी और जेडीयू के दो सांसद आपस में उलझ गए.

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सारण से बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि केंद्र सरकार ने पिछले साल बिहार सरकार को इस योजना के तहत 6 हजार 600 करोड़ रुपये आवंटित किए, लेकिन बिहार सरकार ने उसमें से एक भी रुपये का इस्तेमाल नहीं किया. जबकि बिहार नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को सबसे पिछड़ा राज्य बताया गया है, ऐसे में केंद्र की ओर से आवंटित राशि का इस्तेमाल नहीं किया जाना हैरान करता है.

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इस पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राजीव प्रताप रूडी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 2015 से लागू 'हर घर नल से जल' योजना का सारा खर्च बिहार सरकार खुद से वहन कर रही है.

दोनों सांसदों की बातों के जवाब देते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ये सही है कि बिहार सरकार की 'हर घर नल से जल' योजना के बाद केंद्र सरकार ने ऐसी योजना की शुरुआत की है, लेकिन तब केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत बिहार सरकार के पैसे आवंटिक किए थे और पिछले दो साल में हमने बिहार राज्य को दो हजार करोड़ रुपये दिए हैं.

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गौरतलब है कि बिहार की नीतीश सरकार (CM Nitish Kumar) ने सितंबर 2016 में आधिकारिक तौर पर 'हर घर नल का जल' योजना की शुरुआत की थी. इस योजना से अब तक 152.16 लाख नल कनेक्शनों को पेयजल उपलब्ध कराया गया है. इसका मकसद बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाना है. योजना के तहत सुबह, दोपहर और शाम में दो-दो घंटे पेयजल की आपूर्ति की जाती है.

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट में कई बड़ी योजनाओं को लेकर ऐलान किया. इनमें हर घर तक नल से पीने का पानी पहुंचाने की योजनाएं भी शामिल हैं. साथ ही बजट में 'नल से जल योजना' के लिए 60 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. इसके तहत अब तक 8.7 घर कवर हो चुके हैं. सिर्फ पिछले 2 साल में इस स्कीम के तहत 5.5 करोड़ घरों को नल का पानी मुहैया कराया गया है. 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को कवर करने के लिए इस रकम का आवंटन किया गया है.

पानी के लिए 'हर घर नल से जल' (Har Ghar Nal Se Jal) भारत सरकार द्वारा साल 2019 में शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में 2024 तक नल का पानी उपलब्ध कराना है. वित्त मंत्री ने 2019 के केंद्रीय बजट में इस योजना की घोषणा की थी. हर घर जल तब से राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक घरेलू नल कनेक्शन के जरिए सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल मुहैया कराना है. इसके तहत भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन आदि शामिल हैं.

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