Chhath Puja 2023: छठ को लेकर ट्रेनों में खचाखच भीड़, बाथरूम तक में पैर रखने की जगह नहीं, कपड़े से शख्स ने बना ली खुद की सीट

Chhath Puja 2023: छठ को लेकर ट्रेनों में खचाखच भीड़, बाथरूम तक में पैर रखने की जगह नहीं, कपड़े से शख्स ने बना ली खुद की सीट
Crowd In Trains Due To Chhath Puja: छठ के दौरान बिहार आने वाली ट्रेनों का हाल देख आप चौंक जाएंगे. यात्री ट्रेन के बाथरूम में बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं. इसके कारण दूसरे यात्रियों को परेशानी हो रही है. ऐसी ही एक महिला यात्री ने बताया कि महाराष्ट्र से बरियारपुर जा रही हूं. घर से खाना लेकर आई थी लेकिन खा नहीं सकी क्योंकि खाना खाने के बाद बाथरूम जाना पड़ेगा और ट्रेन के बाथरूम में यात्री बैठे हैं. वहीं एक यात्री ने तो ट्रेन के गेट के पास ही अपनी सीट बना डाली जिसके कारण दूसरे यात्री हलकान दिखे.
पटना: छठ के दौरान बिहार आने वाली ट्रेनों में लोगों की भीड़ देखकर किसी की भी आंखें फटी की फटी रह जाएंगी. पटना जंक्शन पर ईटीवी भारत ने कई यात्रियों से बात की और उनकी परेशानियों को जानने का प्रयास किया. खचाखच भरी ट्रेन में पैर रखने की भी जगह नहीं है. लोग ट्रेन के दरवाजे में लटक कर यात्रा कर रहे हैं, जो किसी बड़ी अनहोनी का कारण बन सकता है.
भेड़ बकरी की तरह सफर करने को मजबूर यात्री: छठ महापर्व को लेकर लंबी दूरी की ट्रेनों में भीड़ इतनी है कि लोगों को खड़ा होने के लिए भी जगह नहीं मिल रही है. ईटीवी भारत की टीम ने लोकमान्य तिलक भागलपुर, नई दिल्ली पटना और गुजरात पटना स्पेशल ट्रेन का जायजा लिया. सभी ट्रेनों में भीड़ इतनी है कि लोग खड़े होकर सफर कर रहे हैं. कई लोग बाथरूम में बैठकर हजारों किलोमीटर का यात्रा कर रहे हैं और कई लोग गेट पर लटक कर सफर करते नजर आ रहे हैं.
ट्रेन के सारे बाथरूम भी यात्रियों से पैक: छठ महापर्व में घर आने की होड़ लगी हुई है. ट्रेनों में रेल यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन की तरफ से रेल यात्रियों के सहूलियत के लिए स्पेशल ट्रेन चलाया जा रहा है. इसके बावजूद भी रेल यात्रियों को सहूलियत नहीं मिल रही है. एक रेल यात्री लोकमान्य तिलक भागलपुर एक्सप्रेस के बाथरूम में बैठकर सफर करते नजर आए. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने अपने दर्द को बताते हुए कहा का दो दिनों से यही हाल है.
"दो दिनों से बाथरूम में बैठे हुए हैं. बाथरूम के बाहर निकल भी नहीं सकते क्योंकि पूरी बोगी भरी हुई है. किसी तरह से ट्रेन में प्रवेश किया और प्रवेश करने के बाद जगह नहीं मिली तो बाथरूम में ही बैठना पड़ा है. छठ महापर्व में घर आने का पहले से प्लानिंग था लेकिन जहां काम करते हैं, वहां पर पैसा दीपावली के बाद मिला. जब टिकट लेने गए तो सभी ट्रेनों में सीट फुल थी. मजबूरी ऐसी है कि बाथरूम में बैठकर घर जाना पड़ रहा है. बाथरूम में खाना-पीना मुश्किल है. नाक बांधकर सफर कर रहे हैं."-यात्री
"छठ महापर्व है तो हर साल भेड़ बकरी की तरह ट्रेनों में लद करके आना पड़ता है. स्लीपर बोगी भी जनरल बन जाती है और जो लोग बाथरूम में बैठकर या गेट पर लटक कर आते हैं, उनकी रक्षा करने वाला भी कोई नहीं. ट्रेन में भीड़ इतनी है कि घुटन महसूस हो रही है."- यात्री
नहीं मिल रहा पीने का पानी: एक रेल यात्री सुनील कुमार ने कहा कि हम एर्नाकुलम से चले हैं. तीन दिनों से खाना नहीं खाए हैं. खाना बैग में पड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि पानी सिर्फ नाम के लिए पी रहा हूं. जिंदा रहना है इसलिए क्योंकि बाथरूम तक पहुंचना मुश्किल है. पानी बेचने वाले भी अंदर नहीं आ रहे हैं.
"कई वर्दी वाले से हमने अपनी मांग की लेकिन कोई पानी तक नहीं पहुंचा रहा. भीड़ के कारण स्टेशन पर उतर भी नहीं पा रहे हैं. रेलवे प्रशासन के अधिकारी को यात्रियों की परेशानी नजर नहीं आ रही है. टीटीई टिकट चेक करने नहीं आ रहे हैं."- यात्री
'बाथरूम जाने के डर से भूखे-प्यासे यात्रा कर रहे': वहीं एक महिला रेल यात्री ने रेलवे प्रशासन पर आरोप लगाया कि रेलवे प्रशासन के तरफ से हर साल स्पेशल ट्रेन चलाया जाता है और स्पेशल ट्रेन के नाम पर रेल यात्रियों को कोई भी सुविधा नहीं मिलती है. खाना जस का तस रखा हुआ है. खाना नहीं खा पाए हैं क्योंकि बाथरूम भी नहीं जा सकते. चार महीने पहले हमने रिजर्वेशन कराया, इसके बावजूद भी मुझे इतनी परेशानी हो रही है.
"मैं अपनी परेशानी को शब्दों में बयां नहीं कर पाऊंगी. महिलाओं को सफर करने में काफी परेशानी हो रही है. बाथरूम तक पहुंच नहीं पा रही हूं. आज तक मुझे सफर के दौरान इतनी परेशानी नहीं हुई थी जो इस बार हुई. मेरे साथ मेरे बच्चे और मेरी सासू मां है. कोई भी खाना नहीं खाया है. मैं महाराष्ट्र मलाड से मैं आ रही हूं और बिहार के बरियारपुर जा रही हूं."- महिला यात्री
बाथरूम जाने के डर से भूखे-प्यासे सफर: कुल मिलाकर देखा जाए तो छठ महापर्व को लेकर सभी ट्रेनों में भेड़ बकरी की तरह लोग सफर कर रहे हैं. अगर लोगों को सफर के दौरान वॉशरूम जाने की नौबत आ रही है तो उनकी आंखों से आंसू छलक रहे हैं. क्योंकि बाथरूम तक पहुंचना मुश्किल है और स्टेशन पर भी उतरना आसान नहीं है. ऐसे में लोग खाना रहते हुए भी उसे खा नहीं रहे और पानी भी पीने से परहेज कर रहे हैं.
सीट के लिए देसी जुगाड़: इन सबके बीच सीट के देसी जुगाड़ की एक तस्वीर भी सामने आई. खचाखच भरी भीड़ में एक यात्री को जगह नहीं मिली तो उसने कपड़े को बांधकर सीट बना ली. यात्री ने ट्रेन के मेन गेट पर ही सीट बना ली और लेट गया. इसका खामियाजा दूसरे यात्रियों को उठाना पड़ा. लोगों को ट्रेन में चढ़ने में तो परेशानी हुई ही खड़ा होना भी मुश्किल हो गया.
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