सीएम नीतीश की घोषणा: मुजफ्फरपुर अंखफोड़वा कांड के पीड़ितों को मुआवजा देगी सरकार

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Published : Dec 14, 2021, 2:49 PM IST

Muzaffarpur Eye Hospital Case

मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल कांड (Muzaffarpur Eye Hospital Case) के पीड़ितों को नीतीश सरकार मुआवजा देगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात की घोषणा (Compensation For Muzaffarpur Eye Victims ) की है. सीएम ने कहा कि, पीड़ितों को राज्य सरकार की ओर से सहायता दिया जाएगा.लेकिन सहायता राशि कितनी होगी फिलहाल ये नहीं बताया जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: मुजफ्फरपुर अंखफोड़वा कांड के पीड़ितों के लिए राहत भरी खबर है. नीतीश सरकार (CM Nitish Announces Compensation) ने पीड़ितों को सहायता राशि देने का ऐलान किया है. स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने इस बात की घोषणा की है.

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सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि "हम सबसे कहेंगे कि काहे प्राइवेट हॉस्पिटल में जाते हैं. अगर लगता है कि, प्राइवेट हॉस्पिटल अच्छा है तो आपको जाने का अधिकार है. लेकिन जिस तरह से मुजफ्फरपुर में हुआ, प्राइवेट हॉस्पिटल में क्या गड़बड़ी थी इसकी जांच की गई है. ऐसी लापरवाही को हम छोड़ने वाले नहीं हैं, एक्शन लिया जा रहा है."

सीएम ने अंखफोड़वा कांड के पीड़ितों को मुआवजा देने का किया ऐलान

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इस दौरान सीएम ने कहा कि "सरकारी अस्पताल में एक-एक चीज पर नजर रखी जाती है. हम चाहेंगे कि, जो भी प्राइवेट हॉस्पिटल चलाते हैं अच्छे से चलाइये. मुजफ्फरपुर में जो भी हुआ वो बहुत दुखद है. पीड़ितों के इलाज की सारी व्यवस्था की जा रही है."

"जिनकी आंखें चली गई हैं, उनके लिए सरकार चिंतित है. बेचारों ने अपनी आंखें खो दी है. हम ऐसे लोगों की मदद के लिए सोच रहे हैं. कितना रुपया दिया जाएगा, कहना मुश्किल है. लेकिन ऐसे लोगों को राज्य सरकार सहायता जरूर देगी."- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

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बता दें कि बीते 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद ऑपरेशन कैंप लगाया गया था. इस शिविर में 65 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था. आंख का ऑपरेशन कराए मरीजों ने बताया कि, ऑपरेशन का एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि, उनकी आंखों में जलन, दर्द और नहीं दिखने जैसी समस्याएं होने लगी. इसके बाद इन लोगों ने जब इसकी शिकायत आई हॉस्पिटल पहुंचकर चेकअप कराया तो डॉक्टरों ने इंफेक्शन की बात कही. डॉक्टरों ने आंखें निकलवाने की सलाह दी. डॉक्टरों ने कहा कि, अगर आंख नहीं निकाली गई तो, दूसरा आंख भी खोना पड़ेगा. 16 लोगों की आंखें (Patients Eyes Removed In Muzaffarpur ) निकाल दी गईं.

6 दिसंबर को इस मामले की फाइनल जांच रिपोर्ट सामने आई. जांच में ओटी में दो तरह के बैक्टीरिया (Two Types Of Bacteria Found In OT) मिलने की बात सामने आई. सीएस ने बताया कि 'आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर में सुडोमोनास और स्टेफायलोकोकस बैक्टीरिया पाया गया है. यह काफी खतरनाक बैक्टीरिया होता है. एक से दो दिन में ही यह आंख खराब कर देता है. एसकेएमसीएच में जिन लोगों की आंख निकाली गयी, उनमें भी यह बैक्टीरिया पाया गया है.'

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वहीं कई पीड़ितों का इलाज पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में चल रहा है. भर्ती मरीजों में से दो का कॉर्निया ट्रांसप्लांट (Cornea Transplant Of Two Patients In IGIMS) किया गया है. वहीं जो लोग ठीक हो गए हैं उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दी जा रही है. नीतीश कुमार ने कहा कि पीड़ितों का ठीक से इलाज हो इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

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