चिराग पासवान आरा से 3 सितंबर को करेंगे आशीर्वाद यात्रा के दसवें चरण की शुरुआत

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Published : Sep 1, 2021, 3:21 PM IST

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लोजपा सांसद चिराग पासवान अपने आशीर्वाद यात्रा (Aasirwad Yatra) के दसवें चरण की शुरुआत 3 सितंबर को आरा जिले से करेंगे. 4 सितंबर को बक्सर में यात्रा होगी. अब तक आशीर्वाद यात्रा का नौ चरण पूरा हो चुका है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान (LJP MP Chirag Paswan) दसवें चरण की आशीर्वाद यात्रा (Aasirwad Yatra) की 3 सितंबर से शुरुआत करने जा रहे हैं. चिराग पासवान 2 सितंबर को पटना आएंगे और 3 सितंबर को बाबू वीर कुंवर सिंह की धरती आरा से आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करेंगे. लोजपा प्रवक्ता चंदन सिंह (LJP Spokesperson Chandan Singh) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि चिराग पासवान को जनता का भरपूर प्यार और आशीर्वाद मिल रहा है.

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वहीं आशीर्वाद यात्रा के तहत चिराग पासवान 4 सितंबर को बक्सर जिले में कई स्थलों पर जाकर वहां की जनता से आशीर्वाद यात्रा के तहत आशीर्वाद प्राप्त करेंगे. आशीर्वाद यात्रा के तहत चिराग पासवान ने 9 चरण पूरे कर लिए हैं. इन चरणों में चिराग ने घूम घूमकर जनता का आशीर्वाद प्राप्त किया.

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आशीर्वाद यात्रा के तहत जिस तरह से जन सैलाब चिराग पासवान से मिलने को लेकर उमड़ रहा है उससे हम सभी अभिभूत हैं. आने वाले समय में लोजपा की आशीर्वाद यात्रा बिहार के 38 जिलों में रिकॉर्ड कायम करेगी.- चंदन सिंह, लोजपा प्रवक्ता

आपको बता दें कि लोजपा में फूट होने के बाद चिराग पासवान ने निर्णय लिया था कि वह आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से बिहार की जनता से रूबरू होंगे. चिराग लगातार ये दावा कर रहे हैं कि लोजपा का असली हकदार वही हैं और बिहार में पासवान जाति कि लोग उनके साथ खड़े हैं.

गौरतलब है कि लोजपा में बगावत होने के बाद अपने पिता रामविलास पासवान की जयंती के मौके पर चिराग पासवान ने हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा की शुरूआत की थी. इस अभियान के माध्यम से चिराग पूरे बिहार में घुमकर लोगों से आशीर्वाद ले रहे हैं. जिसका नौ चरण पूरा हो गया है. वहीं अब 3 सितंबर से दसवें चरण की शुरुआत होगी.

बता दें कि पिछले दिनों पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) और अन्य सांसदों ने एकजुट होकर खुद को चिराग पासवान से अलग कर लिया था. इसके बाद, सबसे पहले पशुपति पारस संसद में पार्टी के नेता बने, बाद में उन्होंने पार्टी पर कब्जा कर लिया. ऐसे में अब पशुपति पारस लोजपा के अध्यक्ष हैं, जबकि चिराग का कहना है कि पार्टी अभी भी उनकी है और उनके चाचा पशुपति पारश जो फैसले ले रहे हैं, वो ठीक नहीं हैं.

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