सावधान! उमस भरी गर्मी में बच्चों का रखें ख्याल, 3 दिन में 1500 से अधिक बच्चे पहुंचे अस्पताल

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Published : Jun 15, 2022, 12:44 PM IST

Children Sick Due To Summer In Patna

उमस भरी गर्मी से बच्चे सबसे अधिक प्रभावित (Children Sick Due To Summer In Patna) हो रहे हैं. पिछले 3 दिनों में पटना के अस्पतालों में 1500 से अधिक बच्चे इलाज के लिए पहुंचे. ऐसे में कैसे अपने बच्चों का ख्याल रखें बता रहे हैं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ और पीएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुमन कुमार (Pediatrician Dr Suman Kumar)..

पटना: प्रदेश में भले ही आज मानसून ने दस्तक दे दी है लेकिन मानसून अभी पूरे प्रदेश में सक्रिय नहीं हुआ है. इसे सक्रिय होने में 2 दिन का समय लगेगा. 15 जून के बाद ही पूरे प्रदेश में मानसून सक्रिय (Monsoon in Bihar) होगा लेकिन मानसून के पहले मानसून के लिए जो स्थिति बनती है वही स्थिति पटना में बनी हुई है. फिलहाल उमस भरी गर्मी (Heat Wave In Bihar) से सबसे ज्यादा बच्चे बीमार (Children Sick Due To Summer In Bihar) हो रहे हैं.

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बच्चे पड़ रहे बीमार: पुरवा हवा के प्रवाह के कारण पटनावासी उमस भरी गर्मी से जूझ रहे हैं. उमस भरी गर्मी की वजह से बच्चे बीमार पड़ने लगे हैं और विगत 3 दिनों की बात करें तो पटना के अस्पतालों में 15 सौ से अधिक बच्चे पहुंचे हैं और इनमें से 40 फीसदी से अधिक बच्चों में पेट दर्द, बुखार, हेडेक, भूख ना लगना, डिहाइड्रेशन जैसे मामले मिल रहे हैं.

बच्चों को हो रही ये शिकायतें: पटना के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ और पीएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुमन कुमार ने बताया कि अभी अचानक गर्मी काफी बढ़ गई है. वातावरण में ह्यूमिडिटी बहुत अधिक है. ऐसे में जो बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं उनमें पेट दर्द, उल्टी, दस्त और बुखार जैसी शिकायतें अधिक रह रही हैं. इसके पीछे का सबसे प्रमुख कारण तापमान है. समर वेकेशन चल रहा है और बच्चे घर में रह रहे हैं. ऐसे में कई बार बच्चे दिन में धूप के पीक आवर में खेलने निकल जा रहे हैं.

ह्यूमिडिटी अधिक होने से परेशानी: चिकित्सक का कहना है कि बच्चों में एनर्जी अधिक होती है और जब बच्चे खेलते कूदते हैं तो उनका पसीना बहुत अधिक निकलता है लेकिन अभी के समय एटमॉस्फेयर में ह्यूमिडिटी अधिक है. ऐसे में शरीर से पसीना सूखता नहीं है और इसका दुष्परिणाम होता है कि शरीर ओवर हिट हो जाता है. इसमें बच्चों को उल्टी आने की शिकायत बुखार आने की शिकायत जल्दी थक जाने की शिकायत काफी आती है.

"बच्चों के बीमार पड़ने का कारण अत्यधिक गर्मी है. बच्चे धूप में खेलने निकल जाते हैं और जब खेल कर आते हैं तो सीधे पानी से बिना आराम किए हाथ पैर और चेहरा धो लेते हैं या फिर सीधे एसी कमरे में जाकर एसी लो टेंपरेचर में चला कर बैठ जाते हैं. ऐसे में उनके शरीर के टेंपरेचर का रेगुलेशन सही नहीं होता है और बच्चे बीमार पड़ जाते हैं. बच्चों में आदत होती है कि वह पानी कम पीते हैं. ऐसे में अधिक खेलने कूदने के बाद बच्चों को डिहाइड्रेशन भी हो जाता है."- डॉ सुमन कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ

ना खाएं बासी खाना: डॉ सुमन कुमार ने बताया कि गर्मी के मौसम में खाना तेजी में खराब होता है, इसमें बैक्टीरिया का ग्रोथ होता है. एक खास तरह की बैक्टीरिया स्टैफओरियस बैक्टीरिया तुरंत बच्चों के शरीर में असर करता है. इस प्रकार के भोजन करने के 6 घंटे बाद बच्चे बीमार पड़ने लगते हैं. उन्हें पेट दर्द होने लगता है लूज मोशन होने लगेगा और बच्चे डिहाइड्रेट हो जाता है.

मां को भी रखना होगा अपना ख्याल: डॉ सुमन कुमार ने कहा कि 5 वर्ष से 15 वर्ष के बच्चे अधिक बीमार पड़ रहे हैं और जो अस्पताल में बच्चे आ रहे हैं उनमें इसी एज ग्रुप के बच्चों की संख्या अधिक है. हालांकि छोटे बच्चे भी काफी बीमार पड़ रहे हैं और इसके पीछे उनकी मां के खानपान जिम्मेदार है. लग्न सीजन में दूध मुंहे बच्चे की मां जो कुछ अनाप-शनाप भोजन करती हैं उसका दुष्परिणाम उनके दूध पीने वाले बच्चे के शरीर पर होता है यह समझना होगा.

ऐसे रखें अपने बच्चों का ख्याल: बच्चे अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए अधिक से अधिक पानी पिए. एसी कमरे में बैठे हुए हैं और यदि कहीं खेलने जाना है तो ऐसी बंद करके कुछ देर आराम कर ले और उसके बाद बाहर निकले ताकि बाहर के तापमान को बड़ी आसानी से अडॉप्ट कर सके. इसी प्रकार जब खेलकूद करके बाहर से आए तो कुछ देर आराम करें उसके बाद हाथ पैर धोए और एसी कमरे में जाएं. इसके अलावा बच्चों को अभी अत्यधिक जंक फूड खाने से मना करें और रोडसाइड फास्ट फूड खाने की आदत को बंद करें. कभी कभार एक-दो दिन सप्ताह में रोडसाइड भोजन खिला सकते हैं लेकिन रोज-रोज यदि बच्चे खाएंगे तो बीमार पड़ना निश्चित है. इसके अलावा बच्चों को हल्का रंग के सूती कपड़ा पहनाएं, वह भी ढीले ढाले हों.

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