बीपीएससी पेपर लीक कांड से टूटा अभ्यर्थियों का मनोबल, आयोग की साख पर भी उठे सवाल

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Published : May 10, 2022, 10:09 PM IST

बीपीएससी पेपर लीक कांड से टूटा अभ्यर्थियों का मनोबल

बीपीएससी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक (BPSC paper leak) होने के बाद चौतरफा हंगामा मचा है. सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी. जांच का आदेश दिया. इधर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. आरोप मढ़े जा रहे हैं लेकिन इस घटनाक्रम में सबसे पीड़ित वे परीक्षार्थी हैं जो वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद परीक्षा में शामिल होने पहुंचे. परीक्षा भी दी लेकिन रद्द हो गयी. पढ़ें छात्रों की पीड़ा को दर्शाती यह खबर.

पटना: बीपीएससी की परीक्षा तो रद्द (BPSC PT Exam cancelled) हो गई लेकिन उन उम्मीदवारों का क्या जिसने रात रात भर पढ़ाई की? आधी रात को परीक्षा सेंटर तक पहुंचे, कुछ घंटे सोये. कुछ अभ्यर्थी चिलचिलाती धूप में केंद्र को खोजते एग्जामीनेशन हॉल तक पहुंचे. कटऑफ क्लियर करने की उम्मीद में शांत मन से परीक्षा दी. घर पहुंचते ही खबर आई कि पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द हो गया है. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इतनी मेहनत और कष्ट के बाद परीक्षा रद्द होने पर उस परीक्षार्थी पर क्या गुजर रही होगी.

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आयोग से उठा अभ्यर्थियों का भरोसा: 8 मई रविवार को बीपीएससी 67वीं की प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित की गई और परीक्षा समाप्ति के 4 घंटे बाद ही पेपर वायरल होने की वजह से परीक्षा रद्द हो गयी. अपने गृह जिले से सैकड़ों किलोमीटर दूर जो अभ्यर्थी परीक्षा देने निकले हुए थे, वह अभी घर लौटे भी नहीं कि रास्ते में उन्हें पता चला कि जिस परीक्षा के लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया, लंबी यात्रा की, महीनों कड़ी मेहनत की थी, वह परीक्षा अब रद्द हो गई है. ऐसे में बीपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का मनोबल टूट गया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि उनका आयोग की विश्वसनीयता से भरोसा उठ गया है.

परीक्षार्थियों के दर्द की कहानी उनकी जुबानी: बीपीएससी अभ्यर्थी कृष्ण कांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में छोटे लेवल की परीक्षाओं में सेटिंग होने की बात उन्होंने सभी से सुनी है. ऐसे में उन्होंने बीपीएससी परीक्षा के लिए ही तैयारी करना खुद के लिए उचित समझा. उन्होंने कहा कि उनकी नजर में अब तक यह प्रदेश का सबसे हाई लेवल एग्जाम था लेकिन इस हाई लेवल एग्जाम के साथ इस प्रकार जो कुछ हुआ है उससे उनका आयोग से भरोसा उठा है. उन्होंने जब से तैयारी करनी शुरू की तो पहले तो मनोबल इससे टूटा कि बार-बार परीक्षा का डेट बढ़ता गया. तीन बार परीक्षा का डेट आगे बढ़ाया गया. परीक्षा निर्धारित समय से 7 से 8 महीने विलंब से हुई. ऊपर से यह परीक्षा कैंसिल हो गई ऐसे में यह समझ में नहीं आ रहा है कि एक परीक्षा के लिए कितने वर्षों तक तैयारी की जाए.

परीक्षार्थियों की परेशानी: पटना के राजीव नगर स्थित एक लाइब्रेरी में घंटों बैठकर बीपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा के लिए उन लोगों ने सब कुछ छोड़ कर प्रतिदिन घंटों पढ़ाई की थी. परीक्षा देने के बाद परीक्षा रद्द हो गई. युवक शशि रंजन ने बताया कि उनका गृह जिला सीतामढ़ी है. उनका सेंटर कटिहार पड़ा था. आवागमन की भी अच्छी सुविधा नहीं थी. कटिहार परीक्षा सेंटर जाने के लिए वे पटना से ट्रेन में सवार हुए और खड़े-खड़े यात्रा पूरी की. कटिहार पहुंचने पर भी आसपास कहीं होटल नहीं मिला क्योंकि अभ्यर्थियों की भीड़ काफी अधिक थी.

स्टेशन पर रुककर गुजारी रात: ऐसे में अभ्यर्थियों ने स्टेशन पर ही समय बिताया और वहीं से फ्रेश होकर परीक्षा सेंटर खोजते हुए परीक्षा सेंटर पहुंचे. परीक्षा दी. उनका एग्जाम बढ़िया गया. यह उनका तीसरा अटेम्प्ट था. इस बार तैयारी उनकी अच्छी थी और परीक्षा भी अच्छा हुआ था. उन्हें पूरा विश्वास था कि इस बार उनका प्रीलिम्स क्लियर हो रहा है. उन्होंने कहा कि हालांकि परीक्षा केंद्र के अंदर सील पैक लिफाफे में पेपर नहीं आया. सभी को बांट दिया गया और सभी छात्र सॉल्व करने लगे. परीक्षा देकर निकले तो फिर आने के लिए कोई ट्रेन नहीं. लगभग 5 घंटे उन्होंने स्टेशन पर ट्रेन की प्रतीक्षा में समय काटा और फिर ट्रेन पकड़ी.

घर पहुंचने से पहले ही पेपर रद्द: खड़े होकर ही उन्हें 6 घंटे की यात्रा करनी पड़ी. इसी दौरान ट्रेन में जब भीड़ में वह खड़े थे, अभ्यर्थियों के बीच चर्चा उठी की परीक्षा कैंसिल हो गई है. जब मोबाइल पर न्यूज साइट को देखा पता चला कि परीक्षा रद्द हो गई है. उन्हें इस घटनाक्रम से बहुत कष्ट पहुंचा है. युवक राहुल कुमार ने बताया कि उन्होंने परीक्षा के लिए काफी कड़ी मेहनत की थी. उन्होंने घर आकर पेपर का मिलान किया तो उन्हें 111 नंबर आ रहे थे. यह उनका पहला अटेम्प्ट था लेकिन वह इस पूरे घटनाक्रम से काफी निराश हैं.

बिहार की टॉप परीक्षा का ये हाल?- उनका बीपीएससी से भरोसा उठ गया है. इस प्रकार के हाई लेवल एग्जाम का परीक्षा प्रश्न पत्र का लीक होना काफी दुखद है. इससे उनके जैसे लाखों अभ्यर्थियों का मनोबल डाउन हुआ है. इस परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ तो कहीं ना कहीं उन्हें यह एहसास हुआ कि पिछले एग्जाम में भी जो अभ्यर्थी मुद्दा उठाए थे कि प्रश्नपत्र पहले लीक हो गया है, कहीं ना कहीं उस बात में भी सच्चाई थी. लीक होने की वजह से ही पिछली बार कटऑफ हाई हुआ था. यह उन्होंने अनुभव किया. उन्होंने बताया कि फुलवारी में उनका सेंटर पड़ा था. उन्हें 25 मिनट लेट ओएमआर शीट और क्वेश्चन पेपर दिया गया. परीक्षा भी 2:30 तक चली. परीक्षा केंद्र के बाहर अभिभावक इंतजार कर रहे थे कि बच्चे अब परीक्षा देकर निकलेंगे लेकिन आधे घंटे से अधिक लेट हो गया.

सील पैक नहीं थे प्रश्न पत्र: उनके केंद्र में जब क्लास रूम में क्वेश्चन पेपर पहुंचा था तब वह सील पैक लिफाफे में नहीं था. उन्होंने कहा कि बीपीएससी परीक्षा में इतना दूर सेंटर दिया जाना अभ्यर्थियों के हित में नहीं है और कहीं ना कहीं बीपीएससी को इस पर ध्यान देना चाहिए कि जिस प्रकार लड़कियों को उनके गृह जिले में सेंटर मिल रहा है, उसी प्रकार लड़कों को कम से कम आसपास के जिलों में सेंटर दिया जाए. उन्होंने कहा कि अधिक संख्या में अभ्यर्थी फॉर्म भरते हैं. बिहार के पास कोई वैसी बेहतर व्यवस्था नहीं है कि छात्रों को अच्छे तरीके से एकोमोडेट कर दिया जाए. परीक्षा देने के लिए सेंटर पर छात्र पिकअप पर भेंड़-बकरे जैसे लदकर पहुंचे. इसकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर खूब चल रही हैं.

कौन सुनेगा अभ्यर्थियों की परेशानी: घंटों खड़े रहकर यात्रा करने के बाद भूखे प्यासे छात्रों ने परीक्षा दी. घंटों खड़े होकर वापस लौटे हैं और रास्ते में जब उन्हें पता चला कि परीक्षा रद्द हो गयी तो कई छात्र डिप्रेशन में चले गए हैं. कई छात्रों की तबीयत बिगड़ गई. इन सब परेशानियों को कोई देखने-सुनने वाला नहीं है. यह सभी परेशानियां तब सार्थक हो जातीं जब इस परीक्षा का रिजल्ट आता लेकिन यह परीक्षा ही कैंसिल हो गई जिसके लिए उन लोगों ने इतना संघर्ष किया.

इतनी दिक्कतों को झेलकर भी नतीजा संघर्ष ही मिलेगा ये किसी भी अभ्यर्थी ने सोचा नहीं होगा. बिहार की टॉप मोस्ट परीक्षा का ये हाल देखकर हर कोई सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है. इसपर राजनीति भी खूब हो रही है. सरकार जांच करा रही है. लेकिन उनका क्या जिनकी उम्मीदें इस वाकये के बाद मर गईं. इमानदार छात्रों का हौसला तोड़ दिया. छात्र अब ड्रिप्रेशन में हैं. सरकार जब तक आरोपियों को पकड़कर सख्त एक्शन नहीं ले लेती मेहनतकश छात्रों का 'मनोवैज्ञानिक अवसाद' कम नहीं होने वाला.

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