सुधाकर सिंह के समर्थन में आई BJP, कहा- 'यूरिया की कालाबाजारी का सवाल उठाने की मिली सजा'

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Published : Oct 2, 2022, 4:04 PM IST

संजय जायसवाल का सुधाकर सिंह के इस्तीफा पर बयान

सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री पद से इस्तीफा देते ही बीजेपी को महागठबंधन सरकार पर निशाना साधने का एक और मौका मिल गया. सियासी गलियारों में यह कयास लगाया जाने लगा है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है. सुधाकर सिंह भ्रष्टाचार को लेकर अपने ही सरकार पर हमलावर थे. उनके समर्थन में अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मैदान में उतर आए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह ने कृषि मंत्री पद से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दो-दो हाथ करने का फैसला लिया है. कृषि मंत्री पद के लिए शपथ लेते ही वे अपने ही सरकार के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए थे. कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal On Agriculture Minister Resigns) सुधाकर सिंह के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि नई सरकार में बिहार के अफसरों को लूट की छूट है.

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"विभाग के अफसर कर रहे कालाबाजारी":उन्होंने कहा कि जब बिहार में सत्ता परिवर्तन हो रहा था, उस समय यूरिया की लूट हो रही थी. यूरिया 700-800 रुपये में मिल रहा था. किसान त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे थे. कृषि विभाग के अफसर थोक विक्रेताओं के साथ मिलकर जिस तरह से कालाबाजारी का नेटवर्क फैलाया था, उसके खिलाफ कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने आवाज उठायी. नीतीश सरकार में अफसरशाही का बोलबाला है. नीतीश जी बर्दाश्त नहीं कर सकते कि कोई भी अफसरों के खिलाफ बोले.

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'नीतीश जी को तेजस्वी के जेल जाने का इंतजार': बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने आगे कहा कि यह जो महागठबंधन है, वह सिर्फ दो सुविधाओं के लिए गठबंधन किया गया है. पहला यह है कि जदयू और राजद में जो पीएफआई के समर्थक है, उनको बचाना है. दूसरा नीतीश जी इंतजार कर रहे है कि कब तेजस्वी जेल जाए और राजद को अपने पार्टी में समाहित कर लूं. वहीं तजेस्वी यादव इंतजार कर रहे हैं कि एक कब राजद की बहुमत वाली सरकार बिहार में बना सके.

सीएम नीतीश कुमार को सौंपा गया था रिपोर्ट: सुधाकर सिंह ने कृषि विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपा और कार्रवाई करने का अनुरोध किया. मंडी व्यवस्था को लेकर भी सुधाकर सिंह आक्रमक रहे, लेकिन नीतीश कुमार मंडी व्यवस्था को लेकर सकारात्मक नहीं दिख. ऐसे में किसानों की हित को देखते हुए सुधाकर सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का फैसला (Agriculture Minister Sudhakar Singh Resigns) लिया.

सुधाकर सिहं मंडी व्यवस्था को लाने के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहे थे. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने अपने इरादे भी जाहिर किए थे. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का सहयोग सुधाकर सिंह को नहीं मिल रहा था, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया. हालांकि, राजनीति के गलियारों में कृषि मंत्री के इस्तीफे को महागठबंधन में फूट की नजर से देखा जा रहा है.

"जिस समय बिहार में सत्ता का परिवर्तन हो रहा था, उस समय कृषि विभाग के अफसर थोक विक्रेता के साथ मिलकर यूरिया के कालाबाजारी करने का नेटवर्क फैला लिया था. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने इसके खिलाफ आवाज उठायी. नीतीश सरकार में अफसरों का बोलबाला है. नीतीश जी कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते कि कोई भी व्यक्ति उनके अफसर के खिलाफ बोले" - संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी

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