'बिहार से डिजिटल जेहाद की पूरी प्लानिंग'.. BJP ने जताई चिंता

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Published : Nov 24, 2022, 3:06 PM IST

Updated : Nov 24, 2022, 4:54 PM IST

'बिहार से डिजिटल जेहाद की पूरी प्लानिंग'

भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद (BJP spokesperson Nikhil Anand) ने एक वीडियो जारी कर बिहार में आतंकी गतिविधियां पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने पूछा है कि बिहार आतंकी और जिहादी मानसिकता वाले लोगों का पनाहगाह तो नहीं बनता जा रहा है?

पटनाः हाल के कुछ वर्षों में बिहार में पीएफआई की गतिविधियां (PFI activities in Bihar) बढ़ी हैं, प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े कई लोगों की एजेंसियों के द्वारा गिरफ्तारी भी हुई है. बिहार में छोटी उम्र की युवा युवतियों को जिहाद के लिए ऑनलाइन जोड़ने (डिजिटल जेहाद ) की मुहिम चलाई जा रही है, जिसे लेकर भाजपा ने चिंता व्यक्त की है. भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद (Nikhil Anand on Call for online jihad) ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि बिहार आतंकी और जिहादी मानसिकता वाले लोगों का पनाहगाह तो नहीं बनता जा रहा है?

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बिहार में आतंकी गतिविधियां संचालितः भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि बिहार में आतंकी गतिविधियां लंबे समय से संचालित हो रही हैं, लेकिन हाल के कुछ वर्षों में पीएफआई की गतिविधियों का केंद्र बिहार बन गया था. केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कई संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया है जांच की प्रक्रिया जारी है. पीएफआई से जुड़े लोग अलग-अलग तरीके से अपने गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं. बिहार के अल्पसंख्यक युवा और युवतियों को अब जिहाद के लिए उकसाया जा रहा है. ऑनलाइन कॉल के जरिए उन्हें जुड़ने के लिए मुहिम भी चलाई जा रही है भाजपा ने पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लिया है.

"बिहार आतंकी और जिहादी मानसिकता वाले लोगों का पनाहगाह तो नहीं बनता जा रहा है? पीएफआई का खुलासा तो पहले से है ही अब बिहार के मुस्लिम युवा- युवतियों से ऑनलाइन जिहादी मीडिया नेटवर्क से जुड़ने का ओपन कॉल किया जा रहा है. यह गंभीर चिंता की बात है. ऐसे देश विरोधी तत्वों पर सख्ती से लगाम जरूरी है"- निखिल आनंद, भाजपा प्रवक्ता

बिहार में पीएफआई पर बैन की मांगः आपको बता दें कि पीएफआई (PFI) के खिलाफ देश में सांप्रदायिक द्वेष और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिलने के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने बिहार सरकार से इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. बीजेपी नेता बार-बार इसे लेकर सवाल उठाते रहे हैं. पड़ोसी राज्य झारखंड में तो पहले से ही पीएफआई पर बैन है. बिहार में इस संस्था के तार जिस प्रकार से कई जिले में फैले हैं और एक के बाद एक खुलासे हुए ऐसे में बैन लगाने की मांग बिहार में भी तेज हो रही है. अब बीजेपी नेता निखिल आनंद ने भी सवाल किया है कि कहीं बिहार आतंकी और जिहादी मानसिकता वाले लोगों का पनाहगाह तो नहीं बन रहा.

कैसे चला बिहार में PFI की गतिविधियों का पताः दरअसल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर दोनों को गिरफ्तार किया गया था. आईबी ने जब इनसे पूछताछ शुरू कि तो परत दर परत आरोपियों का चिट्ठा जांच में खुलता गया. पूरे मामले की छानबीन के दौरान ही बिहार में पीएफआई की गतिविधियों का खुलासा हुआ. जिसके बाद देश के कई राज्यों में इस संस्था पर कार्रवाई हुई और सबूत मिलने के बाद केंद्र ने पीएफआई पर बैन लगा दिया.

Last Updated :Nov 24, 2022, 4:54 PM IST
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