फुलवारी शरीफ मामले में बड़ा खुलासा, 11 जून को अज्ञातों के खिलाफ थानाध्यक्ष ने किया था FIR.. नहीं हुई कार्रवाई

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Published : Jul 16, 2022, 8:10 PM IST

Phulwari Sharif Terror Module

फुलवारी शरीफ मामले (Phulwari Sharif Terror Module) में एक बड़ा सच सामने आया है. दरअसल देश विरोधी गतिविधियों की जानकारी फुलवारी शरीफ थानाध्यक्ष को 1 महीना पहले से थी और उन्होंने एफआईआर भी किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

पटना: पटना पुलिस फुलवारी शरीफ (Phulwari Sharif case) से जिस संदिग्ध जलालुद्दीन और अतहर परवेज की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है, उसके नापाक मंसूबे की भनक इस कार्रवाई से 1 महीने पहले ही फुलवारी शरीफ थाना के एसएचओ (SHO of Phulwari Sharif police station) को लग चुकी थी. SHO ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज कर अनुसंधान करना चाहा लेकिन अनुसंधान उस रफ्तार से आगे नहीं बढ़ पाई.

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फुलवारी शरीफ मामले में बड़ा खुलासा

1 महीने पहले FIR के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई: 1 महीने के दौरान जलालुद्दीन और अतहर परवेज अपने नापाक मंसूबे को आगे बढ़ाते रहे. इस बीच इसकी जानकारी आईबी को हुई और आईबी की ही सजगता के बाद यह कार्रवाई सामने आई . कहीं ना कहीं पटना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि जिन लोगों की गिरफ्तारी पटना पुलिस ने आईबी के इनपुट पर की है ऐसे अज्ञात के विरुद्ध पिछले 1 महीने पहले ही थाना के एसएचओ ने एफआईआर दर्ज किया था तब कार्रवाई क्यों नहीं की गई. इस FIR में नया टोला का भी जिक्र था मगर पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की. अगर आईबी की इनपुट नहीं होती तो शायद अभी भी यह दहशतगर्द सलाखों के पीछे नहीं होते.

ईटीवी भारत के हाथ लगा सबूत: ईटीवी भारत के हाथ एक ऐसा सबूत लगा है जिसके बाद यह बात साबित होती है फुलवारी शरीफ के थाना अध्यक्ष ने अज्ञात लोगों के खिलाफ फुलवारी थाना क्षेत्र के नया टोला का जिक्र करते हुए 11 जून को ही एफआईआर दर्ज करवाया था. फुलवारी शरीफ थानाध्यक्ष इकरार अहमद खान (Phulwari Sharif SHO Iqrar Ahmed Khan) ने एफआईआर में लिखा था कि उनकी उम्र 54 वर्ष है और वह वर्तमान में फुलवारी शरीफ थाना में थाना अध्यक्ष के पद पर पदस्थापित हैं. दिनांक 10 जून कुछ समय करीब 9:00 बजे सूचना प्राप्त हुआ कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा संप्रदायिक सद्भाव खराब करने के उद्देश्य से छुपाया हुआ पंपलेट व्हाट्सएप पर वायरल कर रहे हैं.

Phulwari Sharif Terror Module
ईटीवी भारत के हाथ लगा सबूत

फुलवारी शरीफ थानाध्यक्ष ने दी थी ये जानकारी: थाना के सरकारी मोबाइल नंबर 94318 22195 पर व्हाट्सएप पर छपा हुआ वायरल पंपलेट पाया गया जिसमें छुपाया हुए पंपलेट पर उन्माद और भड़काव बातें लिखी हुई थी. दो समुदाय विशेष के बीच विदेष फैलाने, माहौल खराब करने और संप्रादायिक दंगा करने की नियत से इस प्रकार का पंपलेट छपवा कर वायरल किया जा रहा था. इसके तहत थाना अध्यक्ष ने अज्ञात असामाजिक तत्वों के विरुद्ध धारा 153a/295/295a/294/120(B)34 के तहत आरोपित बनाया था. जिसके बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है कि 11 जून को एफआईआर दर्ज करने के बावजूद भी आखिर क्यों नहीं पटना पुलिस द्वारा वैसे लोगों पर कार्रवाई की गई जो ऐसे दंगा भड़काने और समाज को बांटने का काम कर रहे थे.

पुलिस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही: बिहार पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार पूर्व में किए गए FIR की जानकारी उन्हें नहीं है कहीं ना कहीं इस मामले को लेकर पटना पुलिस और पुलिस मुख्यालय बचते नजर आ रहे हैं. पुलिस मुख्यालय इस मामले में कुछ भी बोलने से फिलहाल परहेज कर रही है.


"इस मामले में कहीं ना कहीं पटना पुलिस की बड़ी चूक मानी जा रही है. 1 महीने पहले FIR दर्ज होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं की गई थी जिसका नतीजा था कि किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता था. बिहार पुलिस के साथ-साथ स्पेशल ब्रांच और आईबी भी पेशेवर ढंग से काम नहीं कर रही है. कहीं ना कहीं बिहार पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है."- अमिताभ दास,पूर्व आईपीएस अधिकारी


"पटना पुलिस के थानेदार को सूचना के बावजूद भी कारवाई नहीं करना एक बड़ी चूक है. जब फुलवारी शरीफ के थाना अध्यक्ष ने सूचना के आधार पर एफआईआर दर्ज किया था तब उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए थी. क्या पटना पुलिस के ऊपर किसी का दबाव था इन सभी बिंदुओं पर जांच होनी चाहिए."- ललन सिंह,रक्षा विशेषज्ञ

अबतक आधा दर्जन आरोपी गिरफ्तार: बता दें कि इस मामले में बिहार पुलिस ने विभिन्न जगहों से अब तक आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में देश की कई इंटेलिजेंस एजेंसियों की टीम शामिल है. वहीं, इस मामले में 26 लोगों को नामजद कराए जाने की जानकारी मिलते ही 23 लोग भूमिगत हो गए. फुलवारी शरीफ में पाकिस्तान के आतंकी संगठन का कनेक्शन मिलने की जानकारी मिलते हीं बिहार के पुलिस मुख्यालय से लेकर दिल्ली के विदेश मंत्रालय तक हड़कंप मच गया. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एसएसपी पटना के नेतृत्व में फुलवारी के एडिशनल एसपी मनीष कुमार सिन्हा और फुलवारी थाना अध्यक्ष इकरार अहमद समेत कई दूसरे थानाध्यक्ष और भारी पुलिस टीम ईसापुर पेट्रोल इलाके में छापेमारी की जहां से आतंकी दानिश मरगूब को गिरफ्तार कर लिया गया.


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