पटना के सोनू सूद बने अमित श्रीवास्तव, ऐसे की इस गरीब परिवार की मदद

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Published : Aug 1, 2020, 3:28 PM IST

पीड़ित परिवार

लॉकडाउन में परेशान एक परिवार की जब किसी ने कोई मदद नहीं की तो अमित श्रीवास्तव ने उन्हें अपने घर पर रहने के लिए जगह दे दी. इतने ही नहीं इनके खाने पीने का भी पूरा जिम्मा उठा लिया.

पटनाः शहर के कंकड़बाग में रहने वाले अमित श्रीवास्तव पटना के सोनू सूद बने हुए हैं. उन्होंने अपने घर में लॉकडाउन से परेशान एक परिवार को रखकर उनकी काफी सहायता की है. परिवार के लोग गांधी मैदान में फुटपाथ पर कई दिनों से रह रहे थे.

सड़क पर रह रहे थे बच्चों के साथ भूखे प्यासे
दरअसल ये परिवार जिनके पास ना रहने को घर था और ना खाने को भोजन था. कई दिनों तक जैसे तैसे सड़क पर अपने दो बच्चों को लेकर भूखे प्यासे रह रहे थे. किसी ने इनकी फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी. जिसके बाद फोटो काफी वायरल हो रहा था. पटना के कंकड़बाग के रहने वाले अमित श्रीवास्तव को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इस परिवार को खोजना शुरू किया.

अमित श्रीवास्तव
अमित श्रीवास्तव
अखिरकार इन्होंने इस दुखी परिवार वालों को खोज निकाला और स्थानीय थाने को सूचना दी. जब किसी ने कोई मदद नहीं की तो अमित श्रीवास्तव ने उन्हें अपने घर पर रहने के लिए जगह दे दी. इतने ही नहीं इनके खाने पीने का भी पूरा जिम्मा उठा लिया.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पैसे नहीं होने के कारण छोड़ा किराए का मकान'
जब ईटीवी भारत की टीम उस परिवार के पास पहुंची तो उन्होंने बताया कि घर में काम करके और ई रिक्शा चलाकर वो अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. किराए के मकान में रहते थे. कई महीनों से काम बंद होने के कारण पैसे नहीं थे, जिस वजह से उन्हें मकान खाली करना पड़ा. पटना के बिस्कोमान भवन के पास फुटपाथ पर 10- 12 दिन से रह रहे थे. उसके बाद अमित भैया ने हम लोगों को अपने घर पर रहने और खाने की हर सुविधा उपलब्ध कराई.

पीड़ित परिवार
पीड़ित परिवार

'अब तक किसी ने नहीं की इनकी मदद'
जब संवाददाता ने पूछा कि सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा है कि सोनू सूद के जरिए आपकी मदद की जा रही है तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. कोई हमारी मदद नहीं कर रहा. वहीं, अमित श्रीवास्तव ने बताया कि मुझे तो सोनू सूद के ट्वीट के बारे में जानकारी भी नहीं थी. बाद में मेरे दोस्तों ने बताया कि सोनू सूद ने ट्वीट किया था कि इन्हें जल्द ही छत मिलेगी. लेकिन आज तक किसी तरह की कोई मदद नहीं पहुंची है. हालांकि कई लोग यहां आकर फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं. लेकिन इनकी कोई मदद नहीं करता.

'प्रशासन की तरफ से भी कोई मदद नहीं'
अमित ने कहा कि मैंने लॉकडाउन तक इन्हें अपने घर पर रहने और खाने के लिए सभी सुविधा उपलब्ध करा दी है. लेकिन उसके बाद इनका क्या होगा, मुझे इस बात की चिंता है. जिला प्रशासन की तरफ से भी कोई मदद नहीं की जा रही है. कम से कम इनका आधार कार्ड ही बनवा दिया जाता. जिससे इन्हें कुछ लाभ मिल पाता.

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