बिहार में पंचायत चुनाव: तेजस्वी का जलवा रहेगा बरकरार!

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Published : Aug 24, 2021, 10:06 PM IST

तेजस्वी यादव

बिहार विधानसभा चुनाव में राजद (RJD) को सबसे बड़ी पार्टी बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में भी बड़ा दारोमदार है. ऐसे में सबकी नजर लालू की विरासत के वारिस माने जाने वाले तेजस्वी पर है. पढ़ें रिपोर्ट...

पटना: बिहार में पंचायत चुनाव 2021 (Bihar Panchayat Chunav 2021) के लिए राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) ने अधिसूचना जारी कर दी है. वैसे तो बिहार में दलगत पंचायत चुनाव नहीं होता है, बावजूद इसके अब सबकी निगाहें बिहार विधानसभा चुनाव में राजद (RJD) को सबसे बड़ी पार्टी बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर टिक गई है.

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लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के जेल जाने के बाद से तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ही आरजेडी के तमाम बड़े फैसले लेते आए हैं. विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने उनकी ही अगुवाई में चुनाव लड़ा था, जिसमें राजद ने बिहार में सबसे बड़ी पार्टी का तमगा अपने नाम करते हुए 75 सीटें हासिल की थी. लालू यादव ने हाल में ही दिल खोलकर तेजस्वी की तारीफ भी की थी. इसी के साथ अब उनमें पार्टी का भविष्य भी देखा जा रहा है.

लालू प्रसाद यादव करीब 75 साल के हो चुके हैं. स्वास्थ्य कारणों से वे लंबे समय से एम्स दिल्ली के डॉक्टरों से इलाज करवा रहे हैं. उन्हें कई गंभीर बीमारियां हैं, जिसकी वजह से वह अब ना तो लंबे समय तक बोल पाते हैं और ना ही कोई लंबी यात्रा कर सकते हैं. वहीं, युवा तेजस्वी यादव को 2015 से ही लालू ने पार्टी की बागडोर सौंप दी थी.

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हालांकि, इस दौरान बैकग्राउंड से लालू यादव और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता तेजस्वी की मदद करते रहे हैं. करीब डेढ़ साल तक बतौर उपमुख्यमंत्री सरकार चलाने के बाद तेजस्वी यादव को विपक्ष का नेता बनाया गया. 2019 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी के नेतृत्व में पार्टी को अभूतपूर्व पराजय का सामना करना पड़ा, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को बेहतरीन नतीजा मिला. पार्टी के नेता भी इस बात को स्वीकार करते हैं.

राष्ट्रीय जनता दल में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) के साथ तेजस्वी का रिश्ता काफी बेहतर माना जाता है. पार्टी ने तेजस्वी को युवा नेतृत्व के तौर पर विधानसभा चुनाव में प्रकट किया था जो कहीं न कहीं पार्टी के लिए अच्छा साबित हुआ. युवा नेतृत्व और बेरोजगारी के सवाल को तेजस्वी यादव ने चुनाव में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ इस्तेमाल किया. जिसका बड़ा फायदा राष्ट्रीय जनता दल को हुआ.

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एक स्ट्रैटजी के तहत विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने अपने पोस्टरों में सिर्फ तेजस्वी यादव को प्रोजेक्ट किया. लालू यादव और राबड़ी देवी समेत पार्टी के अन्य नेताओं की तुलना में युवा नेतृत्व तेजस्वी को सामने करके पार्टी ने विधानसभा चुनाव में नंबर वन का स्थान हासिल किया, इसलिए तेजस्वी में पार्टी अपना भविष्य भी देख रही है. हर जगह खुद को नंबर वन प्रोजेक्ट करके तेजस्वी ने एक नया मुकाम हासिल किया है, जो कहीं ना कहीं पार्टी के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ है.

अब सभी की नजर आगामी पंचायत चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव पर है. जिस तरह का परफॉर्मेंस उन्होंने विधानसभा चुनाव में दिखाया था, क्या वैसा ही परफॉर्मेंस दोहराने में वो कामयाब हो पाते हैं या नहीं. इस बार के पंचायत चुनाव में जोरदार जीत से तेजस्वी यादव पार्टी में अपने कद को बढ़ाने की कोशिश करेंगे. आरजेडी (RJD) ने भी इसी तरह की तैयारी कर रखी है. आरजेडी ने तो इसे लेकर एक एडवाजरी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए जारी कर दी है. हालांकि, पंचायत चुनाव कभी पार्टी आधारित तो नहीं लड़े गये हैं. बावजूद राजद जमीनी स्तर पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश में जुट चुकी हैं.

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