IIT पटना के 13 फैकल्टी दुनिया के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल

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Published : Oct 15, 2022, 1:55 PM IST

आईआईटी पटना

आईआईटी पटना के लिए गर्व की बात है. आईआईटी पटना (IIT Patna) की 12 फैकल्टी और डायरेक्टर यानी कुल 13 फैकल्टी को दुनिया के टॉप दो प्रतिशत साइंटिस्ट में स्थान मिला है. बिहार के लिए यह पहला मौका है, जब किसी संस्थान से एक साथ इतने सारे फैकेल्टी को साइंटिस्ट में स्थान मिला है. आगे पूरी खबर पढ़ें...

पटना: राजधानी पटना से सटे बिहटा के अमहरा स्थित आईआईटी पटना (IIT Patna Amhra, Bihta) के 12 फैकल्टी और डायरेक्टर यानी कुल 13 फैकल्टी को दुनिया के टॉप दो प्रतिशत साइंटिस्ट में स्थान मिला है. आईआईटी पटना के पीआरओ प्रोफेसर नीलाद्री दास ने बताया कि सूची में शामिल होने वाले सभी साइंटिस्ट अलग-अलग डिपार्टमेंट के हैं और यह बिहार के लिए संभवतः पहला मौका है. जब किसी एक संस्थान से एक साथ इतने सारे फैकेल्टी को साइंटिस्ट में स्थान मिला है.


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इन्होंने आईआईटी पटना का नाम किया रौशन: सूची में शामिल होने वाले फैकल्टी में ह्यूमिनिटीज एंड सोशल साइंसेज (Humanities and Social Sciences) की डॉक्टर रिचा चौधरी, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की डॉक्टर श्रीप्रणा साहा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के डॉक्टर उदित सतीजा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डॉक्टर सुरजीत कुमार पॉल, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के डॉक्टर आसिफ इकबाल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डॉक्टर महेश कुमार एच कोलेकर, मैथमेटिक्स के डॉक्टर प्रतिभामय दास, मेकेनिकल इंजीनियरिंग के डॉक्टर अनिर्बन भट्टाचार्य, फिजिक्स से डॉक्टर सौम्या ज्योति राय, सिविल इंजीनियरिंग से डॉक्टर अमरनाथ हेगडे, फिजिक्स से प्रोफेसर नवीन कुमार निश्चल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से डॉक्टर रंजन कुमार बेहेरा के साथ ही आईआईटी पटना के डायरेक्टर प्रोफेसर टी एन सिंह के नाम शामिल है.



"साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कार्य करने वाली ब्रिटेन की संस्था एल्सवेयर कनेक्ट द्वारा दस अक्टूबर को जारी किए गए नवीनतम डेटाबेस में इन सभी साइंटिस्ट को देश दुनिया के अन्य टॉप साइंटिस्ट की सूची में स्थान मिला है. इस डेटाबेस को एक स्टडी के रूप में संचालित किया गया था. यूएसए के स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के द्वारा संचालित किया गया था. इन सभी को उनके विभिन्न विषयों पर किए गए कार्य और रिसर्च पेपर को तैयार किए जाने को लेकर सूची में शामिल किया गया है." - नीलाद्री दास, प्रोफेसर, आईआईटी पटना

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