नक्सलियों से मुठभेड़ में नालंदा का लाल शहीद, तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पहुंचा गांव तो गूंज उठा नारा

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Published : Sep 23, 2022, 6:38 AM IST

Nalanda

झारखंड के चतरा में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद चितरंजन कुमार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. शहीद के अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहें. लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी.

नालंदा: झारखंड के चतरा में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद (Martyr in encounter with Naxalites in Chatra) नालंदा के लाल के पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव राजगीर प्रखंड क्षेत्र के चकपर गांव लाया गया. जहां शहीद चितरंजन कुमार को सैन्य सम्मान के साथ नम आंखों से विदाई दी गई. शहीद के शव को हेलिकॉप्टर से नालंदा के राजगीर लाया गया था.

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बिहार के नालंदा पहुंचा था शहीद का पार्थिव शरीर: शहीद चितरंजन कुमार के पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर की मदद से नालंदा लाया गया था. शहीद के पहुंचते ही सभी की आंखें नम हो गई शहीद जवान अमर रहे के नारे लगने लगे. पार्थिव शरीर को शहीद की पत्नी जूही कुमारी ने भारी मन से कांधा दिया. इस मौके पर नालंदा जिले के आलाधिकारी डीएम शशांक शुभंकर, एसपी अशोक मिश्रा, सांसद कौशलेंद्र कुमार राजगीर विधायक कौशल किशोर सहित परिवार एवं सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे. गौरतलब है कि झारखंड के चतरा स्थित बूढ़ा पहाड़ी में बीते 16 तारीख को नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान सेना के जवान गोली लगने से जख्मी हो गए थे. जिन्हें इलाज के लिए रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया था. जहां देर रात इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी.

राजगीर में किया गया अंतिम संस्कार : शहीद जवान का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ राजगीर में किया गया. इससे पूर्व उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी गई थी. इस मौके पर सीआरपीएफ के वरीय अधिकारी सहित मंत्री श्रवण कुमार, LJP(R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान, नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार, राजगीर विधायक कौशल किशोर डीएम शशांक शुभंकर, एसपी अशोक मिश्रा एवं जिला पुलिस प्रशासन मौजूद थें. शहीद चितरंजन को सभी ने बारी बारी से श्रद्धांजलि दिया. मृतक 5 भाई बहनों में सबसे बड़ा था. चितरंजन की नौकरी 2014 में हुई और 2016 में उनकी शादी हुई थी.

नालंदा निवासी थे सीआरपीएफ जवान चितरंजन: शहीद जवान चितरंजन कुमार बिहार के राजगीर जिला के चकपर गांव निवासी थे. चितरंजन कुमार सीआरपीएफ 190 बटालियन में हेडकांस्टेबल के पद पर तैनात थे. एक महीने पहले ही शहीद जवान चितरंजन कुमार अपनी दूसरी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ में समाप्त कर वापस झारखंड गए थे. यह उनकी तीसरी पोस्टिंग थी, इसके पहले वे लुधियाना एवं छत्तीसगढ़ में तैनात थे. चितरंजन नक्सलियों के खिलाफ कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ चुके थे.

चतरा पुलिस मुठभेड़ में हुए शहीद: झारखंड के चतरा में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में बुरी तरह घायल (CRPF jawan injured in encounter) हुए सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार की इलाज के दौरान रांची के एक अस्पताल में मौत हो गई (CRPF injured jawan died) थी. गौरतलब है कि रविवार 18 सिंतबर को चतरा के प्रतापपुर थाना क्षेत्र (pratappur police station) के चतरा-पलामू सीमा पर स्थित बिरमाटकुम जंगल में हुए मुठभेड़ में सीआरपीएफ 190 बटालियन के जवान चितरंजन कुमार घायल हो गए थे. चितरंजन कुमार को एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया था.

पैर और कमर में लगी गोली: चतरा में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. मुठभेड़ के दौरान जवान के पेट में एक गोली लगी तथा 2 गोली उनके जांघ में लगी थी. जिससे वे घायल हो गए थे. इस मुठभेड़ के दौरान कुल 4 से अधिक नक्सलियों को भी गोली लगी थीं. जिसके बाद घायल नक्सलियों को उनके साथी लेकर जंगल से भागने में सफल रहे.

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