Humko Bihari Mat Kehna: 'हमको बिहारी मत कहना', ये लड़का इंटरनेट पर हो रहा है वायरल

Humko Bihari Mat Kehna: 'हमको बिहारी मत कहना', ये लड़का इंटरनेट पर हो रहा है वायरल
Bihar boy sahil kumar ‘लबर-लबर कोई नहीं बोलेगा नहीं तो कूट देंगे’, ‘तुम एकदम से बकलोले हो’, इसी तरह बउआना, लफुआ, झोंटा, भकचोन्हर से लेकर बमकने और नरभसाने तक ऐसे कई सारे शब्द हैं, जो बिहार की मिट्टी से निकले हैं और हम बिहारी लोगों को देसीपन का एहसास कराते रहते हैं. ऐसे ही कुछ मिलती तो नहीं, लेकिन हम बिहारी क्या है इसका एहसास कराती एक कविता इन दिनों खूब वायरल हो रही है. इसे लिखा है बिहार के नालंदा जिले के साहिल कुमार ने. आइये सुनते है.
नालंदा: बिहार के नालंदा जिले के साहिल कुमार की कविता जागीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वीडियो में 20-22 साल का लड़का लोगों को बिहार पर लिखी अपनी कविता सुना रहा है. साहिल अपनी कविता के जरिए लोगों को बिहार के बारे में बता रहा है. यह कविता खुद साहिल ने लिखी है. हालांकि वीडियो काफी पुराना है, बताया जाता है कि इस कविता को उन्होंने अपने कॉलेज के दिनो में लिखा था. लेकिन सोशल मीडिया में अब धड़ल्ले से वायरल हो रहा है.
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कविता के लिखने के पीछे की वजह : साहिल बताते है कि उनकी सबसे पसंदीता कविता जागीर है. जागीर कविता पूरे देश के क्षेत्रवाद को निशाना बनाते हुए ये उजागर करती है कि किस तरह लोग रूढ़ियो का शिकार बन रहे है. साहिल ने बताया कि ये कविता उन्होंने शुरुआती दौर में कॉलेज के दिनो में लिखी थी. उन दोनों कॉलेज में हर कोई अपने अपने स्टेट से आकर बता रहा था. तो मेरे सीनियर्स ने भी मुझसे पूछा कि तुम कहा से हों? तो मैंने कहा मैं तो दिल्ली से हूं. फिर उन्होंने पूछा वैसे कहा से हो? मैंने कहा, मॉम डैड बिहार से थे और मैं दिल्ली से हूं. ये लाइन उस दिन से मेरे अंदर मेरे दिमाग में घूम रही थी कि मैंने ऐसा बोला क्यों?. जागीर कविता की जो शुरुआत हुई यहीं से हुई.
'र को ड़ बोलना हमारे स्वैग में है' : ''देखो हम र को ड़ बोलेंगे, पर तुम इसे हमरी लाचारी मत कहना, बिहार के हैं हम पर हमको बिहारी मत कहना... क्योंकि समाज में अइसा फइला है बदहाली, बिहारी होना हो गया है गाली और जानते हो ऐसा हम काहे कह रहे हैं, क्योंकि हम बिहारी होने का जिल्लत सह रहे हैं. अगर जे कोई समस्या है तो इसका निवारण नहीं है. तुम्ही हो बस इसका कोई दूजा कारण नहीं है. क्योंकि तुम ही हर बार इंसानियत को क्षेत्रीयता के तराजू में तोलते हो. मॉम डैड बिहार से थे आई एम फ्रॉम देलही बोलते हो''
'कौन होता है बिहारी तुमको पता क्या है' : साहिल आगे कहते है, ''अब मोमो से तुम्हारे मुंह का स्वाद बढ़ता है, और लिट्टी चोखा से नाक चढ़ता है. लहजे पाक को तुमने नापाक कर दिया. अदब के भईया जी को तुमने मजाक कर दिया. मैं तुमको कह रहा हूं तो सोचोगे कि तुम्हारी खता क्या है. बोल देते है मजाक में बिहारी, कौन होता है बिहारी तुमको पता क्या है. आज में IAS की बात नहीं करूंगा. गणित को तो छोड़ दो. न ये कहूंगा कि कितने ऊंचे पदों पर हमारी हिस्सेदारी है. बस कोशिश करूंगा तुमको ये समझाने की. कि होता कौन एक बिहारी है.''
'ये लंबी लिस्ट अभी भी जारी है' : ''जो हर सूरत बदल दे वो दिनकर, रामधारी है. जो पर्वत चीर दे वो मांझी की जिद और खुमारी है. जो सत्ता हिला दे वो जयप्रकाश क्रांतिकारी है. जो संसद चला दे, राजेन्द्र प्रसाद की समझदारी है. जो बदल दे गणित को वो आर्यभट्ट.. है. जो क्षीण कर दे नभ को कुंवर सिंह की तलवार तेजधारी है. जो कर दे पावन अपनी शहनाई से बिस्मिल्ला खान की वो धुन प्यारी है. इम्तियाज, शत्रुघन, मीका, सुशांत ये सबकी कलाकारी है. अब रुक जाता हूं. क्योंकि ये लंबी लिस्ट अभी भी जारी है.''
'देश सबका है किसी के बाप की जागीर नहीं है' : ''और अभी भी दिल में कोई खलिश हो तो गलती तुम्हारी है. क्योंकी तुम्हारे लिए हरियाणा वाले सट्टा चलाते हैं. यूपी वाले कट्टा चलाते है. साऊथ वालों के यम यन से तुम्हें आपत्ति है. अपनी ही देश की भाषाओं पे तुमको विपत्ति है. सबको देशद्रोही बोल देते हो. तुम्हें रोके बला किसकी मजाल है. अपने ही देश के उत्तर पूर्वी लोग तुमको लगते चाइना का माल है. अब इसको तुम नजर अंदाज मत करो. अपनी जमीर को नाराज मत करो. क्योंकि तुम्हारे ख्वाब की कोई ताबीर नहीं है. ये देश सबका है किसी के बाप की जागीर नहीं है.''
कौन है साहिल कुमार: साहिल बिहार के नालंदा जिले के यारपुर गांव के रहनेवाले है. माता पिता दिल्ली में जाकर बंस गए. साहिल कुमार का जन्म दिल्ली में हुआ. स्कूली पढ़ाई भी दिल्ली में हुई. इसके बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज में आगे की पढ़ाई पूरी की. साल 2018 में उन्होंने कॉलेज के शुरुआती दिनों में यह कविता लिखी थी. जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
'मैं दिल से बिहारी हूं' : बता दें कि साहिल कुमार ने एक साल पहले यह वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया था. आईएएस अवनीश शरण समेत कई लोगों ने साहिल की जागीर, जो बिहारियों पर लिखी गई कविता को शेयर किया है. पिछले दिनों एक इंटरव्यू के दौरान साहिल ने इस कविता का जिक्र करते हुए कहा था, कि अगर भले ही मैं दिल्ली में रहता हूं लेकिन मैं दिल से बिहारी हूं.
