बाढ़ से हजारों हेक्टेयर गन्ने की फसलें हुईं बर्बाद, किसानों में मायूसी

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Published : Sep 25, 2021, 8:02 AM IST

गन्ने की फसलें हुई बर्बाद

लीची के साथ-साथ मुजफ्फरपुर को बिहार में गन्ना की खेती के लिए भी जाना जाता है. लेकिन दो वर्षों से भारी बारिश और जलजमाव के चलते हजारों हेक्टेयर फसले बर्बाद हो जा रही हैं. जिससे किसानों में मायूसी छायी है.

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में भारी बारिश से आयी बाढ़ के चलते अधिकांश इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचा है. बाढ़ और जलजमाव से इस बार गन्ना किसानों को भारी क्षति हुई है. निचले इलाकों में बारिश का पानी निकलने के बाद अभी भी जलजमाव की समस्या बनी हुई है. जिससे गन्ने की फसल बर्बाद हो गयी और किसान हताश और निराश हैं.

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बता दें कि प्रदेश में मुजफ्फरपुर गन्ने की खेती के लिए जाना जाता है. यहां के अधिकांश किसान गन्ने की खेती करते हैं. लेकिन बारिश ने इन फसलों को बर्बाद कर दिया. जलजमाव की सबसे अधिक समस्या जिले के मड़वन पानापुर और कांटी में है. जहां हजारों हेक्टेयर में लगी फसल अभी भी पानी में डूबी है. खेतों में भारी जलजमाव होने से गन्ने खेतों में गिरकर सड़ रहे हैं.

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गन्ना उत्पादन के लिए मशहूर मड़वन, पानापुर करियात, शेरुकाही, कुशी में गन्ने की फसल की दुदर्शा व बर्बादी को देख किसान छाती पीट रहे हैं. इन इलाकों में बाढ़ से पचास फीसदी से अधिक फसल पूरी तरह नष्ट होने से किसान बेहद मायूस हैं.

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'खर्च लग गया और फसल नहीं हुआ. किसान क्या कर सकता है. पिछले साल भी जल जमाव से फसलें बर्बाद हो गयी. इस साल भी वही हाल हुआ. पानी का निकासी नही हैं, लोगों ने घर बना लिया नाला भर-भरकर इस पर सरकार कुछ ध्यान नहीं दे रही और जनता मर रही है.' -रामानुज ठाकुर, किसान

किसानों की मानें तो अमूमन अगस्त-सितम्बर के महीने में नदी में बाढ़ आती थी. तब तक गन्ने बड़े हो जाते थे. लेकिन इस बार समय से पहले आई बाढ़ और ऊपर से लगातार हुई बारिश की वजह से फसल पूरी तरह नष्ट हो गई. बची हुई फसल पानी में डूबकर सड़कर बर्बाद हो रही है.

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