मुंगेर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, कोरोना संक्रमित से ले रहा ड्यूटी

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Published : Jan 12, 2022, 9:55 PM IST

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही

बिहार में कोरोना (Corona in Bihar) के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Health Department Negligence in Munger) भी सामने आने लगी है. कोरोना संक्रमित होने के बावजूद स्टाफ से काम लिया जा रहा है, जिस वजह से संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है.

मुंगेर: बिहार के मुंगेर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Health Department Negligence in Munger) सामने आई है. जहां एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति ड्यूटी पर तैनात (Corona Infected Person on Duty) किए हैं. दरअसल सदर अस्पताल के पुरुष विभाग में निबंधन काउंटर पर कार्यरत संजय कुमार डाटा एंट्री ऑपरेटर कोरोना से संक्रमित हैं लेकिन इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन उससे काउंटर पर निबंधन का कार्य करवा रहा है.

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संक्रमित होने के सवाल पर डाटा एंट्री ऑपरेटर संजय कुमार ने बताया कि एक 11 जनवरी मंगलवार को उन्होंने सदर अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर कोरोना जांच सेंटर में कोविड-19 की रेपिड एंटीजन जांच कराया था, जिसमें वह पॉजिटिव आए. इसकी जानकारी उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दे दी थी लेकिन फिर भी उसे कार्य पर आने को कहा. उन्होंने कहा कि मंगलवार और बुधवार की दोपहर 12:00 बजे तक लगभग 600 से अधिक मरीजों का निबंधन का पर्ची मैंने काटा है.

डाटा एंट्री ऑपरेटर संजय कुमार मंगलवार को एंटिजन टेस्ट में संक्रमित मिले थे. इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें सर दर्द व हल्का बुखार की शिकायत हुई तो उन्होंने मंगलवार की दोपहर ही सदर अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर एंटिजन टेस्ट कराया, जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

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इस बारे में सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार आलोक ने कहा कि सदर अस्पताल के पुरुष वार्ड में ओपीडी सेवा के लिए निबंधन काउंटर पर संजय कुमार संक्रमित पाए गए हैं, इसकी जानकारी आज मिली है. उन्हें घर पर होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है. उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के बाद अगर उससे ड्यूटी लिया जा रहा है, तो यह गंभीर विषय है. इस बारे में संबंधित पदाधिकारी से जवाब मांगा जाएगा.

आपको बताएं कि निबंधन काउंटर पर काम करने वाले कई लोगों के संपर्क में आते हैं. दरअसल, सदर अस्पताल में कोई भी मरीज सुबह 8:00 बजे से 12:00 बजे तक ओपीडी में डॉक्टर को दिखाता है तो उसे सबसे पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर पर जाकर अपना निबंधन कराना पड़ता है. इसके लिए 2 रुपए का निबंधन शुल्क भी वह जमा करता है. इस दौरान अगर कोई मरीज या उसके परिजन 10 रुपए का नोट देता है तो उसे निबंधन कर्मी 8 रुपए वापस भी करता है. इस दौरान पैसे के संपर्क में संक्रमित भी आते हैं और मरीज के परिजन भी. इससे संक्रमण का खतरा अधिक बनता है.
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