बड़ी लापरवाही..! कोरोना काल में जब सब कुछ बंद तो, क्यों खुले हैं आंगनबाड़ी केंद्र?

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Published : Jan 18, 2022, 8:19 AM IST

बिहार समाज कल्याण विभाग की लापरवाही

मुंगेर में बच्चों के प्रति बिहार समाज कल्याण विभाग की लापरवाही (Bihar Social Welfare Department) की बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरोना काल में मुंगेर में जहां सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं, वहीं आंगनबाड़ी केंद्र अभी भी खुले हुए हैं. लगातार कोरोना केस बढ़ रहे हैं, ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्र खुला रखकर उसमें बच्चे को पढ़ाना क्या संक्रमण को बढ़ावा देना नहीं है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

मुंगेर: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Bihar) के दौरान सरकार की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. महामारी रोकने के लिए सरकार ने सभी शिक्षण संस्थान 21 जनवरी तक बंद करने के निर्देश दे दिए हैं, साथ ही 8 बजे तक दुकानें बंद हो रही हैं. रात 10 बजे के बाद नाइट कर्फ्यू लागू है, लेकिन समाज कल्याण विभाग की लापरवाही देखिए अभी भी मुंगेर में आंगनबाड़ी केंद्र खुले (Anganwadi centers still open in Munger) हैं, जबकि कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. बिहार में लगभग 30 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं और प्रतिदिन 3000 से 5000 के बीच संक्रमित मरीज मिल रहे हैं.

मुंगेर जिले के नया गांव इलाके में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 113 की सहायिका आभाकुमारी ने बताया कि हम लोगों को बंद करने का निर्देश नहीं है, क्या करें चलाना मजबूरी है. उन्होंने स्वीकार किया कि बच्चे इनफेक्टेड इलाके से भी यहां आ जा रहे हैं. बिना मास्क लगाकर आ जाते हैं, समझाने पर भी नहीं समझते हैं. कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे अधिक प्रभावित होंगे. ऐसा विशेषज्ञों ने पूर्व में कह रखा है. फिर भी समाज कल्याण विभाग बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने पर तुला हुआ है.

बिहार समाज कल्याण विभाग की लापरवाही

एक बानगी देखिए मुंगेर जिले में 1598 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र जिसमें 0 से 3 वर्ष के 40 बच्चे और 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए भी 40 संख्या निर्धारित है. अमूमन जिले में लगभग 1 लाख 25 हजार बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में प्रतिदिन पढ़ने आते हैं. ऐसे में अगर किसी सेंटर में एक बच्चा संक्रमित होगा, तो आंगनबाड़ी केंद्र के कितने बच्चों को संक्रमित कर देगा, यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. फिर भी सब कुछ जानते हुए विभाग मौन है और इनके पदाधिकारी कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं.

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इस संबंध में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी वंदना पांडे ने बताया कि आंगनबाड़ी बंद करने के निर्देश विभाग की ओर से नहीं आया है. निर्देश आएगा तो अनुपालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बच्चे मास्क लगाकर आंगनबाड़ी केंद्र आएंगे, इसके लिए सभी सहायिका सेविका को निर्देशित किया गया है. सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उनकी सीटिंग अरेंजमेंट होगी, यह भी दिशा निर्देश जारी है.

नया गांव के विनोद राम और रामनगर के विजय यादव ने कहा कि हम लोग गरीब तबके के से हैं. बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र भेजना मजबूरी है. सब कुछ जानते हुए भी वहां भेज रहे हैं. सरकार को अविलंब आंगनबाड़ी सेंटर बंद कर देना चाहिए और बच्चों के स्वास्थ्य को बचाने के लिए उपाय करना चाहिए. बच्चों के स्वास्थ्य विभाग खिलवाड़ कर रहा है.

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इस संबंध में समाजसेवी रंजीत गुप्ता और सौरभ जायसवाल ने कहा कि जिस तरह कोरोना का संक्रमण प्रतिदिन बढ़ रहा है. यह बच्चों को भी संक्रमित कर रहा है. कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने नाइट कर्फ्यू तक लगा दिया है. शिक्षण संस्थाएं बंद है, वैसे हालात में आंगनबाड़ी केंद्र चालू रखना, बच्चों की सेहत से खिलवाड़ से कम नहीं है. विभाग को चाहिए कि आंगनवाड़ी केंद्र को तुरंत बंद करने के निर्देश जारी करें.

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