लाल पहाड़ी की खुदाई में मिले बौद्ध कालीन मंदिर के अवशेष, कई रहस्य खुलने बाकी

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Published : Feb 23, 2019, 8:47 PM IST

लालपहाड़ी के ऊपर महिला बौद्ध भिक्षुओं का साधना केंद्र रहा है. खुदाई स्थल के 6 कोने पर मिले वॉच टावर भी मंदिर का प्रमाण दे रहे हैं. पहाड़ की खुदाई चल रही है. कई रहस्यों का पता चलना अभी भी बाकी है.

लखीसराय : लाल पहाड़ी पर चल रही खुदाई में बौद्ध कालीन मंदिर के अवशेष मिले हैं. यहां बौद्ध कालीन नक्काशी से परिपूर्ण कई अवशेष मिले हैं. जहां पत्थर के टुकड़े और दीवार इसे प्रमाणित कर रहे हैं. ये भी कहा जा रहा है कि लाल पहाड़ी के ऊपर महिला भिक्षुओं का साधना केंद्र रहा है.

लाल पहाड़ी के प्रशासक प्रो. अनिल कुमार ने बताया कि इस जगह को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होने की उम्मीद बढ़ गई है. राज्य सरकार ने लाल पहाड़ी की महत्ता को देखते हुए राजकीय स्मारक घोषित कर रखा है. साथ ही पहाड़ी को ब्रांड बिहार में भी शामिल किया गया है.

सीएम नीतीश भी हुए अभिभूत
लाल पहाड़ी पर खुदाई को लेकर सीएम नीतीश कुमार का भी दो बार आगमन हो चुका है. खुदाई कार्य को देखने आए आए सीएम नीतीश कुमार बौद्ध कालीन अवशेष को देखने के बाद अभिभूत हो गए थे. इसे बौद्ध सर्किट के रूप में विकसित करने का आश्वासन भा दिया था. सीएम ने बौद्ध सर्किट से जोड़ने की बात कही थी.

archaeological-excavations

कई रहस्यों का पता चलना अभी बाकी
विश्व भारती विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार और उनकी टीम पहाड़ी की खुदाई तेजी से कर रही है. प्रोफेसर ने बताया कि लालपहाड़ी के ऊपर महिला बौद्ध भिक्षुओं का साधना केंद्र रहा है. खुदाई स्थल के 6 कोने पर मिले वॉच टावर भी मंदिर का प्रमाण दे रहे हैं. पहाड़ की खुदाई चल रही है. कई रहस्यों का पता चलना अभी भी बाकी है.

Intro:Lakhisarai l bihar

Slug. लखीसराय लाली पहाड़ी पर चल रही खुदाई में मिली बौद्ध कालीन अवशेष

Report.. Ranjit Kumar Singh

date..23 feb 2019

Anchor... लखीसराय जिले के ऐतिहासिक लाली पहाड़ी पर चल रही खुदाई में मिले बौद्ध कालीन अवशेष लाली पहाड़ी के एडमिनिस्ट्रेशन प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह ने कहा कि पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होने की उम्मीद बढ़ गई है राज्य सरकार ने लाली पहाड़ी की महत्ता को देखते हुए राजकीय स्मारक घोषित कर रखा है साथ ही लाली पहाड़ी को ब्रांड बिहार में भी शामिल किया गया है। वही लाली पहाड़ी पर खुदाई को लेकर सीएम नीतीश कुमार का भी दो-दो बार आगमन हो चुका है। प्रथम वर्ष की खुदाई कार्य का अवलोकन करने आए सीएम नीतीश कुमार ने लाली पहाड़ी पर मिले बौद्ध कालीन अवशेष को देखने के बाद अभिभूत हो गए। बौद्ध सर्किट के रूप में विकसित करने का आश्वासन दिया था सीएम नीतीश कुमार ने लाली पहाड़ी घोसी कुंडी बीच में पहाड़ एवं उड़ान को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की बात कही थी इसके लिए सड़क बनाने की बात भी उठी थी। मौके पर लोगों ने सीएम को लाली पहाड़ी एवं घोषित कुंडली के बीच क्यूल नदी पर पुल की आवश्यकता भी बताई गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर पूर्ण निगम के इंजीनियरों ने लाली पहाड़ी एवं घुसी कुंडी के बीच क्यों नदी पर पुल का डीपीआर बनाकर उपलब्ध कराया इसे स्वीकृति दे दी गई है क्यूल नदी में लाली पहाड़ी हम घोसी कुंडी के बीच पुल बनने से बौद्ध सर्किट की संभावना अधिक बढ़ जाएगी जिससे बौद्ध धर्मावलंबियों को एक अलग ही पर्यटन केंद्र होगा जिसका आकर्षण लाली पहाड़ी रहेगा। लाली पहाड़ी पर बौद्ध धर्मा धर्मावलंबियों का महत्वपूर्ण केंद्र मिलने की जानकारी मिलने पर भूटान के प्रधानमंत्री अवलोकन को पहुंचे थे इसे अद्भुत करार दिया । वहीं श्रीलंका के बौद्ध धर्मावलंबी भी लाली पहाड़ी पर आने वाले हैं। चर्चाओं पर गौर करें तो दूसरी बस की खुदाई कार्य का अवलोकन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर मार्च में लाली पहाड़ी पर आ सकते हैं। ऐसे में लाली पहाड़ी के पर्यटन केंद्र बनने की संभावना काफी बढ़ गई है। लाली पहाड़ी पर चल रही खुदाई कार्य में दिन-प्रतिदिन रहस्यों से पर्दा हटा जा रहा है। प्रतिदिन लाली पहाड़ी के संदर्भ में रोचक तथ्य सामने आ रहा है। पहाड़ के अंदर अभी कई रहस्य छिपे हैं इसका उजागर होना अभी बाकी है । विश्व भारती विश्वविद्यालय कोलकाता के प्रोफेसर अनिल कुमार एवं उनके टेक्निकल इंजीनियर के टीम के द्वारा पहाड़ी की खुदाई तेजी से चल रही है । खुदाई के दौरान पहाड़ी पर बड़ी संख्या में पत्थर के बड़े बड़े टुकड़े मिले हैं साथ ही पत्थर के बने दीवार एमसीडी भी मिली है इसे संभावना जताई जा रही है कि पहाड़ी के ऊपर पत्थर के बने बौद्ध मंदिर थे । जहां तहां पत्थर के टुकड़े के अवशेष एवं दीवार इसे प्रमाणित कर रहा है कि बौद्ध धर्मावलंबियों की रहा होगा बाड़ी के बड़े भूभाग में देखा जा रहा है। बौद्ध कालीन नक्काशी से परिपूर्ण कई अवशेष मिले हैं।

V.O 1... लाली पहाड़ी के एडमिनिस्ट्रेशन विश्व भारती विश्वविद्यालय कोलकाता के प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि पहले से यह प्रमाणित है कि लाली पहाड़ी के ऊपर महिला बौद्ध भिक्षुओं का साधना केंद्र रहा है । पूर्व के खुदाई से इतिहासकारों ने प्रमाणित भी किया है पहाड़ी के मध्य क्षेत्र में की गई खुदाई से मिल रहे अब से लाली पहाड़ी के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व को भी और बढ़ावा दे रहा है । उन्होंने बताया कि पत्थर के दीवाल एवं बड़े-बड़े पत्थर के टुकड़े पहाड़ के ऊपर बौद्ध मंदिर होने का प्रमाण दे रहा है । खुदाई अस्थल के 6 कोने पर मिले वॉच टावर भी मंदिर का प्रमाण दे रहा है। पहाड़ की खुदाई चल रही है कई रहस्यों का पता चलना भी बाकी है । पत्थर के अवशेषों की जांच कराई जाएगी काली पहाड़ी का धनबाद आईआईटी के इंजीनियरों के टीम में स्कैनिंग किया गया है। इसका खुलासा होगा टीम के द्वारा रिपोर्ट कर दिया जाएगा । रिपोर्ट आने के बाद का खुलासा कर दिया जाएगा । जो पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा देगी।

बाईट....प्रोफेसर अनिल कुमार...प्रशाषक,लाली पहाड़ी


Body:लखीसराय लाली पहाड़ी पर चल रही खुदाई में मिली बौद्ध कालीन अवशेष


Conclusion:लखीसराय लाली पहाड़ी पर चल रही खुदाई में मिली बौद्ध कालीन अवशेष

विश्व भारती विश्वविद्यालय कोलकाता के प्रोफेसर अनिल कुमार एवं उनके टेक्निकल इंजीनियर के टीम के द्वारा पहाड़ी की खुदाई तेजी से चल रही है । खुदाई के दौरान पहाड़ी पर बड़ी संख्या में पत्थर के बड़े बड़े टुकड़े मिले हैं साथ ही पत्थर के बने दीवार एमसीडी भी मिली है इसे संभावना जताई जा रही है कि पहाड़ी के ऊपर पत्थर के बने बौद्ध मंदिर थे । जहां तहां पत्थर के टुकड़े के अवशेष एवं दीवार इसे प्रमाणित कर रहा है कि बौद्ध धर्मावलंबियों की रहा होगा बाड़ी के बड़े भूभाग में देखा जा रहा है। बौद्ध कालीन नक्काशी से परिपूर्ण कई अवशेष मिले हैं।
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