खगड़ियाः सीआरपीएफ 34 वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत विजय कुमार मिश्रा का शव पैतृक गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. जवान के शव से लिपटकर उनकी पत्नी फूट-फूटकर रो पड़ीं. पूरा गांव गमगीन हो गया.
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जानकारी के अनुसार खगड़िया जिले के बेलदौर थाना इलाके के फुलवरिया गांव के आनन्दी मिश्रा के बड़े पुत्र विजय कुमार मिश्रा सीआरपीएफ में हेड कांस्टेबल के पद पर असम के नगांव में पदस्थापित थे. बीते बृहस्पतिवार को आपसी झड़प में विजय मिश्रा को गोली लग गयी. जिसके बाद उनकी मौत हो गयी थी. मृतक विजय मिश्रा के शव के गांव पहुंचते ही हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गयी और शहीद विजय अमर रहें के नारों से इलाका गुंजायमान हो उठा.
बताया गया है कि विजय कुमार मिश्रा का निधन असम में ड्यूटी के दौरान हो गया था. आश्चर्यजनक पहलू यह है कि सीआरपीएफ के द्वारा परिजनों को मृत्यु का कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा रहा है. सिर्फ यह बताया गया कि गोली लगने से विजय कुमार मिश्रा का निधन हुआ है.
सलामी देने सीआरपीएफ की टुकड़ी के साथ फुलवरिया पहुंचे एक अधिकारी ने बताया कि विजय कुमार मिश्रा को कैसे गोली लगी और कैसे उनकी मौत हुई उन्हें भी इसकी पूरी जानकारी नहीं है. उन्हें सिर्फ आदेश मिला है कि हेड कांस्टेबल विजय मिश्रा के शव को पटना एयरपोर्ट से सम्मानपूर्वक प्रोटोकॉल के तहत घर पहुंचाया जाए. इसी के तहत वो यहां आए हैं और जवान के शव को सलामी दी गई.
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वहीं, परिजन को भी मौत का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है. सिर्फ ये जानकारी दी गई है कि विजय मिश्रा की मौत गोली लगने से हुई है. मृतक विजय मिश्रा के भाई ने सरकार से मांग की है कि विजय को शहीद का दर्जा दिया जाय. विजय मिश्रा अपने पीछे पत्नी दो पुत्र और एक पुत्री छोड़ गए हैं जिनका रो रोकर बुरा हाल है.