बोर्ड की लापरवाही से महिला परीक्षा केंद्र पर तमाशा बना छात्र, लड़कियों के बीच बैठकर देनी पड़ी परीक्षा

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Published : Feb 18, 2022, 8:40 AM IST

Updated : Feb 18, 2022, 9:37 AM IST

women center in Jehanabad

बिहार बोर्ड (Bihar School Examination Board) की कार्यशैली पर यूं ही सवाल नहीं उठता है. पिछले कुछ सालों में बोर्ड ने ऐसे-ऐसे कारनामे किए हैं. जिससे ना सिर्फ पटना हाई कोर्ट में फटकार लगी है. बल्कि, बोर्ड की वजह से सरकार की भी बदनामी भी हुई है. राज्य में इंटर की परीक्षा हो रही है. जाहिर है इस बार भी विभाग के दावे फेल साबित होते दिख रहे हैं. दरअसल, जहानाबाद में लड़कियों के लिए बने परीक्षा केंद्र में एक पुरुष अभ्यर्थी ने मैट्रिक की परीक्षा (Boy Gave Exam At Women Exam Center) दी. पढ़ें पूरी खबर..

जहानाबाद: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा (Bihar Matric Exam 2022) गुरुवार से शुरू हो गई है. परीक्षा के पहले दिन शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बिहार के जहानाबाद जिले में बने परीक्षा केंद्र, जो सिर्फ महिलाओं के लिए हैं. वहां विभाग की लापरवाही के कारण एक पुरुष परीक्षार्थी परीक्षा दे रहा (Male Candidates Took Matric Examination At Women Center) है. इसको लेकर पूरे प्रदेशभर में जहानाबद शिक्षा विभाग की किरकिरी हो रही है.

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गुरुवार को मैट्रिक परीक्षा के प्रथम पाली में गणित की और द्वितीय पाली में भी गणित की परीक्षा हुई थी. 16 लाख 49 हजार विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2022 के प्रथम दिन कुल 1525 परीक्षा केंद्रों पर दोनों पारियों में गणित विषय की परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न कराई गई. लेकिन इस बीच जहानाबाद शिक्षा विभाग की लापरवाही से पूरे बिहार में विभाग की बदनामी हो रही है. दरअसल, जहानाबाद शहर का एक परीक्षा केंद्र ऊंटा में बनाया गया है, जो कि सिर्फ छात्राओं के लिए ही था. लेकिन इस महिला परीक्षा केंद्र में एक पुरुष अभ्यार्थी ने मैट्रिक की परीक्षा दी. छात्र का नाम प्रियांशु है और वो टेहटा हाई स्कूल का छात्र है.

हालांकि, ये ऐसा मामला कोई नया नहीं है, इसी केंद्र में ठीक ऐसा ही मामला इंटरमीडिएट की परीक्षा में भी हुआ था. जहां की गुलशन कुमार लड़का लड़कियों के केंद्र पर परीक्षा दे रहा था. हालांकि इस मामले में जिला शिक्षा विभाग ने अपना हांथ झाड़ लिया था और कहा था कि इसमें शिक्षा विभाग नहीं, बल्कि छात्र की गलती है. लेकिन फिर उसको बिहार विद्यालय शिक्षा समिति ने संज्ञान में लेते हुए इक्किल विद्यालय के प्रधानाध्यापक के ऊपर प्राथमिक दर्ज करने का आदेश दिया है. ऐसे में ये नया मामला मैट्रिक की परीक्षा में फिर से सामने आया है. इसमें देखना है कि इसको शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय शिक्षा समिति कैसे निपटती है.

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Last Updated :Feb 18, 2022, 9:37 AM IST
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