गोपालगंज में बाघ के पंजे के निशान मिलने की आशंका, ग्रामीणों में दहशत

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Published : Oct 24, 2022, 10:27 AM IST

Updated : Oct 24, 2022, 12:37 PM IST

गोपालगंज में बाघ के पंजे के निशान

वन विभाग की टीम और स्थानीय प्रशासन जाल लेकर बैकुंठपुर प्रखण्ड के फैजुल्लापुर गांव (Faizullapur Village of Baikunthpur Block) में पहुंच चुका है. रात होने की वजह से तत्काल बाघ को पकड़ने के लिए ऑपरेशन नहीं चलाया जा सका था.

गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर प्रखण्ड फैजुल्लापुर गांव में बाघ के पंजे (Tiger Claws Likely To Be found In Gopalganj) के निशान मिलने की आशंका जताई जा रही है. ग्रामीणों में भय का महौल है. वन विभाग की टीम और स्थानीय प्रशासन जाल लेकर गांव में पहुंचे हैं. रात होने की वजह से बाघ को पकड़ने के लिए तत्काल ऑपरेशन नहीं चलाया जा सका था. कई लोग फिशिंग कैट के पंजे के निशान होने की आशंका भी जता रहे हैं.

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दियरा इलाके में बाघ की चहल कदमी: दरअसल बगहा में इसी महीने एक आदमखोर बाघ ने 7 लोगों की जान ले ली थी. बाद में ऑपरेशन चलाकर बाघ को मार दिया गया लेकिन अब गोपालगंज जिले के दियरा इलाके में भी बाघ के चहल कदमी करने की बात सामने आई है. जिसके बाद आस पास के इलाके में सनसनी फैल गई है. ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग व स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया. स्थानीय लोगों की मानें तो रात के अंधेरे में बाघ की चहलकदमी दिखी. वहीं, गंडक नदी के किनारे पंजे का निशाना देखा गया. इसके बाद वन विभाग और पुलिस को इसकी सूचना दी गई.

सुबह में शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशनः ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के रेंजर के साथ स्थानीय बीडीओ अशोक कुमार, थानाध्यक्ष धनंजय राय समेत पर्याप्त संख्या में पुलिस बल पहुंच गये. अधिकारियों की टीम ने चारों तरफ जाल का घेरा बनाकर टॉर्च की रोशनी में बाघ के पंजों की जांच शुरू कर दी. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी बाघ दिखने की पुष्टि अभी नहीं कर रहे हैं. इस संदर्भ में बैकुंठपुर थानाध्यक्ष धनंजय राय ने बताया कि रात होने की वजह से वन विभाग की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं कर सकी लेकिन सुबह में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. जिस जगह पर बाघ के पंजे के निशान मिले थे उसके आधार पर वन विभाग की टीम आगे तक बढ़ती गयी लेकिन सफलता अब तक हाथ नहीं लग सकी है.

"ग्रामीणों की सूचना पर रेंजर की टीम लगी हुई है. पग चिन्ह नहीं मिला है, रात होने की वजह से दिक्कतें हो रही थीं. रात होने की वजह से वन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो सका. प्रथम दृष्टया में फिशिंग कैट के पंजे होने की आशंका है, अभी जांच की जा रही है"- राम सुंदर एम, वन पदाधिकारी

स्पॉट जांच कर डीएम ने मांगी रिपोर्टः वहीं, डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने इस मामले में वन विभाग से स्पॉट जांच कर रिपोर्ट मांगी है. डीएम ने कहा कि ग्रामीणों की सूचना पर प्रशासन अलर्ट है. डीएम ने कहा कि ग्रामीणों ने आशंका जतायी है कि गंडक नदी के रास्ते बाल्मीकिनगर टाइगर प्रोजेक्ट से बाघ इलाके में आया होगा. हालांकि जब तक इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाती या फिर बाघ पकड़ा नहीं जाता तब तक कुछ भी कहना मुश्किल होगा.

"ग्रामीण गंडक नदी के रास्ते बाल्मीकिनगर टाइगर प्रोजेक्ट से बाघ इलाके में आने की बात कह रहे हैं. अभी तक पुष्टी नहीं हुई है. जब तक इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाती या फिर बाघ पकड़ा नहीं जाता तब तक कुछ भी कहना मुश्किल होगा"- डॉ नवल किशोर चौधरी, डीएम

Last Updated :Oct 24, 2022, 12:37 PM IST
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