बदहाली के आंसू रो रहा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद बस स्टैंड, सुविधाओं का है घोर आभाव

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Published : Feb 8, 2020, 10:41 AM IST

Gopalganj

विभागीय लापरवाही के कारण बस स्टैंड के विकास कार्य नहीं हो सके हैं. इस कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पूरे स्टैंड परिसर में कीचड़ ही कीचड़ दिखाई देता है.

गोपालगंज: पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर बना राजेन्द्र बस स्टैंड इन दिनों बदहाली का शिकार हो गया है. यहां यात्रियों को दी जाने वाली व्यवस्था भी नदारद है. चारों ओर कीचड़ और गंदगी के बीच सैकड़ों यात्री विभिन्न जगह सफर करने के लिए यहां पहुंचकर बस पकड़ते है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण यह स्टैंड आज बदहाली का दंश झेल रहा है.

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बदहाल स्थिति में बस स्टैंड

यात्रियों की सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं
इस बस स्टैंड से पटना, मुजफ्फरपुर से लेकर सिलीगुड़ी और रांची के लिए बस चलती है. हर साल इस स्टैंड की बंदोबस्ती से नगर परिषद को लाखों रुपए की आय होती है, लेकिन इसके बाद भी इसे स्टैंड में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. यहां ना तो यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था है और ना ही बसों को खड़ा करने के लिए कोई सिस्टम है. पूरे स्टैंड परिसर में कीचड़ ही कीचड़ दिखाई देता है.

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सुविधा का है घोर आभाव

फाइलों में ही रह गई योजना
बस स्टैंड परिसर में वातानुकूलित भवन बनाए जाने की नगर परिषद की ओर से नई योजनाएं बनाई थी. यात्रियों के लिए टीवी भी लगाया जाना था. इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए यहां वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई. 4.50 करोड़ की योजना तैयार कर नगर परिषद ने स्वीकृति के लिए नगर विकास विभाग को भेज दिया, लेकिन प्रस्ताव योजना विभाग के फाइलों में ही रह गई है.

पेश है रिपोर्ट

नगर विकास विभाग से नहीं मिली स्वीकृति
नगर परिषद ने नया प्रस्ताव विभाग को भेज दिया है, लेकिन 5 महीना बीतने के बाद भी अब तक नगर विकास विभाग ने इस योजना को स्वीकृति नहीं दी है. इस संदर्भ में नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प योजना विकास विभाग में फस गई है. उन्होंने कहा कि 4.50 करोड़ की राशि से राजेंद्र बस स्टैंड को हाईटेक बनाने की योजना 2 साल पहले ही तैयार की गई थी.

Intro:बदहाली का दंश झेल रहा राजेन्द्र बस स्टैंड
---हर साल स्टैंड की बंदोबस्ती से नगर परिषद की होती है लाखों रुपए की आय

गोपालगंज। पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर बना राजेन्द्र बस स्टैंड इन दिनों बदहाली के शिकार हो गया है। बदहाली ऐसी की यहां यात्रियों को दी जाने वाली व्यवस्था भी नदारद है। चारो ओर कीचड़ व गन्दगी के बीच सैकड़ों यात्री विभिन्न जगह सफर करने के लिए यहां पहुंच कर बस पकड़ते है। लेकिन विभागीय उदाशीनता के कारण यह स्टैंड आज बदहाली का दंश झेल रहा है।






Body:यह स्टैंड जिले के एकमात्र मुख्य बस स्टैंड है। इस स्टैंड में सूबे के राजधानी पटना मुजफ्फरपुर से लेकर सिलीगुड़ी तथा रांची के लिए बस चलती है। हर साल इस स्टैंड की बंदोबस्ती से नगर परिषद को लाखों रुपए की आय होती है। लेकिन इसके बाद भी इसे स्टैंड में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है । यहां न तो यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था है। और ना ही बसों को खड़ा करने के लिए कोई सिस्टम। पूरे स्टैंड परिसर में कीचड़ ही कीचड़ दिखाइ देता है। यात्रियों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नही है। यात्री सेड जर्जर होकर टूट टूट कर गिर रहे है। नशाखुरानीयो का यह अड्डा बना हुआ है। बारिश होने पर यहां जलजमाव की स्थिति उतपन्न हो जाती है। हर साल इस स्टैंड की बंदोबस्ती से नगर परिषद को लाखों रुपए की आय होती है। लेकिन इसके बाद भी इस स्टैंड में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है । यहां यात्रियों के परेशानी को देखते हुए 2 साल पहले बस स्टैंड परिसर में वातानुकूलित भवन बनाए जाने की नगर परिषद नई योजनाएं बनाई। यात्रियों के बैठने की बढ़िया व्यवस्था से लेकर टीवी भी लगाया जाना था। डिस्प्ले पर बस के बारे में सूचना देने से लेकर बस स्टैंड परिसर में मॉल भी बनाए जाना है जहां रेस्टोरेंट्स से लेकर यात्रियों की सुरक्षा के सभी सामान मिलेंगे। इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए यहां वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई 4.50 करोड़ की योजना तैयार कर नगर परिषद ने स्वीकृति के लिए नगर विकास विभाग को भेज दिया। लेकिन योजना विभाग के फ़ाइलों में ही रह गई है। हालांकि इस बीच 6 माह पहले नगर विभाग विकास विभाग ने नगर परिषद की राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प करने के लिए फिर से प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद नगर परिषद ने नया प्रस्ताव विभाग को भेज दिया लेकिन 5 महीना बीतने के बाद भी अब तक नगर विकास विभाग ने इस योजना को अपनी स्वीकृति नही दी है। इस संदर्भ में नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प योजना विकास विभाग में फस गई 4.50 करोड़ की राशि से राजेंद्र बस स्टैंड को हाईटेक बनाने की योजना 2 साल पहले तैयार की गई थी।

बाइट-हरेंद्र चौधरी, चेयरमैन नगर परिषद मॉलर व जैकेट
बाइट-डब्लू कुमार, पगड़ी बांधे
बाइट-विकास कुमार,काला टी-शर्ट
बाइट-मदन चौधरी




Conclusion:गोपालगंज जिला मुख्याल में बने स्टैंड से हर वर्ष लाखो रुपये की आमदनी होती है बावजूद स्टैंड की बदहाली खत्म नही होती जिससे यात्री आये दिन परेशानी का समान करने को विवश होते है।
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