ग्राउंड रिपोर्ट: गया में पिछले 15 सालों से चल रहा है धर्मांतरण का खेल, लोगों पर अंधविश्वास हावी

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Published : Jul 16, 2021, 10:40 PM IST

विश्वास या अंधविश्वास

गया बुद्ध की नगरी कहलाती है. लेकिन यहां लोग बौद्ध नहीं ईसाई धर्म में परिवर्तित हो रहे हैं. एक दिन पहले ईटीवी भारत ने धर्म परिवर्तन की इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर पढ़कर गांव में धर्म परिवर्तित कर चुके सैकड़ों लोगों से मिलने विश्व हिंदू परिषद के लोग पहुंचे. पढ़ें रिपोर्ट...

गया: शहर से सटे नैली पंचायत के कई दलित बस्तियों में धर्म परिवर्तन (Religion Conversion) का खेल पिछले डेढ़ दशक से चल रहा है. ईटीवी भारत ने खबर की पड़ताल की तो पूरा खेल अंधविश्वास से जुड़ा मिला. किसी की तबीयत खराब हुई, पादरी ने पानी पिलाया तो लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया. गांव और आसपास के सैकड़ों लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है.

15 जुलाई को ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रकाशित किया. उसके बाद विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने गया (Gaya) के इस गांव में पहुंच कर लोगों को समझाया. लेकिन वहां के लोग उनसे बात तक करने को तैयार नहीं हुए.

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दरअसल, गया जिले के नैली पंचायत के दुबहल गांव से सटे कई दलित बस्तियों में पिछले 15 सालों से धर्म परिवर्तन का खेल जारी है. हिंदू धर्म को ईसाई धर्म में परिवर्तन करवाया जा रहा है. ईटीवी भारत ने जब ग्राउंड जीरो पर जाकर पूरी सच्चाई की पड़ताल की तो पता चला कि मामला अंधविश्वास और विश्वास से जुड़ा है.

धान रोपनी के पहले आषाढ़ी पूजा होती है. उस पूजा को मांझी समाज के लोग करते हैं. जब इस साल पूजा नहीं हो रही थी, तो अन्य समाज के लोगों ने इसके बारे में जानकारी ली. पता चला कि मांझी परिवार के लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'मेरे ऊपर शैतान आता था. शैतान को भगाने के लिए हिन्दू धर्म के ओझा-गुनी के पास गए थे. हम लोगों ने 40 से 50 हजार खर्च किया. शैतान नहीं भागा. तब पादरी बोधगया के चर्च में ले गए. उन्होंने पूजा की. मेरे शरीर से शैतान भाग गया. उस वक्त से ईसाई धर्म अपनाए हुए हैं.' -पार्वती देवी

'इस बस्ती में 15 सालों से लोग ईसाई धर्म से जुड़े हैं. मेरे आस-पड़ोस में कई लोग सालों से ईसाई धर्म अपनाए हुए हैं. एक दिन मेरा बेटा बीमार हुआ. कहीं ठीक नहीं हो रहा था. चर्च गए पादरी ने प्रार्थना की और नीर छींटा तो ठीक हो गया. तब से मैं चर्च जाती हूं और ईसाई धर्म अपनाई हुई हूं.' -सुमनी देवी

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ईटीवी भारत पर खबर पढ़ने के बाद विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने दलित बस्तियों में जाकर लोगों को समझाने का प्रयास किया.

'जो लोग हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन कर चुके हैं, उनकी घर वापसी के लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं की जाएगी. हम लोग सेवा भाव से और सरल स्वभाव से इन लोगों को हिंदू धर्म के बारे में समझाएंगे. इनकी मर्जी के अनुसार हिंदू धर्म में घर वापसी करवाएंगे. सनातन धर्म सबसे पुराना धर्म है. इस धर्म के बारे में लोग अंधविश्वास फैलाकर और अपने धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. यह खेल कोई एक दिन का नहीं, वर्षों वर्षों से चलता आ रहा है. इस खेल का भंडाफोड़ भी हम लोग करेंगे. सरकार और जिला प्रशासन से अनुरोध है कि धर्मांतरण खेल का जल्द से जल्द उजागर करें, नहीं तो हम लोग इस पर भी आगे कार्रवाई करेंगे.' -प्रेम नाथ, सदस्य, विश्व हिंदू परिषद

आपको बता दें कि जब सैकड़ों लोगों ने ईसाई धर्म को अपना लिया और इसका जब खुलासा हुआ तो दुबहल गांव में माहौल तनावपूर्ण बन गया. पुलिस इस माहौल को शांत करने के लिए लगातार गश्त कर रही है. सिटी एसपी से लेकर स्थानीय थाने की पुलिस हर दिन यहां आकर दौरा कर रही है. हालांकि इस मामले में अभी तक कोई भी आवेदन और एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

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