गया की पूजा ऐसे बनी आत्मनिर्भर: दो गायों से शुरू किया दूध का कारोबार, अब सालाना लाखों की कमायी

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Published : Oct 5, 2022, 7:54 PM IST

गया की पूजा ऐसे बनी आत्मनिर्भर

गया की पूजा देवी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. ससुराल की आर्थिक हालत खराब देख अपने बलबूते दो गाय खरीदकर डायरी का बिजनेस शुरू (Dairy Business In Gaya) किया. आज वह लाखों का कारोबार कर रही हैं. पढ़ें पूरी खबर....

गया: बिहार के गया की बिजनेस वूमेन पूजा देवी (Business Woman Puja Devi Of Gaya) आज आत्मनिर्भर है. लाखों का कारोबार कर रही हैं. आज दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी पूजा देवी का परिवार कभी गरीबी की जिंदगी जा रहा था. लेकिन मजबूत इरादे और कड़ी मेहनत से उन्होंने ऐसा मुकाम हासिल किया, जो लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. दो गाय खरीदकर दूध बेचने का बिजनेस शुरू किया था. अब मिनी डेयरी से जिले के कई गांवों में दूध की सप्लाई कर रही हैं.

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2019 में 2 गायों से की थी शुरुआत: जिले के बाराचट्टी प्रखंड अंतर्गत बिंदा गांव की रहने वाली पूजा देवी की जब शादी हुई थी, तो उसके ससुराल की हालत आर्थिक तौर पर ठीक नहीं थी. पैसे की किल्लत आए दिन बनी रहती थी. इस परेशानी को पूजा देवी ने चुनौती के रूप में लिया और 2019 में दो गायों की किसी तरह से खरीदा. इसके बाद गौ-पालन कर दूध बेचने का धंधा शुरू किया. व्यवसाय चल निकला तो पूजा देवी ने गांव के दूसरे गौ-पालकों से दूध की खरीदी करनी शुरू कर दी.

मिनी डेयरी से 350 लीटर दूध की बिक्री: पूजा देवी को शुरू में दूध की खरीददारी कर उसे नजदीक में रहे डेयरी तक पहुंचाना पड़ता (Pooja Of Gaya Doing Dairy Business) था. किंतु उनकी मेहनत धीरे धीरे रंग लाने लगी. महज 7 किलो दूध बेचने वाली पूजा देवी, अब 350 लीटर दूध अपने मिनी डेयरी में खरीददारी करती है. इससे अब वह सालाना लाखों रुपए की आमदनी कर रही है. जिससे उनकी गृहस्थी ना सिर्फ आराम से खींच रही, बल्कि पैसों का बचत कर बिजनेस को आगे भी बढ़ा रही हैं.

अच्छी क्वालिटी की दूध ने बनायी पहचान : पूजा देवी ने बताया कि महिलाओं के लिए इस काम को करना चुनौती थी. लेकिन एक बार इस व्यवसाय को शुरू कर दिया तो पीछे पलट कर नहीं देखा. नतीजा यह है कि आज वह 350 लीटर दूध अपने घर से डेयरी में सप्लाई करती है. अब डेयरी की गाड़ी देहरी तक पहुंचती है. ग्राहक दूध लेकर आता है तो उसकी गुणवत्ता जांच करती है. गुणवत्ता जांच करने के बाद उसका वजन लिया जाता है. गुणवत्ता के आधार पर उसकी राशि दूध देने वाले को दे दी जाती है.

पूजा ने बताया कि उसके मिनी डेयरी में सब कुछ रखा है. जरूरत अनुसार सारी मशीनें रखी है. जिसमें वेट मशीन से लेकर गुणवत्ता और हिसाब-किताब के लिए कैलकुलेटर भी है. रसीद देने के लिए भी मशीन मौजूद है.


"यदि सरकारी सहायता मिले तो वह इस बिजनेस को और आगे बढ़ाया जा सकता है. अभी तक किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली है. महिला होने के नाते सरकार को मदद करना चाहिए, ताकि आत्मनिर्भर बन सके. शुरू में उसके पति दिनेश कुमार वर्मा कोई काम नहीं करते थे. अब उसके आत्मनिर्भर बनने के बाद थोड़ा मदद करने लगे हैं" -पूजा देवी, मिनी डेयरी संचालक
कई गांव के गौ-पालक देते हैं दूध: पूजा देवी गांव ही नहीं क्षेत्र के कई गांव से दूध लेकर गौ-पालक या भैंस पालन करने वाले रोजाना सुबह-शाम आते हैं. अभी स्थिति यह है कि क्षेत्र में मवेशी पालकों की संख्या काफी बढ़ गई है. इस तरह से लोगों को एक रोजगार का विकल्प ढूंढ लिया है. पूजा बताती हैं कि उसे यह रोजगार फिलहाल कम मुनाफे पर करना पड़ रहा है. कई गौ-पालक सुबह-शाम रोजाना दूध देकर जाते हैं. गौ-पालकों भी काफी आसानी से दूध बेच पाते हैं.

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