कचरों का कलेक्शन कर बना दिया पार्क, खूबसूरती देखकर हैरान रह जाते हैं लोग, हाथी-रेल का इंजन, झूला बढ़ा रहे शोभा

कचरों का कलेक्शन कर बना दिया पार्क, खूबसूरती देखकर हैरान रह जाते हैं लोग, हाथी-रेल का इंजन, झूला बढ़ा रहे शोभा
गया में बना कचरा पार्क अपने आप में एक उदाहरण है, जो बताता है कि कचरों से भी काफी कुछ उपयोगी वस्तुएं बनाई से जा सकती है. जो निर्माण के बाद अत्यंत ही सुंदर हो जाती है. आगे पढ़ें कैसे इसे तैयार किया गया है.
गया : बिहार के गया में एक अनोखा पार्क है, जिसका नाम कचरा पार्क रखा है. यह पार्क गया शहर के स्टेशन रोड में स्थित है. नगर निगम के स्टोर में बना यह अनोखा पार्क आकर्षण का केंद्र के रूप में बना हुआ है. गया नगर निगम के एक सफाई पदाधिकारी के आईडिया से यह कचरा पार्क बन गया, जो लोगों को हैरान करता है.
चुनिंदा कचरों का कलेक्शन करवाते हैं चंद्र मोहन : गया नगर निगम के सफाई निरीक्षक चंद्र मोहन हर साल दीपावली में उपयोग में आने वाले चुनिंदा कचरों का कलेक्शन करवाते हैं. यह कलेक्शन खासतौर पर करवाया जाता है. दीपावली में निकलने वाले कचरो का कलेक्शन करवाने के बाद उससे यह कारीगरी करते हैं.
बेकार चीजों को लेकर आया आईडिया : कारीगरी के बाद कचरों के कलेक्शन से तरह-तरह के आकर्षण सामान बना डालते हैं. इतना ही नहीं आकर्षक सामानों की देखरेख का भी जिम्मा इन्होंने ही उठाया है. पेंटिंग, सफाई भी यही करते हैं. हालांकि इसमें निगम कर्मियों का भी सहयोग लिया जाता है. यह आइडिया चंद्र मोहन को अचानक आया था और उसके बाद उन्होंने कचरा पार्क निगम के स्टोर में ही एक बड़े स्थान पर बना दिया.
..ऐसे बना दिया कचरा पार्क : स्टेशन रोड में निगम का स्टोर है. यहां निगम के कूड़े कचरे के काम में उपयोग होने वाले वाहनों, अन्य संसाधनों के अलावे एक सुंदर पार्क देखने को मिल जाएगा, लेकिन इसका नाम कचरा पार्क है. कहने को तो यह कचरा पार्क है, लेकिन जब इस पार्क को देखा जाता है, तो देखने वाले भी हैरान रह जाते हैं. कचरा पार्क सेल्फी प्वाइंट समेत आकर्षक सामानों से लैस है और इसे देखने के लिए लोग आते भी हैं.
ड्रम का हाथी, मोबिल व प्लास्टिक के डिब्बों के फूलदान : नगर निगम के सफाई निरीक्षक चंद्र मोहन बताते हैं कि उन्होंने कचरा से कचरा पार्क बनाया है. निगम कर्मियों के सहयोग से यह किया गया है, लेकिन यह आइडिया उनका ही था. उन्हें लगा कि अक्सर लोग अच्छे सामानों को भी बेकार समझ कर फेंक देते हैं. ऐसे में उन्होंने जागरूकता के मकसद से इस प्रकार का कचरा पार्क बनाया है.
''खास तौर पर दीपावली के समय में कचरे के रूप में जो भी उपयोगी सामान देखते हैं, उसे अलग छांटकर रख लेते हैं. अलग-अलग रखने के बाद उसे रूप दिया जाता है, जो किसी सामान का, वस्तु-जानवर समेत अन्य चीजों का होता है. टूटे-फूटे ड्रम से सुंदर हाथी का रूप तैयार किया है. रेल का इंजन भी बनाया है. पत्थरों से फव्वारा, मूर्ति का कलेक्शन किया है. टूटे-फूटे लोहे से सेल्फी प्वाइंट और झूला बनाया गया है. बेकार टीवी को और सीसीटीवी को भी स्थान देकर सौंदर्य बढ़ाया गया है.''- चंद्र मोहन, सफाई निरीक्षक, गया नगर निगम
ये भी पढ़ें :-
